Study Time Table कैसे बनायें: (14 स्टेप्स में खुद बनाये)

ली क्या इस बार आप बोर्ड की परीक्षा लिखने वाले हैं तब तो आपको यह जानना जरूरी है कि Study Time Table कैसे बनायें

अगर आपके पास एक बढ़िया स्टडी करने का टाइम टेबल मौजूद हो तो आपको पढाई करने में बहुत आसानी होगी लेकिन इसके लिए आपको समझना होगा की पढ़ने का रूटीन कैसे बनायें?

अगर आप घर में बैठ कर अच्छे तरीके से पढ़ना चाहते हैं तो पढाई के लिए टाइम टेबल का काफी महत्व है।

स्कूल में भी हर विषय के लिए टाइम टेबल बनाकर ही बच्चों को पढ़ाया जाता है।

अच्छी तरह समझ लें की घर में पढ़ने के लिए हर विषय के लिए उचित समय देना जरुरी है ताकि आप भी अपने क्लास का टॉपर बन सकें।

चाहे पढ़ाई हो या फिर किसी तरह का बिजनेस या फिर जॉब हर जगह टाइम मैनेजमेंट बहुत ही जरूरी फैक्टर होता है।

आपके दिमाग में अक्सर यह ख्याल आता होगा कि आखिर आपका कोई क्लासमेट पढ़ने में इतना तेज कैसे है और क्यों हर बार टॉपर बन जाता है।

इसके पीछे कोई जादू नहीं है बल्कि हार्ड वर्क तो होता ही है लेकिन इसके साथ ही स्मार्ट वर्क भी करना जरूरी होता है।

आप देखते हैं कि जो लड़के टॉपर होते हैं वह हर तरह के काम करते हैं और समय पर अपने रूटीन को भी फॉलो करते हैं और पूरा करते हैं।

यही वजह है उनके टॉपर होने की।

अगर आप भी चाहते हैं कि टाइम टेबल के साथ आप पढ़ाई करें और आपको नहीं आता की टाइम टेबल कैसे बनाएं तो इस पोस्ट के माध्यम से आप जान जाएंगे की टॉपर अपना टाइम टेबल कैसे बनाते हैं और स्टडी करने वाले हर स्टूडेंट के लिए टाइम टेबल क्यों जरूरी है।

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Study Time Table कैसे बनायें?

क्या आप भी उन छात्रों में से एक हैं जो यह सोचते हैं कि आप कल से पढ़ाई शुरू कर लेंगे और कल फिर यही सोचते हैं कि अरे एक ही दिन तो हुआ है 1 दिन अगर नहीं पढ़ेंगे तो क्या दिक्कत है, अगले दिन से पढ़ाई चालू कर लेंगे।

तो मैं आपको बता दूं कि इस तरह कि सोच रखने से आपको सफलता बिल्कुल नहीं मिल सकती है।

एक एक करके सारे दिन निकल जाएंगे।

फिर आप पाओगे कि आप की तैयारी कुछ भी नहीं हुई और एग्जाम का समय नजदीक आ गया। उस वक्त जो टेंशन होगी फिर उस टेंशन में आप पढ़ाई भी ठीक से नहीं कर सकेंगे।

आप ऐसा तो नहीं करते होंगे ना कि 1 हफ्ते का खाना एक ही दिन में खा लेते होंगे।

आप अगर 1 दिन में तीन वक्त का खाना खाते हैं और उसमें एक वक्त का खाना भी छूट जाता है तो आपको भूख लग ही जाती होगी।

पढ़ाई भी ठीक इसी तरीके से है हमारा दिमाग हमारी सोच के अनुसार सेट हुआ रहता है।

हम भी नहीं चाहते कि हम एक ही दिन में बहुत पढ़ाई कर ले और इस वजह से दिमाग भी उतना कैप्चर नहीं कर पाता है।

वहीं अगर हम हर दिन रूटीन के अनुसार थोड़ी-थोड़ी पढ़ाई करते हैं तो हमारा दिमाग भी उसको कैप्चर कर लेता है और सारी बातें याद रह जाती हैं।

पढ़ने का रूटीन बनाना क्यों जरुरी है?

जिस तरह हर दिन तीन वक़्त का खाना खाकर के हमारे शरीर को ताकत मिलती है और हम हर दिन काम कर पाते हैं। ठीक उसी तरह से थोड़ी थोड़ी पढ़ाई करने से हमारे साल भर की एग्जाम की तैयारी भी बहुत अच्छी हो जाती है।

इस प्रकार हमारा दिमाग बहुत सारी बातों को आसानी से याद भी कर लेता है और एग्जाम में कोई परेशानी भी नहीं होती है।

देखिए भले ही आपको सारे विषयों में इंटरेस्ट लगे चाहे ना लगे पढ़ाई तो करनी होती और हर विषय में पास होना जरूरी है।

लेकिन कोई भी सिर्फ पास होने के लिए पढ़ाई नहीं करता है वह अच्छे से अच्छे नंबर लाने के लिए कड़ी मेहनत करता है।

स्टडी टाइम टेबल को पूरे साल फॉलो करके पढ़ाई करते हैं तो फिर उन्हें अच्छे नंबर जरूर आते हैं।

जिन सब्जेक्ट में आपकी इंटरेस्ट नहीं है उसके लिए भी कुछ तो मेथड अपनाना पड़ता है जिससे कि उस विषय की अच्छे से तैयारी हो सके।

हम इन्हीं तरीकों के बारे में जानते हैं कि किस तरह पढ़ाई करने के लिए एक अच्छा टाइम टेबल बनाते हैं और किस तरह से फॉलो करते हैं।

तो चलिए अब जान लेते हैं कि पढ़ाई करने के लिए टाइम टेबल बनाना हो तो उसमें किन-किन बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है।

स्टडी करने का टाइम टेबल कैसे बनाएं?

अगर आपको यह पता हो जाए कि आप क्या पाना चाहते हैं तो आपके लिए एक शेड्यूल का बनाना काफी आसान हो सकता है।

इससे आपको यह भी पता चलेगा कि आप को किस क्षेत्र पर ज्यादा फोकस करना है और किस पर कम।

1. पढ़ाई के लिए शॉर्ट टर्म और लोंग टर्म गोल बनाएं

यहां पर हमने शॉर्ट टर्म और लोंग टर्म के बारे में बताया है।

शॉर्ट टर्म का मतलब यह है कि मान लीजिए आपका टेस्ट एक हफ्ते बाद है, या फिर आपको किसी प्रेजेंटेशन को याद करना है और उसके लिए सिर्फ 7 दिन बचे हुए हैं।

इस स्थिति में हम छोटे समय के लिए शेड्यूल तैयार करते हैं। 

लोंग टर्म का मतलब यह है कि हम जब हम किसी ऐकडेमिक सेशन की तैयारी करते हैं या फिर एक सेमेस्टर के लिए हमें पढ़ाई करनी होती है तो इस सूरत में हम एक ऐसा शेडूल बनाते हैं जिसे हम लंबे समय के लिए फॉलो करते हैं।

अब यहां पर आपको यह डिसाइड करना है कि आपको इनमें से किस तरह का शेड्यूल तैयार करना है।

अगर आप बोर्ड का एग्जाम लिखने जा रहे हैं तो आपको पूरे 1 साल के लिए शेड्यूल तैयार करना है और पूरे साल उसी टाइम टेबल को फॉलो करके पढ़ाई करना है।

हाँ जरुरत के अनुसार और विषय पर बनने वाली पकड़ को देखते हुए आप समय में बदलाव कर सकते हैं।

2. सिलेबस के अनुसार सभी सब्जेक्ट की लिस्ट बनाएं

अब यहां बात आती है कि हमें पहला काम क्या करना है जिससे हम अपने टाइम टेबल वाले काम को शुरू कर सकें।

सबसे पहले आपको एक लिस्ट बनानी है और अपने सभी विषय को उस लिस्ट मे लिखना है।

जब आप अपने सभी विषयों की लिस्ट तैयार कर लेते हैं तो अब आपको यह जानना है कि उनका सिलेबस क्या है उसमें क्या क्या टॉपिक पढ़ने हैं।

आपको किस विषय के लिए कौन से एक्स्ट्रा बुक्स की जरूरत है वह भी नोट कर ले और सारे टेक्स्ट बुक और गाइड कलेक्ट करके रखें।

3. अपने सब्जेक्ट की प्रायरिटी सेट करें

अब आपको यह समझना है कि आपके लिए कौन सा विषय हार्ड है और कौन सा आसान है।

यह आपके सिवा और कोई नहीं बता सकता क्योंकि आप खुद के बारे में सबसे अच्छा जानते हैं।

आपको हर विषय में अलग अलग से समय देना है और हर विषय पर ध्यान देना है भले ही वह आसान हो उसकी भी आपको पढ़ाई करनी है।

ये नहीं कि जो विषय आप के लिए आसान है तो आप उस किताब को बिल्कुल ही नहीं देखेंगे।

अकैडमी शुरू होते ही रूटीन के साथ पढ़ाई करने का यही फायदा है कि आप हर विषय में उसके लिए पर्याप्त समय दे सकेंगे।

यहां पर आपको उन विषयों को चुनना है जिनमें आप कमज़ोर हैं या फिर आपको वह सब्जेक्ट बहुत हार्ड लगते हैं। उनको अपने लिस्ट में सबसे ऊपर रखें और उस पर ज्यादा समय प्लान करें।

लेकिन जैसा मैंने बताया कि हर विषय पर आपको समय देना है।

ऐसा नहीं कि जिस सब्जेक्ट में आप कमजोर हैं बस उसी को पढ़ रहे हैं और बाकियों को आपने पढ़ना छोड़ दिया है।

यह गलत तरीका है। इससे आपके अच्छे विषय होने के बावजूद भी उनमे मार्क कम हो सकता है।

ऐसा देखा जाता है कि जो लड़के जिस विषय में बहुत अच्छे होते हैं, उसी में खराब परफॉर्मेंस कर देते हैं।

इसकी सबसे बड़ी वजह होती हैं, ओवर कॉन्फिडेंस और उस विषय को इग्नोर करना, उस पर समय ना देना।

यह तो आप जानते ही होंगे कि समुद्र में वही डूबते हैं जिन्हें तैरना आता है, जो तैरना नहीं जानते वो तो समुद्र में उतरते भी नहीं।

हर विषय को उसकी कठिनता के अनुसार समय दें और उसी के अनुसार उसकी पढ़ाई करें।

4. पढ़ाई के अलावा भी अपना समय निर्धारित करें

एग्जाम की तैयारी करने का यह मतलब नहीं होता है कि आप 24 घंटे बाद पढ़ाई-पढ़ाई और बस पढ़ाई करते रहे।

जब आपका शरीर और दिमाग दोनों फ्रेश होता है तभी अच्छे तरीके से पढ़ाई कर सकते हैं।

अगर आप कोई गेम खेलते हैं जैसे क्रिकेट, फुटबॉल या फिर कोई इनडोर गेम जैसे टेनिस इत्यादि तो उसके लिए भी आप अपने टाइम टेबल में उसके लिए भी टाइम सेट कर दे।

खेलकूद हमारे शरीर को तो मजबूत करते ही हैं, यह हमारे दिमाग को भी फ्रेश कर देते हैं और हमारी स्ट्रेस को कम करते हैं।

घर में रहते हुए आपको घर के बहुत सारे काम भी करने होते हैं।

जैसे किसी इवेंट में जाना, किसी फंक्शन को अटेंड करना, घर के किसी फैमिली मेंबर को हेल्प करना, यह सारी मैनेजमेंट भी आपको खुद ही देखनी पड़ेगी।

इनके लिए भी आपको डेली टाइम टेबल में इंक्लूड करके ही शेड्यूल को तैयार करना होता है।

5. एक्टिविटी के लिए एक चेक शीट बना ले

आप एक बड़े पेपर को ले और उस पर 1 महीने का यानी कि 30 दिनों का ब्लॉक बना ले। 

हर दिन आप जो चैप्टर पढ़ रहे हैं और जो क्वेश्चन आंसर याद कर रहे हैं, उनको वहां पर लिखते जाए।

इससे आपको पता चल जाएगा कि आप दिन भर में कितनी पढ़ाई कर रहे हैं। इससे आपको अंदाजा हो जाएगा कि आप की मेमोरी कैसी है।

1 दिन में आप अधिक से अधिक कितने क्वेश्चन आंसर सॉल्व कर सकते हैं या फिर याद कर सकते हैं।

जब आप दिन भर पढ़ाई करते हैं और शाम तक कुछ अपने दिमाग के अंदर डाल लेते हैं तो आपको बहुत खुशी महसूस होती है और इससे अगले दिन की पढ़ाई करने के लिए काफी कॉन्फिडेंस भी बढ़ जाता है। 

इस तरह आपको पता चल जाता है कि आपकी एबिलिटी क्या है और आपकी दिमाग की कैपेसिटी कितनी है।

आप किस स्पीड से पढ़ाई करेंगे कि आपकी तैयारी समय रहते पूरी हो जाएगी।

6. प्रतिदिन रिवीजन करने का समय भी निर्धारित करें

आप पढ़ाई कितनी भी कर ले और अगर इसे एक बार भी रिवीजन कर लेते हैं तो फिर आपकी मेमोरी में यह परमानेंट तरीके से बैठ जाती है और पढ़ा हुआ टॉपिक याद हो जाती है।

मेरी राय में जो स्टूडेंट रिवीजन नहीं करते हैं वह एग्जाम के दिन पढ़े हुए टॉपिक भी अच्छी तरह से कंप्लीट नहीं कर पाते हैं।

इसीलिए साल के शुरुआत से ही पढ़ाई के साथ-साथ रिवीजन पर भी ध्यान दें तो फिर हर टॉपिक कंप्लीट तरीके से पूरी हो जाती है और दिमाग से बाहर नहीं निकलती।

7. अच्छी नींद को भी अपने शेड्यूल में डालें

जैसे कि मैंने आपको पहले ही बताया कि खेलकूद हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है साथ ही साथ हमारे दिमाग को भी फ्रेश रखते हैं।

इसके अलावा एक और चीज सबसे जरूरी है वह है अच्छी नींद का लेना। क्योंकि कोई भी मशीन लगातार काम नहीं कर सकती है।

उसी तरीके से इंसानों का दिमाग भी लगातार काम नहीं कर सकता है। इसके लिए रेस्ट करना जरूरी है और इसी वजह से नींद को बहुत ही महत्व दिया जाता है।

हर इंसान को अच्छी नींद लेनी जरूरी होती है क्योंकि इसके बिना ना तो दिमाग फ्रेश रहेगा और ना तो शरीर ठीक से काम कर पाएगा।

उल्टा अगर आप किसी रोज ठीक से नींद नहीं ले पाते हैं तो वह पूरा दिन आपका बेकार जा सकता है।

ना तो आपको पढ़ाई में मन लगेगा और ना ही कोई टॉपिक याद होगी।

अच्छी नींद नहीं लेने से आपके पढ़ाई में बस नुकसान ही होगा और कुछ नहीं।

जैसा कि हम पहले ही जान चुके हैं कि हर इंसान एक दूसरे से अलग होता है और उनकी क्षमताएं भी अलग-अलग होती हैं।

जब आप पढ़ाई करते हैं तो खुद ही यह चीज समझते हैं कि किसी टॉपिक को पूरी तरह से कंप्लीट करने में आपको कितना समय लगता है।

अगर आप गणित का कैलकुलेशन कर रहे हैं तो उसके फार्मूले आपको कितनी देर में याद होते हैं और आप एक क्वेश्चन बनाने में कितना समय लगाते हैं। इस चीज को आप से बेहतर कोई नहीं जानता।

गणित विषय के बारे पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारे लिखे आर्टिकल गणित क्या है अवश्य पढ़ें।

8. बनाए गए शेड्यूल का आकलन करें

आप अपने बनाए गए शेड्यूल को देखें कि यह आपके लिए फिट बैठ रहा है या नहीं। आपको इसमें कुछ बदलाव करने की जरूरत है या नहीं है।

अगर आपको लगता है कि आपके टाइम टेबल में कुछ बदलाव करने की जरूरत है तो उसे जरूर करें जो आपके लिए बेहतर हो। 

हो सकता है जो टाइम टेबल दूसरे के लिए बहुत अच्छा है वह आपके लिए फिट ना बैठ रहा हो और आप इस टाइम टेबल पर कुछ बदलाव करना चाहते हैं।

तो इसे बेशक करें क्योंकि जब तक आप कंफर्टेबल नहीं होंगे तब तक आपको इसे फॉलो करने में भी फायदा नहीं होगा।

9. पढ़ाई करने के तरीके को समझें और सुधार करें 

हर इंसान के पढ़ाई करने का तरीका अलग होता है।

कुछ लोग मैथमेटिक्स बहुत आसानी से समझ लेते हैं और कुछ लोगों को यह बहुत परेशानी भरा लगता है।

कुछ ऐसे स्टूडेंट होते हैं जिनकी मेमोरी बहुत अच्छी होती है और कोई भी टॉपिक वह बहुत जल्दी याद कर लेते हैं।

वहीं कुछ ऐसे स्टूडेंट्स भी होते हैं जिन्हें टॉपिक जल्दी याद नहीं होते।

तो आप भी अपने पढ़ने के तरीके को समझें और इस बात का आकलन करें कि क्या यह काफी है या इसमें कुछ बदलाव करने की जरूरत है।

अगर आप किसी टॉपर को देखते हैं और उसके पढ़ने के तरीके को देखते हैं तो हो सकता है कि आप उसके तरीके को फॉलो  ना कर सके क्योंकि आपके IQ लेवल और उसके IQ लेवल में फर्क हो सकता है।

इसका मतलब यह नहीं कि अगर वह टॉपर है तो आप टॉपर नहीं बन सकते बिल्कुल बन सकते हैं लेकिन आपको अपने तरीके से पढ़ाई करनी होगी।

अगर आपकी याददाश्त कमजोर है, आप याद नहीं कर पाते हैं भूल जाते हैं।

तो मेरी एक सलाह है कि आप हर रोज सोने के पहले पानी में बादाम भीगा ले और सुबह उठकर उसे खाएं।

आपकी याददाश्त तेज हो जाएगी यह मेरा खुद का आजमाया हुआ तरीका है और मैं इसे सिर्फ परीक्षा के समय में ही इस्तेमाल किया करता था।

वैसे आप इसका इस्तेमाल हमेशा कर सकते हैं।

जिन्हे सवाल जवाब याद करने में दिक्कत होती है वो ये पोस्ट जरूर पढ़े और समझे की अच्छी तरह सवाल जवाब याद कैसे करे?

10. पढ़ाई के महत्व को समझें

अगर आप स्कूल के स्टूडेंट है तो हो सकता है आपको यह बात समझ में ना आई हो की पढ़ाई का क्या महत्व है और अगर आप एक कॉलेज के स्टूडेंट है तो फिर आपको यह अच्छे से समझ में आता होगा कि हर इंसान के लिए पढ़ाई कितनी जरूरी है।

जब तक आप अच्छे से पढ़ाई नहीं करते तब तक आप को परीक्षा में सफलता नहीं मिल सकती है।

11. शेड्यूल के टाइम का सदुपयोग करें

जब आप एक शेड्यूल तैयार कर लेते हैं और उसको फॉलो करना भी शुरू कर देते हैं तो उसमें कभी-कभी आपका दिया गया समय ज्यादा लगने लगता है।

यानी कि आपको कोई टॉपिक पढ़ना है और आप उसे समय से पहले पूरा कर लेते हैं तो इस बीच आपको काफी समय भी बच जाता है।

इसका मतलब यह नहीं है कि आप उस बचे हुए समय को वेस्ट करें।

यहां सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप उस बचे हुए समय में कोई पुराने टॉपिक का रिवीजन कर ले।

यानी कि 1 मिनट भी आपके लिए कीमती होता है और उस कीमती समय का हमेशा सही उपयोग करें।

12. छोटे ब्रेक लेकर पढ़ाई करें

कभी भी लगातार लम्बे समय तक पढ़ाई ना करें।

अक्सर देखा जाता है कि कुछ बच्चे लगातार घंटों तक पढ़ाई करते हैं। इस तरह ज्यादा देर पढ़ने से जो टॉपिक बच्चा पढ़ता है वह ठीक से कंप्लीट भी नहीं हो पाता है।

इसकी वजह यह है कि हम दिमाग को बीच में रेस्ट नहीं देते हैं। 

आप को इस बात का हमेशा ध्यान रखना है कि हर 1-2 घंटे पढ़ने के बाद 5 से 10 मिनट का ब्रेक जरूर ले।

इससे लंबा ब्रेक भी ना ले।

13. शेड्यूल को हंड्रेड परसेंट फॉलो करें

पढ़ाई के लिए अगर टाइम टेबल बनाते हैं तो उसे फॉलो करना भी जरूरी है।

टाइम टेबल बना लिया और उसे फॉलो कर ही नहीं रहे हैं और फिर सोचेंगे कि अच्छा रिजल्ट आ जाए तो यह कैसे मुमकिन हो सकता है।

स्टूडेंट प्लानिंग तो कर लेते हैं लेकिन टाइम टेबल को फॉलो करने में ही कोताही करते हैं जिसकी वजह से समय बीतता जाता है और एग्जाम के समय में वह अच्छा परफॉर्मेंस नहीं दे पाते हैं।

इसीलिए शेड्यूल को हंड्रेड परसेंट फॉलो करें।

इसके लिए स्ट्रांग डिटरमिनेशन बनाकर रखें कि आपको यह शेड्यूल फॉलो करना है और इसके अनुसार ही पढ़ाई करनी है।

14. अपने दोस्तों के साथ ही अपने डेली रूटीन के बारे में डिस्कस करें

अपने शेड्यूल के बारे में दोस्तों के साथ डिस्कस करें।

जब हमारा एग्जाम होता है और हम पढ़ाई करते हैं उसी बीच हमारे कई दोस्त ऐसे भी होते हैं जो बार-बार पढ़ाई के दौरान बुलाते हैं, जिससे हमारा ध्यान भी भटक जाता है।

यहां पर सब से ज्यादा ध्यान देने वाली बात यह है कि आप अपने दोस्त के साथ अपना शेड्यूल जरूर शेयर करें और उसे बताएं कि आप किस वक्त फ्री होते हैं और किस वक्त आप उनसे बात कर सकते हैं।

इससे आपको डिस्टरबेंस नहीं होगा और आप अच्छे से पढ़ाई कर सकेंगे।

पढ़ाई के लिए टाइम टेबल बनाने के फायदे

  • हमें अपने गोल तक पहुंचने में मदद मिलती है।
  • एग्जाम की अच्छी तैयारी हो जाती है।
  • अधिक से अधिक टॉपिक आसानी से कवर हो जाते हैं।
  • अच्छा रिजल्ट मिलता है।
  • टाइम मिसमैनेजमेंट को ट्रैक करने में मदद मिलती है।
  • लोंग टर्म पढ़ाई में बहुत से फायदा होते हैं।
  • पढ़ाई में हो रहे हैं प्रोग्रेस का अंदाजा मिल जाता है।
  • टाइम का अच्छा उपयोग होता है।

पढ़ने का टाइम टेबल बनाने से जुड़ा वीडियो

टाइम टेबल फॉर स्टडी से जुड़े सवाल [FAQ]

स्टडी टेबल कैसे बनाये?

स्टडी टेबल बनाने के लिए ये स्टेप्स फॉलो करें:

  • एक शेडूल बनाये
  • अपनी स्ट्रेंथ और कमज़ोरी के अनुसार विषयों को समझे।
  • उसके बाद शेडूल बनाकर उस पर अमल करें।

8 घंटे पढ़ाई कैसे करें?

8 घंटे हर दिन पढाई करने के लिए हर घंटे में 10-15 मिनट का ब्रेक लेना जरुरी है। हर दिन पढाई करने की आदत भी दिन छोड़ते हैं तो अगले दिन आपको पढाई में मन नहीं लगेगा।

अपनी रूचि के विषय और थोड़े कठिन विषयों को बदल बदल कर पढ़ें।

सरकारी नौकरी के लिए कितने घंटे पढ़ना चाहिए?

यह पूरी तरह से आपकी योग्यता पर निर्भर करता है कि आप कितने घंटे पढ़ाई करके तैयारी कर पाते हैं।

पढ़ाई करने के लिए कोई निश्चित समय नहीं होता है।

हर इंसान की अपनी क्षमता होती है और वह अपनी क्षमता के अनुसार यह अपने पढ़ाई को करता है।

अगर आप 4 घंटे पढ़ कर ही विषय को समझ लेते हैं और अपने दिमाग में याद रख सकते हैं तो फिर यह समय आपके लिए काफी है लेकिन अगर आप को समझने में और याद करने में देरी होती है तो फिर आपको और समय देना पड़ेगा।

संक्षेप में

इस पोस्ट के माध्यम से मैंने आप को यह बताया की पढाई करने का टाइम टेबल कैसे बनायें और शेड्यूल तैयार करके पढ़ाई करने में कितने फायदे हैं।

इसके अलावा आपने यह भी जाना की पढ़ाई के दौरान सिर्फ पढ़ाई करने से नहीं होता बल्कि उसके अलावा भी कई एक्टिविटीज होती हैं जो महत्वपूर्ण होती है जैसे कि अच्छी नींद का होना और साथ में अपने शरीर को फिट रखने के लिए खेलकूद भी करना।

मैं उम्मीद करता हूं कि आपको अपने डेली रूटीन बनाने में किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी।

Wasim Akram

वसीम अकरम WTechni के मुख्य लेखक और संस्थापक हैं. इन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है लेकिन इन्हें ब्लॉगिंग और कैरियर एवं जॉब से जुड़े लेख लिखना काफी पसंद है.

6 thoughts on “Study Time Table कैसे बनायें: (14 स्टेप्स में खुद बनाये)”

  1. thanku sir ,
    aap ne mera sara problem ko durr kar diya but ek problem aur sir routine ke tariko ko kaise samjha jaye ki koi problem na ho long tram study me
    plz help me sir.

    Reply
    • Routine har insan ka alag ho sakta hai. Ye aapki strength aur weakness par depend karta hai. Ise aapko khud samajhna hoga fir uske according har subject ko dhyan dena padega.

      Reply
  2. Sir ham apna time table kaise banaaye, jayada der tak padhne ke liye baithte pr nhi ho pata hai kya kare sir, sir ham bio.. Rakhana chahte hai

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    • Ji achha idea hai.
      Time table banaiye aur follow karne ki koshihs kare. Shuru me pareshani hogi but dheere dheere aap ise thik dhang se follow kar sakenge.
      Beech beech me thoda break lekar padhai kaire.

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