सर्च इंजन क्या है और इसका उपयोग क्या है?

हर रोज़ आप इन्टरनेट से कई जानकारी ढूंढ कर निकालते हैं और इसके लिए एक माध्यम का जरुर इस्तेमाल करते हैं लेकिन क्या आपने जानने की कोशिश की ये सर्च इंजन क्या है (What is Search engine in hindi) और इसका उपयोग क्या है.

सर्च इंजन एक ऐसा प्रोग्राम है जो किसी भी डेटाबेस में उन जानकारियों को पहचानता और ढूंढता है जो यूजर द्वारा डाले हुए कीवर्ड के अनुसार या फिर उससे जुड़े हुए होते हैं. सर्च इंजन का उपयोग वर्ल्ड वाइड वेब पर वेबसाइटों को ढूंढने के लिए किया जाता है.

हमे कोई जानकारी लेनी हो तो इसमें हमे किसी तरह की दिक्कत नहीं होती है और मनचाही जानकारी खुद सर्च कर लेते हैं.

पहले का वक़्त ऐसा था जब हमे कई सवालों के जवाब अपने शिक्षक, और बुजुर्गों से पूछना पड़ता था. फिर भी कई ऐसे सवाल होते थे जिनका जवाब हमे किताबों से ढूंढने के लिए लाइब्रेरी जाना होता था.

मुझे अभी भी याद है वो दिन जब एग्जाम की तैयारी करते हुए कई ऐसे सवाल होते थे जो पूरी किताब छान मार लेने से भी नहीं मिलते थे.

लेकिन उन सवालों के जवाब भी इंटरनेट में उपलब्ध थी. उस समय से थोड़ा पीछे भी अगर चले जाए तो ऐसा वक़्त था जब कम इंटरनेट यूजर थे और वेबसाइट ओनर भी कम थे तो जानकारी उतनी ज्यादा उपलब्ध नहीं थी.

गूगल क्या है और किस देश की कंपनी है ये शायद सभी लोग जानते होंगे लेकिन एक वेबसाइट होने के साथ साथ ये एक सर्च इंजन भी ये कम ही लोग जानते हैं.

जी हाँ आपने सही समझा गूगल सिर्फ एक वेबसाइट नहीं बल्कि ये एक सर्च इंजन हैं और यही वो जरिया है जिससे हमे कोई भी जानकारी मिलती है. ये हमारे पूछे गए जानकारी को दुनिया के अनगिनत वेबसाइट में से ढूढ़ कर ले आता हैं.

अगर सर्च इंजन ना होते तो हमारे लिए वेबसाइट तक पहुंचना बहुत ही मुश्किल होता. फिर तो हमे जरुरी के वेबसाइट का नाम प्रचार या विज्ञापन के माध्यम से पता चलता या फिर हमे वो वेबसाइट का URL भी लिख कर रखना पड़ता.

अब एक बार सोच कर देखिये की आज हम क्या करते हैं. हमे हर वेबसाइट का नाम याद रखना जरुरी नहीं है. बस सर्च इंजन में कीवर्ड डाला और उससे जुडी सभी बेस्ट वेबसाइट हमारे सामने आ जाती है.

सर्च इंजन के बिना इन्टरनेट सर्फिंग करना और काम की वेबसाइट तक पहुँच पाना कितना मुश्किल होता हम अच्छे से समझ सकते हैं.

इसीलिए इस पोस्ट में विस्तार से जानेंगे की सर्च इंजन क्या होता है(What is Search engine in hindi).

साथ ही ये भी जानेंगे की इसका उपयोग क्या है और गूगल के अलावे दुसरे सर्च इंजन के नाम भी जानेंग .

सर्च इंजन की जानकारी

सर्च इंजन एक तरह का सॉफ्टवेयर या प्रोग्राम होता है जो की इन्टरनेट के माध्यम से काम करता है. जो यूजर द्वारा डाले गए क्वेरी के आधार पर जानकारी के डाटाबेस (संग्रह) तक पहुँचता है और फिर अच्छे से अच्छा रिजल्ट यूजर को देता है.

सर्च इंजन रिजल्ट को लिस्ट के रूप में दिखाता है जिसमे यूजर द्वारा खोजे जा रही जानकारी के लिए सबसे अच्छी जानकारी उपलब्ध रहती है. चलिए इसे एक उदाहरण द्वारा समझ लेते हैं मान लीजिये मुझे जानना है की

“कंप्यूटर क्या है”

तो हम इस कीवर्ड को गूगल या दुसरे सर्च इंजन में डालेंगे और सर्च करेंगे.

अब यहाँ गूगल क्या करेगा की जितने भी इसके डाटाबेस में वेबसाइट होंगे उन सभी को देखेगा और जिस वेबसाइट में कंप्यूटर क्या है इस कीवर्ड के साथ इसका जवाब भी लिखा होगा उन सभी वेबसाइट को लिस्ट के रूप में हमे दिखाएगा.

जिस पेज में गूगल इन सभी वेबसाइट को लिस्ट बनाकर दिखता है उसे हम सर्च इंजन रिजल्ट पेज बोलते हैं.

अब इस लिस्ट में सबसे ऊपर वो वेबसाइट होगा जो सर्च इंजन के अनुसार सबसे अच्छा होगा और जो उसके अल्गोरिथम के अनुसार सभी नियम का पालन करता होगा जिसे हम सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन यानि की SEO के नाम से भी जानते हैं.

सर्च इंजन यूजर को संतुष्ट करने के लिए उनके पूछे गए सवाल का सटीक जवाब देना चाहती है इसीलिए जो सबसे अच्छी जानकारी रखता है वही वेबसाइट SERP में सबसे ऊपर होता है.

आज अगर बात करें इन्टरनेट में आज कितने वेबसाइट हैं जो सर्च इंजन की तरह काम करते हैं तो आपको भी ये बढ़िया से मालूम होगा की ऐसे कई सारे वेबसाइट उपलब्ध हैं.

लेकिन इन में सबसे अधिक पॉपुलर गूगल है इसके अलावा Bing, Yahoo, Ask.com, yandex भी इस्तेमाल किये जाते हैं.

सर्च इंजन कैसे काम करता है?

हर सर्च इंजन सर्च रिजल्ट जेनेरेट करने के लिए बहुत ही जटिल गणितीय फार्मूला (Complicated Mathematical Formula) का इस्तेमाल करती है इसके बाद ही ढूंढने वाले कीवर्ड के लिए SERP पर रिजल्ट दिखाया जाता है.

इसका अल्गोरिथम वेबसाइट के वेबपेज में जाकर वहां से पेज का टाइटल, कंटेंट, हैडिंग, कीवर्ड डेंसिटी को Crawl करता है और key element को analyse करता है.

इसके बाद धीरे वेबसाइट के  पेज की तुलना करते हैं और सभी के एक एक पहलु पर यूजर सटिस्फैक्शन को दखते हुए वेब पेज को SERP में रैंकिंग देता है.

हर सर्च इंजन का अल्गोरिथम यूनिक होता है. इसीलिए ऐसा होता है की याहू में जो पोस्ट रैंकिंग में नंबर 1 पर है वो गूगल के रैंकिंग में किसी और नंबर पर होता है.

ऐसा सभी सर्च इंजन में होता है हर पोस्ट की रैंकिंग दुसरे में अलग अलग होती है.

इन इंजन के द्वारा प्रयोग किया जाने वाला अल्गोरिथम काफी सीक्रेट रखा जाता है और इस में लगातार बदलाव कर के इसे बेहतर बनाने की कोशिश की जाती है.

इस का मतलब ये है की किसी सर्च इंजन को समझने के लिए इस में आपको प्रयोग करने होंगे और रिजल्ट को देखना होगा.

साथ ही इसमें मिलने वाले एरर को भी analyse करना होगा और ये सिर्फ एक बार नहीं बल्कि बार बार और हमेशा करना होगा क्यूंकि अल्गोरिथम में अपडेट भी हमेशा होता रहता है.

बहुत लोगों के लिए तो गूगल ही इंटरनेट होता है उनके लिए दूसरे साइट को खोजने का पहला कदम यही होता है और सच माने तो इंटरनेट की दुनिया में ये सबसे बड़ा आविष्कार है.

अगर इस तरह के वेबसाइट न होते तो हर किसी को इतनी सारी जानकारी आसानी से नहीं मिल पाती. लेकिन क्या आपने कभी ये जानने की कोशिश है की आखिर ये सर्च इंजन कैसे काम करता है?

नहीं तो चलिए इसे समझते हैं.

हर सर्च इंजन में तीन मुख्य चरण होते हैं:

  • Crawling,
  • Indexing और
  • Retrieval & Ranking.

1. Crawling

Crawling ही वो प्रोसेस है जहाँ से ये सब शुरू होता है. मतलब वेबसाइट के डाटा का विजिट करना या खोज करना. इस प्रक्रिया के अंतर्गत ये वेबसाइट का डाटा लेना शुरू करता है.

इसमें साईट को स्कैन करना और हर पेज के बारे में डिटेल कलेक्ट करना इसका मुख्य काम होता है.

इसके लिए वेबसाइट के हर पेज में जाकर title, images, Keywords, और दुसरे लिंक किये pages इत्यादि को ये स्कैन करता है.

अलग अलग crawlers का काम भी एक दुसरे से अलग होता है जैसे कोई page layout को देखता है कोई पेजेसमें लगे हुए advertisement को देखता है तो कोई spam लिंक्स को चेक करता है.

लेकिन किसी वेबसाइट को आखिर crawl कैसे किया जाता है.

आटोमेटिक bot जिसे स्पाइडर भी बोला जाता है जो कम से कम समय में एक के बाद एक हर पेज को देखता है.

इसके लिए वो पेज लिंक का उपयोग करता है और पता लगाता है की आगे कहाँ जाना है.

शुरूआती दिनों में Google Spider हर सेकंड सैकड़ों पेज को read कर सकते थे जो की अब हजारों पेज प्रति सेकंड हो चूका है.

जब एक web crawler एक web पेज को विजिट करता है तो ये पेज में मौजूद हर लिंक को कलेक्ट करता है और अपने लिस्ट में जोड़ लेता है जिसे अगले पेज के रूप में इसे विजिट करना है.

फिर अपने लिस्ट में मौजूद अगले पेज को विजिट करता है और इसी तरह ये सिलसिला जरी रहता है और रिपीट होता रहता है.

Web Crawlers पिछले पेज को भी दुबारा विजिट करता है जब भी उनमे कोई बदलाव किया जाता है.

इसका मतलब ये है की किसी भी साईट को अगर किसी indexed साईट से जोड़ा जाता है तो उस साईट को बहुत जल्दी Google bots क्रॉल करते हैं.

कुछ साइट्स को बहुत जल्दी जल्दी क्रॉल किया जाता है.

जबकि बहुत सारे साईट को बहुत गहराई तक crawl किया जाता है लेकिन कभी कभी अगर किसी साईट का पेज hierarchy बहुत जटिल हो तो crawler उन्हें छोड़ देता है.

2. Indexing

Indexing प्रोसेस तब होता है जब Crawl होने के बाद डाटा प्रोसेस कर के इसे डाटाबेस में रख दिया जाता है.

चलिए इसे मैं आपको एक बहुत ही आसान सा उदाहरण के द्वारा समझाता हूँ.

हम जब पढाई करते हैं तो पुरे सिलेबस की पढाई करते हैं. हर क्वेश्चन और आंसर पढ़ते हैं लेकिन परीक्षा में आंसर शीट में वही लिखते हैं जो पूछा जाता है ठीक उसी तरह crawling के दौरान पूरी साईट को crawl किया जाता है.

लेकिन query के अनुसार ही ये पोस्ट को इंडेक्स करता है.

यही वजह है की सर्च इंजन ब्लॉग में लिखे गए टाइटल और मेटा डिस्क्रिप्शन को मॉडिफाई कर के कभी कभी रिजल्ट पेज में दिखाता है.

कोई जरुरी नहीं है की ब्लॉग पोस्ट लिखते वक़्त ब्लॉगर जो टाइटल और डिस्क्रिप्शन लिखे वही दिखाए.

ये targeted कीवर्ड के लिए लिखा गया same दिखा देता है लेकिन एक पोस्ट कई कीवर्ड पर रैंक करता है और दूसरे कीवर्ड के लिए टाइटल और डिस्क्रिप्शन कुछ और भी हो सकता है.

मैंने अपने पोस्ट में ये कई बार देखा है की पोस्ट जब target कीवर्ड के अलावा कई और कीवर्ड पर रैंक होता है तो अलग अलग कीवर्ड के लिए टाइटल बदल जाता है.

3. Retrieval & Ranking

Retrieval वो होता है जब सर्च इंजन आपके डाले हुए क्वेरी को प्रोसेस करता है और आपकी क्वेरी से सबसे ज्यादा मिलते जुलते कंटेंट को सामने लाकर दिखता है.

अधिकतर सर्च इंजन अपने retrieval प्रोसेस के द्वारा दूसरे सर्च इंजन से खुद को अलग करते हैं.

वे अपने लिए खुद का criteria बनाकर रखते हैं की कौन सी क्वेरी के लिए कौन सा पेज कंटेंट फिट बैठता है उसी के अनुसार खोजे जाने वाले क्वेरी के आधार पर वो पेजेज को चुनते हैं.

यही कारण है की गूगल और बिंग में खोजे जाने वाले क्वेरी का रिजल्ट अलग अलग होता है.

Ranking अल्गोरिथम आपके द्वारा खोजे जाने वाली क्वेरी से सबसे अधिक मिलते जुलते पेज को दिखाने के लिए अरबों पेजेज को ढूंढती है.

कंपनियों द्वारा बनाया गया ये अल्गोरिथम काफी जटिल होता है इसीलिए इसकी सुरक्षा के लिए रहस्य के तोर पर सीक्रेट रखा जाता है.

एक अच्छा अल्गोरिथम यूजर एक्सपीरियंस को और बेहतर बनाता है. वो ये भी नहीं चाहते हैं की वेब मास्टर उनके सर्च अल्गोरिथम को अपने हिसाब से चलाएं और गलत तरीके से टॉप पर चले जाएँ. 

अगर इनका तरीका बाहर आ जाये तो कई मेहनती लोगों का काम भी बेकार हो जायेगा जो कड़ी मेहनत से कंटेंट तैयार करते हैं और उसके आधार पर रैंक करते हैं.

जी हाँ ये पॉसिबल है की सच इंजन का exploitation हो सकता है लेकिन अब ये करना इतना आसान नहीं रहा.

Originally देखा जाए तो सर्च इंजन इस बात पर साइट को रैंक देता है की पेज में कितनी बार कीवर्ड का इस्तेमाल किया गया है और इसी की वजह से Keyword stuffing की समस्या भी होती है.

यानि की बिना वजह बहुत अधिक बार पुरे पेज में कीवर्ड को repeat करना.

इसके बाद concept आया लिंक के महत्व का. ये उन साइट को अधिक महत्व देने लगे जिन की incoming links बहुत अधिक होती थी क्यूँ ये साईट की popularity को relevancy के तोर पर दिखाती थी.

लेकिन इससे पुरे इन्टरनेट में spamming काफी बढ़ गया. आजकल उसी लिंक को महत्व देती है जिसकी साईट अथॉरिटी अच्छी होती है.

ये उन लिंक को अधिक महत्व देती है government agency से आती हो बजाय इसके की लिंक किस वेब डायरेक्टरी से होती है.

आज ranking algorithm पहले से कहीं अधिक रहस्य बन चूका है. और सिर्फ सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन ही महत्वपूर्ण नहीं रहा बल्कि अच्छी रैंकिंग बहुत अच्छी क्वालिटी कंटेंट और बेहतरीन यूजर एक्सपीरियंस पर भी निर्भर करती है.

सर्च इंजन का उपयोग – Use of Search Engine in Hindi

हम इंटरनेट का इस्तेमाल हर रोज़ करते हैं वो भी हर तरह के काम को करने के लिए. लेकिन क्या आपने जानने की कभी कोशिश की है की सर्च इंजन के उपयोग क्या क्या है.

अभी आगे हम इस के बारे में बात करेंगे क्यों इंटरनेट का इस्तेमाल करने का मतलब यही है की हम सर्च इंजन से ही इसका इस्तेमाल करना शुरू करते हैं.

रिसर्च

कई लोग अपना रिसर्च काम करने के लिए इसका उपयोग करते हैं. ऐसे लोग कई सवालों के जवाब ढूंढते रहते हैं.

इसके साथ ही उन्हें अपने पेपर के लिए डाटा की जरुरत पड़ती है. वो ऐसे वेबसाइट की तलाश में होते हैं जहाँ से उन्हें सभी तरह की जानकारी मिल जाये जिसकी उन्हें जरुरत है.

मान लीजिये की कोई बाइक के इंजन के बारे रिसर्च कर रहा है तो वो वैसे वेबसाइट की तलाश करेगा जिसमे से उसे इंजन की पूरी जानकारी मिल जाएगी.

सर्च इंजन मुख्य रूप से research से जुड़े वेबसाइट को अधिक महत्त्व देते हैं शॉपिंग वेबसाइट की तुलना में.

यही वजह है की जब आप कोई query ढूंढते हैं तो आपको विकिपीडिया ही सबसे ऊपर आता है.

विकिपीडिया क्या है ये शायद मुझे बताने की जरुरत नहीं है क्यों की ये एक ओपन सोर्स वेबसाइट है जिस में researchable information भरी हुई है.

चूँकि ओपन है इसीलिए इसकी जानकारी की एक्यूरेसी कोई जरुरी नहीं है की बहुत अच्छी होगी.

शॉपिंग

एक काफी बड़ी संख्या में लोग सर्च इंजन का उपयोग शॉपिंग करने के लिए करते हैं.

आप भी कई बार बहुत सारे ऐसे चीज़ें सर्च करते हैं जो इसी में संभव है. बहुत सारे लोग “best price”, “free shipping” इस तरह के कीवर्ड के साथ इस में प्रोडक्ट के लिए सर्च करते हैं.

लेकिन इन मामलों में इस तरह की वेबसाइट अपने conversion rate को बढ़ाने के लिए भी इंजन का इस्तेमाल करते हैं.

इसीलिए जरूर ध्यान रखा जाता है की शॉपिंग से जुड़े वेबसाइट की तुलना में रिसर्च के वेबसाइट का महत्त्व अधिक है.

इसका इस्तेमाल लोगों कोउ पभोक्ता बनाने के लिए किया जाता है जबकि रिसर्च से जुड़े वेबसाइट सिर्फ लोगों को ज्ञान देने के लिए होता है.

आजकल फ्लिपकार्ट और अमेज़न अपने यूजर को खुद के वेबसाइट के अंदर ढूंढने के लिए आसान फीचर देने लगे हैं.

लेकिन फिर भी जब कोई विजिटर इससे संतुष्ट नहीं होता है तो वो गूगल खोलता है और वहां पर मनपसंद चीज़ को ढूँढना शुरू कर देता है.संतुष्ट

मनोरंजन

हम सिर्फ रिसर्च  के लिए ही इसका इस्तेमाल नहीं करते हैं बल्कि इसका एक  उपयोग मनोरंजन के लिए भी करते हैं.

आज के युवा हर वक़्त मनोरंजन  कुछ जरूर करते हैं. 

इसके माध्यम से हम अपने मनोरंजन के लिए वीडियो, ऑडियो, गेम ढूंढते हैं.

कुछ समय पहले की बात करे तो इंटरनेट इतनी चलना में नहीं था तो टेप रिकॉर्डर, टीवी, खेलकूद इत्यादि का इस्तेमाल.

लेकिन आज बच्चे भी पुसिकल खेलों की तुलना में डिजिटल गेम में  हैं. और नए नए गेम को प्राप्त करने के लिए इसी का इस्तेमाल करते हैं.

सर्च इंजन के उदाहरण

वैसे तो अभी तक लोगों ने कई तरह के इंजन का उपयोग कर लिया है लेकिन हम अभी के समय में इस्तेमाल होने वाले सर्च इंजन के नाम बताने जा रहे हैं.

  • Google
  • Bing
  • Yahoo
  • Ask.com
  • AOL .com
  • Baidu
  • DuckDuckoGo
  • Wolframalpha
  • Internet Archieve
  • Yandex

संक्षेप में

अभी तक दुनिया में कई तरह के सर्च इंजन उपलब्ध हैं जो लोगों के सवालों का जवाब इंटरनेट से ढूंढ कर निकालने में माहिर हैं.

इस में गूगल इनका राजा बन चूका है क्यों किसकी उपयोगिता और काम का लोहा हर कोई मानता है इसको इस्तेमाल करने वाला इंसान इससे पूरी तरह से संतुष्ट होता है.

इसीलिए इस पोस्ट में हमने ये भी जाना की सर्च इंजन के उदाहरण क्या क्या है जो गूगल के अलावा भी पूरी दुनिया में इस्तेमाल किया जाते हैं.

आज के पोस्ट में हमने आपको विस्तार से बताया की सर्च इंजन क्या है (What is Search engine in hindi).

हम हर रोज़ इसका उपयोग किसी न किस काम के लिए जरूर करते हैं. इसीलिए हमने ये भी बात किया की सर्च इंजन का उपयोग क्या क्या है?

मैं उम्मीद करता हूँ की आपको ये पोस्ट सर्च इंजन क्या होता है जरूर पसंद आया होगा. क्यूंकि आप अच्छे से समझ गए होंगे की ये कैसे काम करता है?

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FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. दुनिया का पहला सर्च इंजन कौन सा है?

दुनिया का पहला सर्च इंजन का नाम आर्ची (Archie) है जिससे 10 सितंबर 1990 को बनाया गया था. इसको बनाने वाले प्रोग्रामर का नाम Alan Emtage था.

2. सर्च इंजन कितने हैं?

सर्च इंजन कई है जिनमें सबसे प्रमुख है गूगल, बिंग, याहू, यांडेक्स, बैदु इत्यादि.

3. सर्च इंजन का क्या उपयोग है

यह एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा कोई भी इंसान अपनी जानकारी को किसी की वोट की मदद से इंटरनेट पर ढूंढ सकता है.

4. दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन कौन सा है?

इसमें कोई शक नहीं कि आज दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन गूगल है.

5. गूगल कैसे काम करता है?

सर्च इंजन हम जो कीवर्ड एंटर करते है उसे गूगल अपने डेटाबेस तक पहुंचता है. सर्च इंजन ‘वेब क्रॉलर’ प्रोग्राम डेटाबेस पर मौजूद सभी वेब पेजेस को चेक करता है और उनमें मौजूद लिंक और डेटा को सर्वर पर सेंड करता है फिर रिजल्ट दिखा देता है.

Wasim Akram

वसीम अकरम WTechni के मुख्य लेखक और संस्थापक हैं. इन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है लेकिन इन्हें ब्लॉगिंग और कैरियर एवं जॉब से जुड़े लेख लिखना काफी पसंद है.

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