कंप्यूटर कितने प्रकार के होते हैं?

आज के आधुनिक जमाने में कंप्यूटर सिस्टम बहुत ही महत्वपूर्ण हो गया है. इस के बिना 80 % काम अधूरे हैं क्योंकि हर कोई काम को संपन्न करने के लिए इसका उपयोग किया जा रहा है. यही वजह है की आज के पोस्ट में हम जानेंगे की कंप्यूटर के प्रकार क्या हैं (Types of Computer in Hindi)?

सिस्टम से काम करके समय की बचत की जा सकती है और परफेक्ट तरीके से उस काम को किया जा सकता है. इस यंत्र ने दुनिया के काम करने के तरीके को बदल दिया है. बस हम कहे सकते है कि आज इस यंत्र के बिना काम करना काफी मुश्किल हो गया है.

कंप्यूटर का इतिहास आपको मालूम ही होगा इसकी शुरुआत एक कैलकुलेटर के रूप में हुई थी और आज अब तक अनेक प्रकार के आधुनिक सिस्टम को अनेक कामो के लिए बनाया जा चुका है जिनके बारे में आप नीचे एक एक करके सबके बारे के विस्तार से पढ़ सकते है.

कंप्यूटर की बेसिक जानकारी

यह एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है. जिसमें एक निश्चित दिशा निर्देश के अनुसार कार्य को संपन्न किया जाता है. इस इलेक्ट्रॉनिक यंत्र का नाम लैटिन शब्द Computer से लिया गया है. इसका अर्थ गणना करना होता है. 

इसके काम करने के प्रोसेस में सबसे पहले इनपुट डिवाइस से डाटा इनपुट किया जाता है.

उसके बाद सीपीयू इनपुट किये हुए डाटा को प्रोफेस करता है और मॉनिटर के जरिए आउटपुट प्रदान करता है.

ये एक ऐसी तकनीक है जिससे किसी भी कार्य को कम समय में परफेक्ट क्षमता के साथ किया जा सकता है. इसीलिए कंप्यूटर की विशेषता इसके के महत्व को समझना जरुरी है.

इस यंत्र को चलाना ज्यादा मुश्किल भी नहीं है. इस यंत्र को अलग-अलग आधार पर अलग-अलग भागों में बांटा गया है.

कंप्यूटर के प्रकार क्या हैं – Types of Computer in Hindi?

ये एक ऐसा यंत्र है जिसे मल्टीपरपज मशीन या मल्टी परपज डिवाइस भी जाते हैं. इस यंत्र का उपयोग हर प्रकार के व्यापार में इस्तेमाल किया जा रहा है.

चाहे वह बैंक हो या चाहे अन्य कोई दुकान हालांकि स्कूलों में अभी कंप्यूटर के महत्व को समझते हुए इसकी शिक्षा को महत्व पूर्ण करते हुए छात्रों को बेसिक कंप्यूटर कोर्स कराया जा रहा है.

इस यंत्र को अलग-अलग आधार पर अलग-अलग भागों में बांटा गया है. इसको को तीन आधारों पर विभाजित किया गया है जो निम्न प्रकार है.

1. एप्लीकेशन के आधार पर
2. उद्देश्य के आधार पर
3. आकार के आधार पर

1. एप्लीकेशन के आधार पर

एप्लीकेशन के आधार पर इस यंत्र को तीन भागों में बांटा गया है.

A. Analog Computer
B. Digital Computer
C. Hybrid Computer

A. Analog Computer

यह एक विशेष प्रकार का यंत्र है जो एनालॉग डाटा को प्रस्तुत करता है. एनालॉग डाटा इसका मतलब यह है.

यह डाटा नंबर के फॉर्म में नहीं होता है. यह डाटा फिजिकल क्वालिटी के फॉर्म में होता है. जिसकी गणना नहीं की जा सकती है. इस प्रकार की डाटा का संग्रहण एनालॉग सिस्टम काम करता है.

इस प्रकार के यंत्र का उपयोग वोल्टेज और टेंपरेचर इत्यादि मापने में किया जाता है क्योंकि इस प्रकार का डाटा नंबर में नहीं होता है.

एक फिजिकल क्वालिटी के तौर पर उपस्थित होता है. जिसका आकलन एनालॉग सिस्टम द्वारा किया जाता है. यह यंत्र फिजिकल क्वालिटी के डाटा का आकलन नंबर के रूप में करता है.

B. Digital Computer

ऐसे सिस्टम आज के दौर का सबसे प्रचलित यंत्र माना जाता है क्योंकि इस का प्रयोग मुख्य तौर पर हर प्रकार के बिजनेस में क्या जाता है.

यह यंत्र न्यूमेरिकल आंकड़ों को प्रशस्त करता है. इस का काम न्यूमेरिकल आंकड़ों को प्रोसेस कर के डाटा को कैलकुलेट करना होता है.

यह सभी प्रकार के बिजनेस में उपयोग किया जाने वाला यंत्र है जैसे टैली अकाउंटिंग इत्यादि इसी प्रकार के सिस्टम से संपन्न होती है. आंकड़ों के संबंधित सभी काम इस डिजिटल कंप्यूटर के आधार पर किए जाते हैं.

C. Hybrid Computer

इस प्रकार की सिस्टम में एनालॉग और डिजिटल कंप्यूटर दोनों के गुण पाए जाते है. इस का नाम हाइब्रिड इसीलिए पड़ा है क्यूंकि यह दोनों काम करने में सक्षम है.

इस प्रकार की यंत्र का मुख्य तौर पर उपयोग अस्पतालों में किया जाता है. क्योंकि अस्पतालों में फिजिकल आंकड़ों का आकलन के साथ-साथ न्यूमेरिकल आंकड़ों के आकलन की जरूरत भी होती है.

2. उद्देश्य के आधार पर

उद्देश्य के आधार पर इस को दो प्रकार से विभाजित किया गया है.

  • A. General Purpose Computer
  • B. Special Purpose Computer

A. General Purpose Computer

इस के नाम से ही पता चलता है कि यह सामान्य उद्देश्य के लिए उपयोग किया जाने वाला यंत्र है और इस यंत्र यानि कंप्यूटर के कई अलग अलग पार्ट्स हैं.

यह यंत्र वैसे तो कई प्रकार के मल्टीपल टास्क ओवर परफॉर्मेंस को करने की क्षमता रखता है लेकिन फिर भी इस का नाम जनरल परपज कंप्यूटर है. इस प्रकार के यंत्र काफी सस्ते हैं.

इस प्रकार के यंत्र में लगे सीपीयू की कैपेसिटी कम होती है. इन यंत्र का उपयोग पर्सनल तौर पर ज्यादा किया जाता है.

इस प्रकार के यंत्र का मुख्य रूप से उपयोग गेम खेलने मूवी देखनी है और गाने सुनने के लिए किया जाता है क्योंकि इस में सीपीयु की परफॉर्मेंस कम होने की वजह से ऑफिसियल तौर पर इस का उपयोग नहीं किया जा सकता है.

जनरल परपज सिस्टम को अलग-अलग कामों के लिए अलग-अलग प्रकार से डिजाइन किया गया है. इस प्रकार के यंत्र का उपयोग पुलिस स्टेशन में कंप्लेंट दर्ज करने, स्कूल और कॉलेजों में बच्चों को इससे जुड़े कोर्स करवाने इत्यादि में उपयोग किया जाता है.

B. Special Purpose Computer

यह सिस्टम कई प्रकार की स्पेशल आम को संपन्न करने में उपयोग लिया जाता है. इस सिस्टम में लगे सीपीयू को एक विशेष प्रकार की नई टेक्नोलॉजी के साथ डाउनलोड किया जाता है. इसीलिए इस यंत्र का नाम स्पेशल पर्पस कंप्यूटर रखा गया है.

इसका इस्तेमाल विशेष प्रकार के कामों को संपन्न करने में क्या जाता है जैसे इसरो में उपयोग किए जाने वाले सिस्टम, हॉस्पिटलों में इस्तेमाल किए जाने वाले सिस्टमऔर लेबर्ट्री में इस्तेमाल किए जाने वाले सिस्टम।

कई प्रकार की अन्य टेक्निकल विभाग में भी इन स्पेशल पर्पस सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है.  इन यंत्र में लगा सीपीयू बहुत ज्यादा कार्य क्षमता वाला होता है.

इस प्रकार के यंत्र का उपयोग ट्रैफिक सिस्टम को कंट्रोल करने के लिए तथा सेटेलाइट को लांच करने के लिए और मौसम की भविष्यवाणी करने के लिए भी किया जाता है.

इस प्रकार के यंत्र को एक निश्चित काम करने के लिए ही बनाया जाता है और इस प्रकार के यंत्र में लगे सीपीयू को उसी काम के लिए स्पेशल तौर से तैयार किया जाता है.

3. आकार के आधार पर

इस की आकार और इस की प्रोसेसिंग स्पीड के आधार पर सिस्टम को चार भागों में विभाजित किया गया है. जो निम्न प्रकार है.

A. Super Computer
B. Mainframe Computer
C. Mini Computer
D. Micro Computer

A. Super Computer

इस प्रकार के सिस्टम की प्रोसेसिंग स्पीड और परफॉर्मेंस बहुत ज्यादा और फुल होती है. इस यंत्र को सुपर कंप्यूटर के नाम से भी जाना जाता है.

इस यंत्र में लगे सीपीयू की संख्या 1 से ज्यादा हो सकती है. क्योंकि इस प्रकार के यंत्र का इस्तेमाल कई बड़े कार्यों को संपन्न करने के लिए क्या जाता है. जिनके लिए उच्च कार्य क्षमता वाले की भी जरूरत होती है.

इस सिस्टम में लगे सभी सिस्टम एक ही तरह का कार्य एक साथ संपन्न करते हैं. यह यंत्र स्पेशल कार्यों को संपन्न करने के लिए किया जाता है. मुख्य तौर पर वैज्ञानिकों द्वारा रिसर्च आर्गेनाईजेशन सेंटर में इस प्रकार के सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है.

यह सिस्टम साइज में बहुत बड़े होते हैं. इन को रखने के लिए एक बड़ी बिल्डिंग की आवश्यकता होती है या बड़े हॉल की आवश्यकता होती है. क्योंकि साधारण तौर पर यह यंत्र छोटे-मोटे कमरों में नहीं रखा जा सकता. यह सिस्टम बहुत जल्दी गर्म हो जाता है.

क्योंकि यह सिस्टम साइज में भी बड़ा है और कई विशेष पार्क कार्यों को संपन्न करता है. जिनके लिए बहुत ज्यादा ऊर्जा खर्च होती है.

इसीलिए इस सिस्टम को ठंडा रखने के लिए एयर कंडीशनर की आवश्यकता होती है. इस प्रकार की सुपर फास्ट कंप्यूटर का पहली बार 1964 में निर्माण किया गया. यह सिस्टम को Seymour Cray के द्वारा बनाया गया था.

B. Mainframe Computer

मुख्य फ्रेम सिस्टम में स्टोरेज क्षमता बहुत ज्यादा होती है और इसीलिए इस प्रकार के सिस्टम का उपयोग ज्यादा डाटा स्टोरेज करने वाली कंपनियां इस्तेमाल करती है.

इस सिस्टम की प्रोसेसिंग स्पीड भी बहुत तेज होती है. हालांकि इस की प्रोसेसिंग स्पीड और स्टोरेज कैपेसिटी सुपर कंप्यूटर की तुलना में बहुत कम होती है.

लेकिन फिर भी अन्य की तुलना में यह यंत्र स्टोरेज कैपेसिटी का होता है. क्योंकि इसका इस्तेमाल हर कोई नहीं कर सकता है और उसे रखने के लिए भी बहुत बड़ी जगह होना जरूरी है.

इसीलिए मैन फ्रेम सिस्टम का इस्तेमाल उन सभी कार्यों को संपन्न करने में क्या जाता है जहां अत्यधिक डाटा का संग्रहण करना होता है और इस की प्रोसेसिंग स्पीड की भी जरूरत होती है.

इस प्रकार के यंत्र का इस्तेमाल बैंकों में तथा इंश्योरेंस कंपनियों में किया जाता है. इस प्रकार का साइज भी काफी बड़ा होता है. लेकिन इसकी तुलना में काफी छोटा है.

इस सिस्टम को परखने के लिए एयर कंडीशनर होना जरूरी है. बड़े-बड़े सरकारी संस्थानों में डाटा स्टोर करने के लिए मेनफ्रेम कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाता है.

इस प्रकार की सिस्टम का इस्तेमाल कई प्रकार के प्रोजेक्ट को डिजाइन करने में भी किया जाता है। फाइनेंसियल रिकॉर्ड रखने के लिए तथा शेयर बाजारों में भी इस प्रकार के यंत्र का इस्तेमाल किया जाता है।

C. Mini Computer

यह सिस्टम मीडियम साइज का होता है यानी कि मेनफ्रेम से बहुत छोटा सिस्टम है.

इस को सभी प्रकार के बिजनेस में उपयोग किया जाता है. साइज छोटी होने के कारण इस को रखना वह उपयोग करना काफी आसान है. इस को बिजनेस कंपनियों ने मुख्य तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. यह सिस्टम एकाउंटिंग के तौर पर भी उपयोग किया जाता है.

यह सिस्टम मेनफ्रेम सिस्टम की तुलना में सस्ता भी है. इस सिस्टम को आसानी से हर कोई खरीद सकता है. इस यंत्र में लगा सीपीयू नॉर्मल तरीके के सभी कार्यों को संपन्न करने में सक्षम होता है. इस प्रकार के यंत्र से ज्यादा पावरफुल वर्क करने वाले विभागों में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है जैसे- रिसर्च ऑर्गेनिक सेंटर.

D. Micro Computer

यह सिस्टम मिनी कंप्यूटर से भी छोटी साइज का होता है. इसमें एक सीपीयू लगा होता है. इस सीपीयू का साइज भी छोटा होता है। यह कंप्यूटर कोर्स में ज्यादा महंगे नहीं होते हैं.

घर पर तथा स्कूलों में उपयोग किया जाने वाले कंप्यूटर इसी प्रकार के कंप्यूटर होते हैं.

इस सिस्टम को जनरल पर्पस कंप्यूटर भी कह सकते हैं. इस सिस्टम में ऑनलाइन पढ़ाई करना, एंटरनेटमेंट तथा गेम खेलने इत्यादि काम संपन्न होते हैं. इसके अलावा इस यंत्र से कई प्रकार की वर्क भी संपन्न किए जा सकते हैं.

संक्षेप में

आज की इस दुनिया को कंप्यूटर का युग कहाँ जाने लगा है क्योकि आज हर क्षेत्र में।कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जा रहा है।

अब तक विभिन्न प्रकार के कंप्यूटर बनाये जा चुके है जिनके चलते आज व्यक्ति के काम करने का तरीका काफी आसान हो गया है। अब तक कितने प्रकार के कंप्यूटर बनाये जा चुके है या हम कहे सकते है की कंप्यूटर के प्रकार क्या है (Types of Computer in Hindi) उनके बारे में हमने इस लेख के जरिये डिटेल में जाना। जिसके बारे नॉलेज होना सभी के लिए बेहद महत्वपूर्ण थी।

Wasim Akram

वसीम अकरम WTechni के मुख्य लेखक और संस्थापक हैं. इन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है लेकिन इन्हें ब्लॉगिंग और कैरियर एवं जॉब से जुड़े लेख लिखना काफी पसंद है.

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