इंडियन फॉरेन सर्विस ऑफिसर कैसे बने?

इस आर्टिकल को पढ़ने का मतलब है की आप जानना चाहते हैं की इंडियन फॉरेन सर्विस ऑफिसर कैसे बने? अब यहाँ गौर करने वाली बात ये हैं की आईएफएस अफसर किस संदर्भ में हम यहाँ बात करने वाले हैं. क्यूंकि एक इंडियन फारेस्ट सर्विस अफसर कहलाता है जिसके बारे में हमने पहले ही एक आर्टिकल लिखा है और दूसरा इंडियन फॉरेन सर्विस अफसर होता है और यहां हम फॉरेन अफसर की ही बात करने वाले हैं.

इसका एग्जाम यूपीएससी द्वारा कंडक्ट किया जाता है. भारत में हर शिक्षित युवा के मन में इस एग्जाम को क्लीयर करने की चाहत होती है लेकिन इस एग्जाम को निकालने के लिए कड़ी मेहनत, लगन और लक्ष्य को पाने के प्रति जुनून के अतिरिक्त सही दिशानिर्देशक का साथ होना भी अत्यंत आवश्यक होता है.

यूपीएससी द्वारा कंडक्ट होने वाले आईएएस और आईपीएस एग्जाम की तरह यह एग्जाम भी भारत में सबसे कठिन एग्जाम में से एक माना जाता है.

इंडियन फॉरेन सर्विस ऑफिसर क्या है?

IFS का पूरा नाम इंडियन फॉरेन सर्विस होता है इसका दूसरा नाम डिप्लोमेट के नाम से भी जाना जाता है. सभी देशों का दूसरे देश के साथ व्यापार होता है और साथ ही विभिन्न प्रकार के बिज़नेस के जरिये मुद्रा का लेन देन होता है.

एक आईएफएस ऑफिसर का काम फॉरेन कंट्री के साथ होने वाले व्यापार की नीतियों को कंट्रोल करना होता है. इस पद पर बैठने वाले अफ़सर के कंधो पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है. यह एग्जाम यूपीएससी द्वारा हर साल कंडक्ट कराया जाता है जिसमे लाखों युवा बैठते है पर इनमें से कुछ का ही सपना पूरा होता है. जो इस एग्जाम को निकालते है वो अफसर बनकर अपने देश की सेवा करते है.

एक अफ़सर बनकर देश कि सेवा करने का सौभाग्य हज़ारों में से कुछ को ही प्राप्त होता है लेकिन जिन अभ्यर्थियो के हौसलों में जान होती है और जिनके सिर पर कुछ कर गुजरने का जुनून होता है वो इस एग्जाम को क्लीयर कर लेते है. लेकिन अब किसी भी एग्जाम को पास करने और उस पद को पाने के लिए एक अच्छी गाइड लाइन को होना भी अत्यंत आवश्यक होता है. जब तक आपको एग्जाम के बारे में उचित जानकारी नहीं होगी तो एग्जाम को पास करना काफी मुश्किल हो जाता है.

फॉरेन सर्विस ऑफिसर बनने के लिए योग्यता?

अभी तक आप ये समझ ही गए होंगे की आईएफएस किसे कहते हैं? इसके लिए कौन सी परीक्षा लिखनी जरुरी है. अब हम जानेंगे कि एक शिक्षित युवक एक अफ़सर कैसे बनता है. जब आप इस एग्जाम के लिए आवेदन करते है तो वहां आपको कुछ जरूरी योग्यताओ से गुजरना होता है जिनके बारे में हमने नीचे विस्तार से बताया है.

अगर आपके पास नीचे दी गयी निर्धारित योग्यताएँ होंगी तभी आप इस पद के लिए आवेदन कर सकते है और इसके एग्जाम में बैठने का मौक़ा पा सकते है तो चलिए जानते है:

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शैक्षिक योग्यता

जैसे कि हम जानते है कि किसी भी एंट्रेंस एग्जाम में बैठने के लिए सरकार द्वारा एक योग्यता निर्धारित की जाती है ठीक इसी प्रकार इसके लिए भी कुछ योग्यता निर्धारित की गयी है जो कि इस प्रकार है:

  • अभ्यर्थी किसी मान्यता प्राप्त स्कूल से दसवी तथा बारहवीं की परीक्षा पास होना चाहिए.
  • किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री होनी चाहिए.

आयु सीमा

इस परीक्षा में बैठने के लिए यदि आयु सीमा की बात की जाये तो इसमें कुछ जातियों को आयु में छूट का प्रावधान किया गया है आयु सीमा का विवरण निम्न प्रकार से है.

  • इस एग्जाम के लिए अभ्यर्थी की आयु 21-32 के बीच सामान्यता होनी चाहिए.
  • ओ बी सी के लिए तीन साल की छूट का प्रावधान है.
  • एससी / एसटी के लिए पांच साल की छूट मिलती है.

नागरिकता

वैसे तो भारत सरकार द्वारा कंडक्ट कराये जाने वाले एक्साम्स के लिए नागरिक को भारत का होना आवश्यक होता है. इस एग्जाम में बैठने के लिए दो ऐसे देशों को भी सम्मिलित किया गया है जिनकी नागरिकता रखने भी इस परीक्षा में भाग ले सकते है जो इस प्रकार है.

उम्मीदवार को भारत, नेपाल या भूटान का होना अनिवार्य है. इंडियन फॉरेन सर्विस ऑफिसर का एग्जाम कितनी बार दे सकते है? जैसे कि हम जान चुके है कि यह एक उच्च स्तरीय परीक्षा है और इसमें कुछ नियंत्रित ही सीटें होती है और एग्जाम देने वाले अभ्यार्थी बहुत सारे होते है.

इसलिए इस एग्जाम में सम्मिलित होने के लिए कुछ समय सीमा निर्धारित की गयी है जो की नीचे बताई गयी है.

  • सामान्य वर्ग में आने वाले अभ्यार्थी इस परीक्षा को 6 बार दे सकते हैं.
  • पिछड़ी जाति में आने बाले अभ्यर्थी इस परिक्षा में 9 बार बैठ सकते है.
  • एससी /एसटी के लिए कोई भी समय सीमा निर्धारित नहीं की गयी है.

इंडियन फॉरेन सर्विस ऑफिसर बनने का तरीका

ऐसा माना जाता है कि इस एग्जाम को पास लोहे के चने चबाने के बराबर होता है और कहना सही भी है क्योंकि इस एग्जाम का सिलेबस बहुत ज्यादा विस्तृत है. लेकिन यदि मन में दृढ़ इच्छा शक्ति हो तो इस एग्जाम में सफलता प्राप्त की जा सकती है.

एक डिप्लोमेट ऑफिसर बनने के लिए तीन प्रकार की परीक्षाओं से होकर गुजरना पड़ता है जिनके विषय में नीचे बताया गया है.

  • प्रारम्भिक परीक्षा
  • मुख्य परीक्षा
  • साक्षात्कार

प्रारम्भिक परीक्षा 

इस परीक्षा को एलिमिनेट राउंड भी कहा जा सकता है क्योंकि जैसे की हम जानते हैं कि इस एग्जाम में रिक्तियों की संख्या काफ़ी कम और अभ्यर्थियों की संख्या बहुत ज्यादा होती है इसलिए इस परीक्षा में उन लोगों को सेलेक्ट किया जाता है जिनके अंदर इस पद को सँभालने का कौशल होता है.

इस परीक्षा में दो पेपर  होते है:

1. जनरल स्टडी

यह पेपर 200 मार्क्स का होता है यह पेपर ऑबजेक्टिव टाइप होता है मतलब आपको चार ऑप्शन्स में से किसी एक सही को सिलेक्ट करना होता है,इस पेपर के आधार पर ही मुख्य परीक्षा में सिलेक्शन निर्धारित किया जाता है इस पेपर में करंट अफेयर ,देश -विदेश की जनरल नॉलेज ,इतिहास ,भूगोल आदि से प्रश्न पूछे जाते हैं इसलिए इस पेपर की स्टडी बहुत अच्छे से की जाती है-

2. सी सैट  (सिविल सर्विस एप्टीटुड टेस्ट)

यह पेपर भी 200 मार्क्स का होता है और ऑब्जेक्टिव टाइप होता है इस पेपर में एप्टीटुड ,रीज़निंग और इंग्लिश से प्रश्न पूछे जाते हैं इस पेपर का स्कोर मेन पेपर के लिए कन्सीडर नहीं किया जाता है, इसमें अभ्यर्थी को केवल क्वालीफाई करना होता है मतलब सिर्फ 33 % मार्क्स लेकर आने होते है.

मुख्य परीक्षा

प्रारम्भिक परीक्षा पास करने के बाद उम्मीदवार को मुख्य परीक्षा में बैठने का अवसर प्राप्त होता है.

इसमें कुल 6 पेपर होते हैं जिसमें दो पेपर ऑप्शनल होते है मतलब दो पेपर अभ्यर्थी अपनी नॉलेज के अकॉर्डिंग इच्छानुसार चुन सकता है.

एनिमल्स एंड हसबेंडरी साइंस, फिज़िक्स, केमिस्ट्री, जियोलॉजी स्टेटिस्टिक्स, एग्रीकल्चर, मैथ्स, जूलॉजी, सिविल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, फॉरेस्टी यह वो पेपर हैं जिनमे से दो पेपर सेलेक्ट करने होते है.

अब हम यह 6 पेपर विस्तार से समझेंगे कि किस पेपर कौन-सा सब्जेक्ट आता है और कितने मार्क्स का होता है-

पहला पेपर

यह जनरल नॉलेज का होता है जिसके लिए 3 घण्टे का समय होता है और यह पेपर 300 मार्क्स का होता है.

इस पेपर की तैयारी के लिए जरूरी है कि कम से कम पिछले 6 महीने में होने वाली देश -विदेश में घटनाओं के बारे में अभ्यर्थी अच्छे से बाक़िफ़ हो कैंडिडेट को डेली बेसिस पर न्यूज़ पेपर पढ़ना चाहिए.

दूसरा पेपर

इसका दूसरा पेपर जनरल इंग्लिश का होता है और इसके लिए भी 3 घंटे का समय होता है यह पेपर भी 300 मार्क्स का होता है.

सिलेक्ट किये गए दो सब्जेक्ट में से हर एक सब्जेक्ट के दो -दो पेपर होते है इसका मतलब सिलेक्ट किये गए दो सब्जेक्ट से चार पेपर होते हैं.

तीसरा पेपर

पहले ऑप्टिकल सब्जेक्ट का पहला पेपर होता है जो कि 200 मार्क्स का होता है और इसके लिए 2 घंटे का समय होता है यह पेपर लिखित होता।है।

चौथा पेपर

पहले ऑप्टिकल सब्जेक्ट का दूसरा पेपर होता है यह पेपर भी लिखित होता है यह पेपर भी 200 मार्क्स का होता है जिसके लिए भी 2 घंटे का समय होता है.

पाँचवां पेपर

यह दूसरे ऑप्टिकल सब्जेक्ट का पहला पेपर होता है. यह 200 मार्क्स का होता है और इसके लिए 2 घंटे का समय होता है.

छठा पेपर

दूसरे ऑप्टिकल सब्जेक्ट का दूसरा पेपर होता है इसके लिए भी समान प्रोसेस होता है.

इस प्रकार मुख्य परीक्षा में कुल 6 पेपर 1400 मार्क्स के होते है और ये सभी पेपर लिखित पेपर होते है.

इसीलिए इस एग्जाम को पास करना बहुत कठिन माना जाता है इस पेपर को क्लियर करने के लिए कैंडिडेट को जनरल स्टडी की नॉलेज बहुत अच्छे से होनी चाहिए.

आज हमारे देश में इस एग्जाम को क्रैक करने के लिए बहुत सारे कोचिंग सेंटर चल रहे है.

जो कि एग्जाम क्लियर कराने में सहायता प्रदान करते हैं लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि बिना कोचिंग के एग्जाम नहीं निकल सकता हर साल अनेक छात्र सेल्फ स्टडी करके ही इस एग्जाम को निकलते है.

खुद से पढाई करने का तरीका जानना चाहते हैं तो हमारा पोस्ट सेल्फ स्टडी कैसे करे जरूर पढ़ें.

इंटरव्यू

मुख्य परीक्षा पास होने के बाद कैंडिडेट को इंटरव्यू को लिए बुलाया जाता है जो की कुल 200 मार्क्स का होता है.

इसमें कैंडिडेट कि कम्युनिकेशन स्किल ,पर्सनालिटी ,ड्रेसिंग स्टाइल, प्रजेंस ऑफ़ माइंड और लिसनिंग स्किल का परीक्षण किया जाता है.

इसके बाद  रैंक का निर्धारण किया जाता है इस पद को पाने के लिए अभ्यार्थी की रैंक 100 के अंदर होनी चाहिए इसी के बाद एक कैंडिडेट निश्चित हो सकता है.

इस पोस्ट के लिए लेकिन ऐसा नहीं है कि जिनकी रैंक 100 से ऊपर आती है उनकी मेहनत बेकार हो जाती है इसमें बहुत सारे पद होते है जहाँ पर उनको तैनात कर दिया जाता है.

इस प्रकार से आप एक आई एफ एस ऑफ़िसर बन जाते हैं जो कि आपके लिए और परिवार के लिए एक सम्मान और गौरव की बात होती है.

इंडियन फॉरेन सर्विस ऑफिसर की सैलरी

यदि हम बात करें इस पद पर तैनात ऑफ़िसर के वेतन की तो इनकी सेलरी 80000 से 200000 तक की होती है.

कुछ अभ्यर्थिओं को इसकी सैलरी इस एग्जाम में बैठने के लिए प्रेरित करती है तो किसी को इतना सम्मान से भरा सम्मानित पद पाने  के लिए इस एग्जाम में बैठते है.

इस सैलरी के साथ-साथ सरकार की तरफ से इस पद पर चयनित होने वाले कैंडिटेड को को सरकारी कई तरह की सुविधाएं प्रदान की जाती है.

निष्कर्ष

अगर आप स्टूडेंट है तो आप जानते ही होंगे की आज नौकरी पाना बिल्कुल भी आसान काम नहीं है. इसके लिए काफी मेहनत करने पड़ती है क्योकि दुनिया भर में आज हर चीज में कम्पटीशन काफी बढ़ता जा रहा है. इसलिए किसी भी एग्जाम को पास करना काफी कठिन हो जाता है. लेकिन अगर एग्जाम होने से पहले उसकी तैयारी सिलेबस के बारे में जानकारी मिल जाए तो एग्जाम कुछ हद तक काफी आसान हो जाता है.

क्योंकि जब आपको एग्जाम का परीक्षा पैटर्न और सिलेबस पता चल जाता है तो आप उसके हिसाब से आसानी से एग्जाम की तैयारी कर सकते है. अब आप समझ चुके हैं की इंडियन फॉरेन सर्विस ऑफिसर कैसे बने?

आप इस पद के लिए इसके एग्जाम को पास आसानी से कर सके इसके लिए आज हमने इस लेख में इस एग्जाम से जुडी सम्पूर्ण जानकारी के बारे में बताया. मुझे उम्मीद है की आपको दी गयी जानकारी उपयोगी साबित हुई होगी.

ये जानकारी आपको कैसी लगी या फिर आपको इस पद से जुडी अन्य कोई जानकारी के बारे में जानना है तो हमने नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते है हम जल्द आपके सवालों का जबाब देंगे.

Wasim Akram

वसीम अकरम WTechni के मुख्य लेखक और संस्थापक हैं. इन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है लेकिन इन्हें ब्लॉगिंग और कैरियर एवं जॉब से जुड़े लेख लिखना काफी पसंद है.

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