बारकोड क्या है और बारकोड कैसे निकालें?

बार कोड नाम तो आपने ज़रूर सुना होगा इसीलिए आज की पोस्ट में हम जानेंगे की बारकोड क्या है (What is Barcode in Hindi) और बारकोड कैसे निकालें? क्योंकि यह बार कोड एक ऐसा नाम है जो आज हमारे घर आने वाले हर प्रोडक्ट जैसे साबुन, क्रीम, तेल, बिस्कुट सभी पर होता है। जैसे की यदि अब आप कभी किसी मॉल में कभी शॉपिंग करने गए होंगे तो वहाँ आपने देखा होगा कि जब हम किसी प्रोडक्ट को खरीदते है और जब हम उसका पेमेंट करते है..

तो मॉल में मौजूद वर्कर उस प्रोडक्ट पर मौजूद बार कोड को स्कैन करता है। लेकिन अब मन मे सवाल आता है। कि आख़िर बार कोड होता क्या है। या फिर उस में ऐसा क्या होता है जिससे उस प्रोडक्ट के प्राइस का पता चल जाता है। जब कोई भी किसी प्रोडक्ट को खरीदते है तो बार से जुड़े इस तरह के सवाल ज़रूर आते है। और इसके बारे में जानने की भी कोशिश करते है लेकिन इस तरह की जानकारी मिलना आज थोड़ा मुश्किल होता है।

अगर आप इस गूगल पर बार कोड क्या सर्च करके इस पोस्ट को रीड कर रहे है तो आपके मन मे भी बार कोड से जुड़े कई तरह के सवाल होंगे और उनके बारे में जानना चाहते होंगे। तो चलिये आपको परेशान होने की बिल्कुल जरूरत नही है। क्योंकि आज के हमारे इस आर्टिकल में आपको बार कोड से जुड़े हर सवाल का जबाब मिलने वाला है। बस आपको इस विषय की अधिक जानकारी पाने के लिए इस आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पढ़ना है। ताकि आपको इस आर्टिकल में बार कोड से जुड़ी हर जानकारी मिल सके। तो चलिये जानते है इसके बारे में विस्तार से.

बारकोड क्या है – What is Barcode in Hindi?

बार कोड किसी भी प्रोडक्ट के पीछे प्रिंट नंबर और लाइन का एक ऐसा फॉर्मेट है। जिसकी मदद से उस प्रोडक्ट से जुड़ी महत्वपूर्ण जैसे प्रोडक्ट की मात्रा, मूल्यक जैसी जानकारी को निकाला जाता है।

बार कोड का उपयोग आज मुख्य रूप से बिज़नेस में इस्तेमाल किया जाता है। यह पूरी तरह से टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से बना होता है। जो दिखने में काफी छोटा होता है। लेकिन आपको बता दे कि इसी छोटे बार कोड में Black And White कलर की 95 लाइन मौजूद होती है। जो कि अलग-अलग पॉर्ट में डिवाइड होती है।

इन ब्लैक और वाइट लाइन को समझने या पड़ने के लिए स्कैनर का इस्तेमाल किया जाता है इसलिये बार कोड को प्राइस स्कैनर भी कहा जाता है।

बारकोड कैसे काम करता है?

बारकोड को पढ़ने ने समझने के किये मशीन का इस्तेमाल किया जाता है। उस मशीन में एक तरह की लाइट लगी होती है। जो बार मे दी गयी लाइन को सकैन करके उस प्रोडक्ट की सही मात्रा, मूल्य की जानकारी का पता लगाती है।

बात करे तो ये सिस्टम कैसे काम करता है तो जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि बारकोड में काली, और सफेद कलर की 95 लाइन एक कुछ नंबर जैसे 980 38 इस तरह से मौजूद होती है जो अलग-अलग कॉलम में मौजूद होती है जिनका अपना अलग-अलग मतलब होता है।

अब जब इस बारकोड को स्कैन किया जाता है। तो जब बार मशीन के द्वारा स्कैन करने पर जब कोई लाइट नही जल्दी है तो इसका मतलब होता है मशीन बारकोड के पहले कॉलम को स्कैन कर रही है।

जब बारकोड को स्कैन करने पर मशीन जल जाती है तो इसका मतलब होता है। कि मशीन बारकोड के दूसरे 0 को पढ़ रहा है, और किसी भी प्रोडक्ट में 0 का मतलब होता है वह प्रोडूस्ट किस प्रकार का है, उसकी मात्रा क्या है। और इस तरह से बार कोड काम करता है।

दोस्तों आपकी महत्वपूर्ण जानकारी के लिए बता दे हर बारकोड में लिखे नंबर का अपना अलग मतलब होता है जो कि प्रोडक्ट की सही जानकारी को दर्शाता है।

बारकोड का इतिहास?

ये स्ट्रक्चर किसी प्रोडक्ट की जानकारी स्टोर करने का एक तरीका है जिसमे उस प्रोडक्ट्स से जुडी सारी जानकारी स्टोर की जाती है जैसे इसे किस कंपनी ने बनाया और इसका मूल्य क्या है ये सभी जानकारी बारकोड में कोड करके स्टोर की जाती है जिसे सिर्फ बारकोड रीडर की मदद से पढ़ा जा सकता है.

इस का आविष्कार नार्मन जोसेफ वुडलैंड और बर्नार्ड सिल्वर ने अमेरिका में सन 1951 में किया था.  पहले ये मोर्स कोड में आधारित था इस उसनके इस अविष्कार को व्यवसायिक रूप से सफल होने में 20 बर्ष लगे.

पहली बार सफल होने के लिए सन 1960 में जनरल टेलीफोन एंड इलेक्ट्रॉनिक्स (GTE ने कार ट्रैक ACI द्वारा बना हुआ.

बारकोड एक अमेरिकन कंपनी जिसका नाम एसोसिएशन ऑफ़ अमेरिकन रेलरोड्स ने कारों में प्रयोग किया उस में कार के मालिक का नाम, कार का मॉडल नंबर और कार का नंबर स्टोर किया जाता था. व्यावसायिक रूपये  से ये फीचर तब सफल हुआ.

जब इसे सुपर मार्केट आटोमेटिक चेकआउट करने में प्रयोग किया गया इसके बाद इस का और बहुत से कार्यो में प्रयोग किया जाने लगा जैसे “आटोमेटिक आइडेंटिफिकेशन एंड डाटा कैप्चर” और “यूनिवर्सल प्रोडक्ट कोड” में प्रयोग किया जाने लगा.  26 जून 1974 को पहली बार बारकोड स्कैन किया गया.

बारकोड कैसे बनाएं?

दोस्तों अगर आपका कोई दुकान है, या फिर आपका कोई बिज़नेस है. और उसके लिए आप बरकड़े बनवाना चाहते है. तो इसके लिए आपको बिलकुल भी परेशान जरूरत नहीं है, क्योंकि बारकोड बनाना काफी आसान है.

मतलब की इसके लिए कई ऑनलाइन विकल्प मौजूद है जहाँ से आप फ्री में बारकोड बना सकते है. अब कैसे बना सकते है इसके लिए हमने नीचे स्टेप by स्टेप बताया है जिन्हे फॉलो करके आप काफी आसानी से  स्कैनिंग के लिए आकृति बना सकते है.

इसके लिए में आपको हर स्टेप बताऊंगा आप वो स्टेप फॉलो करते रहे और आप अपना बारकोड बना सकते है।

• इसे बनाने के लिए आपको सबसे पहले बारकोड बनाने की ऑफिसियल वेबसाइट https://barcode.tec-it.com/en विजिट करना होगा।
• इस वेबसाइट पर विजिट करने के बाद आपको Online Barcode Generator का आप्शन मिलेगा।
• उसके निचे आप्शन होगे जैसे Linear Codes, Postal codes, 2D codes, Banking and Payments Codes ऐसे आप्शन होगे आपको जिस काम के लिए स्ट्रक्चर बनाना है उसे सेलेक्ट कर ले.
• जो भी आप्शन आये उसे सही इनफार्मेशन के साथ फिल कर दे और सबमिट करके जेनेरेट कोड पर क्लिक करे.
• उसके बार आप अपने जेनेरेट हुए स्ट्रक्चर को डाउनलोड कर सकते है.

बारकोड के प्रकार क्या है?

अब मन में सवाल आता है की आखिर इसके कितने प्रकार के होते है तो चलिए इनके बारे में भी थोड़ा डिटेल में जान लेते है.

इस के मुख्य रूप से दो प्रकार के होते है जो की निम्लिखित है.

  1. लीनियर या 1D
  2. QR (Quick Response) कोड या 2D

लीनियर या 1D 

लीनियर या 1D को अपने सामान्यता घरेलू प्रोडक्ट जैसे साबुन, क्रीम ,तेल , पेन आदि परबना होता है। जबकि QR (Quick Response) कोड या 2D का PAYTM जैसे एप्लीकेशन में प्रयोग किया जाता है.

QR (Quick Response) कोड या 2D 

2D , 1D की तुलना में अधिक डाटा स्टोर कर सकता है और 2D अधिक यूज़फुल होता है. क्योंकि 2D लीनियर से अधिक फ़ास्ट होता है और 2D का अगर कोई पार्ट डैमेज भी हो जाता है तो ये फिर भी स्कैन किया जा सकता है लेकिन लीनियर या 1D में ऐसा नही होता है.

बारकोड के उपयोग व फायदे?

यदि आप शॉपिंग करने के शौकीन है तो लगभग आपको इसके  फायदे के बारे में पता ही होगा। की किस तरह से इसके जरिये किसी भी प्रोडक्ट मूल्य, मात्रा को कम समय में निकाल लिया जाता है ये तो लगभग सभी जानते है लेकिन बारकोड के अन्य कई फायदे होते है. जिनके बारे में आप नीचे पढ़ सकते है-

  • इससे प्रोडक्ट को खरीदते समय पेमेंट के दौरान समय की बचत होती है.
  • इस के प्रयोग से पेमेंट के दौरान होने वाली गलती को रोका जा सकता है.
  • बारकोड किसी प्रोडक्ट के उस मूल्य को बताता जो उसे बनाने वाली कम्पनी ने तय किया है, कोई अन्य व्यक्ति उसे बदल नही सकता तो प्रोडक्ट लेने वाले को सिर्फ उसका वास्तविक मूल्य ही चुकाना होता है.
  • एक व्यक्ति ही बहुत से सामान का पेमेंट कर सकता है इससे दुकान पर पेमेंट के लिए ज्यादा लोगो को रखने की जरूरत नही होती।
  • प्रोडक्ट के मूल्य को पढने में ग़लती नही होती है.
  • प्रोडक्ट की जानकारी बहुत ही जल्दी से स्टोर की जा सकती है.

बारकोड के नुकसान?

दोस्तों की हम सभी जानते है की कोई भी चीज जितनी जहाँ फायदेमंद होती है. वही कही ना कही उसके नुकसान भी होते है. ठीक इसी  तरह इस फीचर के जितने फायदे होते है ना कही इसके नुकसान भी होते है- जो इस प्रकार है.

• इस आकृति को पढने के लिए एक बारकोड रीडर की जरूरत होती है इसके बिना हम बारकोड को नही पढ़ सकते।
• अगर स्ट्रक्चर डैमेज है या जिस पर बना हुआ है वहां सही से दिख नही रहा है तो उसे बारकोड रीडर नही पढ़ सकता है.
• इसे अपडेट नही किया जा सकता इसका मतलब अगर एक बार किसी प्रोडक्ट का मूल्य बारकोड में स्टोर कर दिया गया तो वो बदला नही जा सकता है.
• कोड को रीड करते समय अगर सिस्टम फेल हो जाता है तो सारी लिस्ट फेल हो जाती है और सभी प्रोडक्ट को दोबारा स्कैन करना पड़ता है.
• इस में डाटा को स्टोर करने के लिए डाटा को कोडेड करना जरुरी होता है.

बारकोड का महत्व?

इस के महत्व क्या-क्या होते उन्हें आप यहाँ पढ़ सकते हैं.

  •  इसकी सहायता से प्रोडक्ट्स को समझने में मदद मिलती है जैसे कौन सा प्रोडक्ट किस कम्पनी का है और इसका प्राइस क्या है और प्रोडक्ट्स और कम्पनी के बारे में जानकारी मिल जाती है.
  • इसकी मदद से हमे चीजो के मूल्य याद नही रखने पड़ते है क्यूंकि उस प्रोडक्ट की साडी जानकारी बारकोड में पहले से ही स्टोर की गयी होती है.
  • इस की सहायता से प्रोडक्ट्स के मूल्य में भूल नही होती और समय की भी बचत होती है.

संक्षेप में

बारकोड एक तरह से आज हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन गया है. क्योकि यदि आज हम अपने घर में दैनिक उपयोग में आने वाली किसी भी चीज को खरीदकर लाते है तो वहां बारकोड का इस्तेमाल ज़रूर मिल जाता है. लेकिन अभी तक लोगो को बारकोड के बारे में अधिक जानकारी से अंजान थे.

इसलिए हमने आज इस आर्टिकल में बारकोड क्या है (What is Barcode in Hindi) और इसे कैसे निकाले? इसके बारे में हम आपको ऊपर बता ही चुके है जो आप सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.

इसके अलावा हमने आज इसकी विशेषताएँ, फायदे, नुकसान के बारे में विस्तार से से जाना. आशा करता हूँ कि आपको ऊपर दी गयी जानकारी उपयोगी रही होगी और यदि आपको इस लेख में कुछ समझ नही आया हो तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते है.

हमारी टीम जल्द आपसे जुड़कर आपकी पूरी सहायता करेगा। दोस्तों अगर आपको आज के इस आर्टिकल में दी गयी जानकारी आपको useful रही हो तो इसे अपने दोस्तों साथ सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें।

Wasim Akram

वसीम अकरम WTechni के मुख्य लेखक और संस्थापक हैं. इन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है लेकिन इन्हें ब्लॉगिंग और कैरियर एवं जॉब से जुड़े लेख लिखना काफी पसंद है.

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