GST रजिस्ट्रेशन कैसे करें? पूरी प्रक्रिया के बारे में प्राप्त करें जानकारी

यदि आप बिजनेस करते है और टर्नओवर 40 लाख से अधिक है, तो आपको जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवाना अति आवश्यक है। हालांकि, आप शुरूआत से पंजीकरण करवा लेते है, तो आने वाले भविष्य में आपको कोई परेशानी नहीं होगी। विभिन्न राज्यों में जीएसटी की प्रक्रिया भी अलग होती है और इसके लिए नियम भी भिन्न होते है। आज के इस लेख के माध्यम से हम बताएंगे कि GST रजिस्ट्रेशन कैसे करें, इसके बारे में पूरी जानकारी पाने के लिए इस लेख को अंत तक पढ़ें। 

इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया क्या होती है, किन दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ती है। बिजनेस में इसके क्या फायदे है और आप इससे संबंधित अन्य कार्य कैसे कर सकते है, इत्यादि के बारे में भी विस्तार से बताएंगे। 

GST क्या होता है? 

GST का फुल फॉर्म Goods and Services Tax होता है, जिसका मतलब सामान और सेवाओं पर लगने वाला टैक्स होता है। जीएसटी से कई फायदे भी होते है और आप अपने बिजनेस को कानूनी तौर से बेझिझक चला भी सकते है। हालांकि, पंजीकरण के लिए विभिन्न नियम बनाएं गए है, लेकिन हर व्यायसायी को जीएसटी नंबर जरूर लेना चाहिए। 1 जुलाई, 2017 से इसे लागू करके अन्य सारे टैक्स को बंद कर दिया गया है। 

जीएसटी से पहले उत्पादों या सेवाओं पर इतने सारे टैक्स लगाए जाते थे कि व्यापारियों के लिए काफी परेशानी होती थी। केंद्र सरकार के अलग नियम होते थे और राज्य सरकार के अलग, फैक्ट्री से लेकर ग्राहक तक माल पहुंचने में इतने ड्यूटी फीस और टैक्स लग जाते थे, जिससे इनकी कीमतों में भी कई गुणा इजाफा हो जाता था। इन्हीं सबसे बचने के लिए और सबके लिए एक समान दामों के लिए जीएसटी को लाया गया, जो देशों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया गया है। 

GST रजिस्ट्रेशन करवाना क्यों जरूरी है?

आपको किसी भी उत्पाद को बेचने के लिए या कोई सेवा प्रदान हेतु जीएसटी नंबर लेना पड़ता है। इसकी पंजीकरण के बाद ही आप वस्तुओं और सर्विस के आदान प्रदान के लिए कानूनी मान्यता प्राप्त कर पाएंगे। यदि आप जीएसटी के अनुसार टैक्स जमा करते है, तो आप बाद में अपनी खरीदी गई वस्तु में जीएसटी को एडजस्ट भी कर पाएंगे। आप जहां जहां जीएसटी देंगे, वह सब आपको सरकार के द्वारा एडजस्टमेंट से वापस भी मिल जाएगा। इसकी मदद से आप इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से बच भी पाएंगे और भविष्य में बिजनेस करने में कोई परेशानी भी नहीं होगी। किंतु, यदि आप ऐसा बिजनेस कर रहे है, जिसका टर्नओवर 20 लाख से कम है, तो GST की आवश्यकता नहीं पड़ती है। 

GST रजिस्ट्रेशन किसके लिए जरूरी है? 

जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए कुछ नियम कानून को फॉलो करना होता है। यदि आप जीएसटी पंजीकरण करवाना चाहते है, तो आपको यह जानना आवश्यक है कि आपका बिजनेस इसके अंर्तगत आता है या नहीं। नीचे कुछ ऐसे सेक्टर के बारे में बता रहे है, जहां जीएसटी का होना अति आवश्यक है। 

  • जिनके बिजनेस का टर्नओवर 40 लाख से अधिक का होगा, उन्हें जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है। 
  • जो व्यापारी पहले भी टैक्स भरते थे, उन्हें भी नए तरीके से जीएसटी रजिस्ट्रेशन करना है। 
  • वैसे व्यवसायी, जो ई कॉमर्स एग्रीगेटर है, उनके लिए भी जीएसटी रजिस्ट्रेशन अति आवश्यक होता है। 
  • जो व्यापारी ई कॉमर्स एग्रीगेटर के माध्यम से सामानों का सप्लाई करते है। 
  • ऐसे व्यापारी, जो रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के अंडर टैक्स भरते है। 
  • इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर और सप्लायर एजेंट के लिए भी जीएसटी लेना जरूरी है। 
  • विदेशों से डेटाबेस एक्सेस या ऑनलाइन जानकारी को भारत में ट्रांसफर करने के लिए भी जीएसटी नंबर की मांग की जाती है। 

GST रजिस्ट्रेशन के कितने प्रकार है? 

मुख्यत: जीएसटी के चार प्रकार होते है, उन्हीं के बारे में हम आपको यहां अच्छे से उल्लेख करेंगे। 

1. IGST (एकीकृत माल और सर्विस टैक्स)

जब दो राज्यों के बीच में बिजनेस होता है, जहां वस्तुओं या सेवाओं का आदान प्रदान किया जाता है। उसी लेन देन के लिए टैक्स लगाया जाता है, इसी टैक्स को IGST कहा जाता है। 

2. SGST (राज्य वस्तु और सर्विस टैक्स)

यह टैक्स एक ही राज्य में रहने वाले व्यापारियों के लिए लगाया जाता है। निर्माता और उपभोगता एक ही स्टेट में रहते है, तब बेचने और खरीदने के अलावा अन्य गैर छूट वाले लेनदेन पर भी टैक्स लगाया जाता है। इसी प्रकार के कर को SGST के नाम से जाना जाता है। 

3. CGST (केंद्रीय वस्तु और सर्विस टैक्स)

यह टैक्स एक ही राज्य के लेन देन में भी लगाया जाता है और साथ ही दो राज्यों के बीच में बिजनेस होने पर यहीं टैक्स लगाया जाता है। चाहे CGST राज्यों में लगाए जाए या फिर  विभिन्न राज्यों के बीच टैक्स लगे, दोनों ही केंद्र सरकार के अंतर्गत जमा किया जाता है। 

4. UTGST (केंद्र शासित प्रदेश गुड्स और सर्विस टैक्स)

हमारे देश में राज्यों के अतिरिक्त केंद्र शासित प्रदेश भी मौजूद है। जो भी टैक्स वहां के बिजनेस लेन देन या फिर दूसरे राज्यों के साथ इंपोर्ट एक्सपोर्ट करने में लगाए जाते है, उसे UTGST बोला जाता है। 

जीएसटी रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी दस्तावेज

आपको बता दे कि जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए कुछ खास डॉक्यूमेंट की आवश्यकता भी पड़ती है। इन्हें के बारे में हम यहां बताएंगे, उन सभी को आप जमा कर ले ताकि पंजीकरण में कोई परेशानी ना हो। 

  • पैन कार्ड और आधार कार्ड
  • बिजनेस सर्टिफिकेट पेपर
  • बैंक अकाउंट स्टेटमेंट और एक कैंसल चेक
  • बिजनेस रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट
  • डायरेक्टर या मैनेजर का आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ और एक फोटो
  • किसी राजपत्रित अधिकारी के साइन से बना हुआ बोर्ड रेजोल्यूशन और लैटर ऑफ ऑथराइजेशन भी प्राप्त कर ले। 
  • अंत में आपका एक डिजिटल साइन की भी आवश्यकता पड़ेगी। 

GST रजिस्ट्रेशन कैसे करें? जाने पूरी प्रक्रिया

जीएसटी रजिस्ट्रेशन करने के लिए आपको कुछ स्टेप को फॉलो करना पड़ता है। आप बिना कोई मदद लिए भी अकेले पंजीकरण कर सकते है। आपके बाद सारे पेपर होने चाहिए और ऑनलाइन प्रक्रिया करने आती हो। आइए, उन्हीं के बारे में यहां जानते है। 

  • सबसे पहले आपको www.gst.gov.in सर्च करना है, आपके स्क्रीन पर एक पेज खुल जाएगा। वहां आपको चेक करना है कि जीएसटी के लिए न्यू रजिस्ट्रेशन हो रहा है या नहीं। यदि प्रोसेस हो रहा है, तो आपको Form GST REG-01 को सेलेक्ट करना है। 
  • इस फॉर्म में आपको सबसे पहले Part-A को भरना है, जिसमें पर्सनल डिटेल्स देनी होगी। आपको वहां PAN, mobile number, email, आदि भरना होगा। इन्हें भरने के बाद फॉर्म को  सबमिट कर दे। 
  • जब आप Part-A पूरा कर लेते है, तो आपको आगे GST पोर्टल की तरफ से सबसे पहले PAN नंबर को वेरिफाई करना होगा। आपके मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी पर एक OTP आएगा, इसे भर कर अपने आइडेंटिटी को कन्फर्म कर दे। 
  • अब आगे आपको एक अप्लाई रेफरेंस नंबर मिलेगा, जिसे मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी पर भेजा जाएगा। इसे आप संभाल कर रखें, आपको Part-B में इसे भरना होगा। 
  • इस स्टेप में आपको बिजनेस से जुड़े सारे दस्तावेज की कॉपी सबमिट करनी है। इन डॉक्यूमेंट को लगाने के बाद ARN नंबर भी डालना है और फिर Part-B को जमा कर दे। आपके सभी डॉक्यूमेंट पीडीएफ या फिर JPEG फॉर्मेट में होने चाहिए। 
  • दूसरे पार्ट के अलावा यदि कोई और जानकारी की जरूरत पड़ी, तो आपके लिए REG-03 भी जारी किया जाएगा। 
  • अगले स्टेप में REG-03 को भरने के 7 दिनों बाद आपको GST REG-04 को भर कर सबमिट करना है। 
  • अगर आपने सभी फॉर्म में अपनी सही सही जानकारी दी है, तो आप GST REG-04 के मिलने के 3 दिनों में अंदर ही REG-06 के जरिए रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते है। 
  • यदि आपकी भरी हुई डिटेल सही नहीं रहेगी, तो REG-05 से फॉर्म को रिजेक्ट भी किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त आपको अन्य फॉर्म भी मिलेंगे, जिनके विभिन्न कार्य होते है। सारी प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद आपको 15 अंकों का एक जीएसटी नंबर दिया जाएगा। 

जीएसटी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट कैसे डाउनलोड करें?

आप खुद से ही 15 अंकों वाले जीएसटी नंबर के सर्टिफिकेट को डाउनलोड कर सकते है। इससे आपके पास प्रूफ रहता है कि आपने अपने बिजनेस का जीएसटी पंजीकरण करवाया है। इसे डाउनलोड करने के लिए निम्नलिखित स्टेप को देखें। 

  • सबसे पहले www.gst.gov.in पर जाएं, आपके सामने होम पेज खुल जाएगा। 
  • अब आपको लॉगिन ऑप्शन पर क्लिक करना है, उसके बाद यूजर नेम और पासवर्ड डालें।
  • इसके बाद आपको Services के विकल्प पर क्लिक करना है, जहां से User Services को सेलेक्ट करना है। 
  • अब आपको View/ Download Certificate का ऑप्शन दिखाई देगा, उसे चुनें। 
  • आपको नेक्स्ट पेज में Download का विकल्प मिलेगा, उसे क्लिक करके सर्टिफिकेट प्राप्त करें।

GST रजिस्ट्रेशन ना करवाने पर जुर्माना

यदि आपने जीएसटी रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है, तो आप पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। विभिन्न कारणों की वजह से देरी होने पर आपको अलग प्रकार का फाइन देना पड़ सकता है। 

  • यदि आपने समय से जीएसटी नहीं भरा या फिर तय की गई टैक्स से कम राशि प्रदान की है, तो आपको पूरे टैक्स के साथ उसका 10% पेनल्टी के रूप में देना पड़ेगा। 
  • आप पर लगने वाला जुर्माना 10,000 से अधिक ही होगा क्योंकि टैक्स भी ऊंची कमाई पर लगता है। 
  • यदि आपने कई सालों से जान बूझ कर टैक्स नहीं भरा है, तो आपको टैक्स की रकम के साथ 100% जुर्माना भी जमा करना पड़ सकता है। 
  • कभी कभी किसी वाजिब कारणों से भी टैक्स भरने में परेशानी आ जाती है। ऐसी स्थिति में सरकार 100% के बजाय 10% तक ही फाइन लगाती है। 
  • यदि आपने एक ही ब्रांच के अलग अलग यूनिट के लिए जीएसटी नंबर ले रखा है, तब भी आपको जुर्माना देना पड़ सकता है। अपने बिजनेस के हर ब्रांच के लिए एक ही रजिस्ट्रेशन करवाया जाता है। 

जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवाने से क्या लाभ है? 

जीएसटी नंबर प्राप्त करने पर आप कई सारे लाभ उठा सकते है, आपमें से कई को लगता है कि यह बेकार का काम है। यदि आप एक बार इस बात को समझ लेंगे, तो फिर इसका फायदा जरूर उठाएंगे। 

  • अगर आप सब कुछ लीगल तरीके से करते है, तो आपको बड़े बड़े मल्टीनेशनल कंपनियों से अच्छे ऑफर मिल सकते है। 
  • आप जब भी कोई सामान खरीदेंगे या बेचेंगे, तो आपको इनपुट टैक्स क्रेडिट का भी लाभ मिल सकता है। 
  • आपके पास GSTIN रहने पर आप अपने बिजनेस का करेंट बैंक अकाउंट भी खोल सकते है। इससे हर दिन बेझिझक ट्रांजेक्शन किया जा सकता है। 
  • आप अपने प्रोडक्ट को ऑनलाइन बेच सकते है क्योंकि ऑनलाइन बिक्री के लिए जीएसटी नंबर की मांग की जाती है। 
  • इसकी मदद से देश भर में भी अपने सामानों की बिक्री कर सकते है। आपको जीएसटी नंबर से अच्छा फायदा भी मिलता है और रजिस्टर रहने पर लोगों का भरोसा भी बढ़ता है। 
  • जीएसटी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट एक वैलिड सर्टिफिकेट की तरह भी काम करता है। इससे आपके पास एक प्रूफ भी होगा कि आप बिजनेस करते है। 
  • जिस भी बिजनेस का जीएसटी नंबर रहता है, उससे इसकी वैल्यू भी अधिक हो जाती है। ग्राहकों को लगता है कि आप पर भरोसा किया जा सकता है और ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों ही तरीकों से उत्पादों या सेवाओं का लाभ लिया जा सकता है। 

निष्कर्ष:-

हम उम्मीद करते है आपको आज का लेख पसंद आया होगा और सारी जानकारी स्पष्ट भी हो गई होगी। आज हमने आपको बताया कि GST रजिस्ट्रेशन कैसे करें, उससे जुड़ी हुई अन्य महत्वपूर्ण जानकारी भी आपसे साझा किया है। यदि आपको कुछ और भी जानना है, तो कमेंट बॉक्स के जरिए पूछ सकते है। यहां आपने जीएसटी के लिए आवश्यक दस्तावेजों, उसके लाभ और ना करवाने पर जुर्माने के बारे में भी पढ़ा है। इसी तरह की पोस्ट पढ़ने के लिए हमारे साथ जुड़े रहें और अपने दोस्तों के भी साथ शेयर करें। 

Wasim Akram

वसीम अकरम WTechni के मुख्य लेखक और संस्थापक हैं. इन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है लेकिन इन्हें ब्लॉगिंग और कैरियर एवं जॉब से जुड़े लेख लिखना काफी पसंद है.

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