हर ब्लॉगर चाहता है कि उसके ब्लॉग में बहुत भारी ट्रैफिक रहे लेकिन जब तक उसे यह नहीं मालूम होता की SEO क्या है और यह कैसे काम करता है तब तक ब्लॉग पर ट्रैफिक लाना बहुत बड़ी चुनौती हो सकती है. एसईओ क्या होता है और इसका फुल फॉर्म क्या है इसकी जानकारी के बगैर या आप इस तकनीक को इस्तेमाल किये बिना ब्लॉग्गिंग में सफल नहीं हो सकते हैं. अगर आप भी जानना चाहते हैं की SEO क्या है और SEO कैसे करते हैं तो फिर आप पोस्ट को पूरा पढ़ें उसके बाद आपको किसी अन्य SEO से जुड़ी पोस्ट पढ़ने की जरुरत नहीं पड़ेगी. तो विस्तार से समझने से पहले ये जान लें की आखिर ये SEO क्या होता है?
SEO का पूरा नाम Search Engine Optimization होता है और यह एक ऐसी तकनीक है जिसकी मदद से हम अपने पोस्ट को किसी भी सर्च इंजन के पहले पेज पर टॉप पोजीशन में रैंक कराते हैं. सभी ब्लॉगर का यह लक्ष्य होता है कि वह गूगल जैसे सर्च इंजन में पहला पोजीशन हासिल करें और अधिक से अधिक ट्रैफिक अपने ब्लॉग पर लाएं.
लेकिन कुछ समय के बाद इतनी मेहनत करने के बावजूद जब ब्लॉग पर पेज के विजिटर जीरो होते हैं तब उनके मन में भी ये जानने की इच्छा जाग ही जाती है की आखिर ये सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन क्या है, क्यों जरुरी होता है और कैसे करते हैं? इस टॉपिक के बारे में हिंदी भाषा में अधिक आर्टिकल्स उपलब्ध नहीं हैं इसीलिए हम इस पोस्ट के माध्यम से आपके लिए इस विषय पर आपको पुरे विस्तार से जानकारी देंगे.
आप समझ लें की जिस तरह आसमान में करोड़ों तारे हैं उसी तरह इंटरनेट में भी करोड़ों वेबसाइट हैं. लोग वैसे वेबसाइट को ही जानते या पहचानते हैं जो ब्रांड नाम से प्रसिद्ध होता है या फिर जिनको सर्च इंजन रिजल्ट पेज में ऊपर रखता है. आप भी चाहेंगे कि आपके ब्लॉग के जो भी पेज हैं वह गूगल के पहले स्थान पर जगह बना ले.
इसीलिए चलिए जानते हैं की आखिर SEO का मतलब क्या होता है और कैसे करे (What is SEO in Hindi).
SEO क्या है – What is SEO in Hindi?

SEO का पूरा नाम Search Engine Optimization है. ये एक ऐसी तकनीक जिसका इस्तेमाल करके वेबसाइट के पोस्ट को सर्च इंजन के पहले पेज पर No. #1 रैंक हासिल करते हैं.
यह एक ऐसी तकनीक है जिसका इस्तेमाल करके हम अपने ब्लॉग पर लिखे हुए पोस्ट को ऑप्टिमाइज़ करते हैं जिससे की सर्च इंजन जैसे गूगल, बिंग, याहू के पहले पेज में टॉप पोजीशन में रैंक कराते हैं. आप इस पोस्ट को पढ़ रहे हैं क्यों की ये आप तक SEO की वजह से ही पहुंचा है. तो अब आप निश्चित हो जाएँ क्यों की आप बिलकुल सही जगह पर हैं.
मैं आपको इस तकनीक के बारे में हर जानकारी दूंगा. जिससे आपको हर वो इनफार्मेशन मिल जाएगी जो एसईओ से जुड़े हर सवाल का जवाब देगी जिसकी आप तलाश कर रहे हैं. शुरुआत में तो एक नए ब्लॉगर को इस के बारे में कोई आईडिया नहीं होता है.
लेकिन धीरे धीरे नए ब्लॉगर को इस शब्द का महत्व पता चल जाता है और समझ में भी आ जाता है की सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन के बिना ब्लॉग्गिंग करने से कोई फायदा है ही नहीं. अगर किसी ब्लॉगर को इस के बारे में जानकारी नहीं है तो फिर उस ब्लॉगर का ब्लॉग इंटरनेट में बस खोया हुआ रहेगा और लोगों तक पहुंचेगा ही नहीं.
उदाहरण के तोर पर मान लें की आसमान में बहुत सारे तारें हैं लेकिन हम उसी को पहचानते हैं जो ज्यादा रौशनी देते हैं या हमारे नज़दीक होते हैं. अगर हम ऑप्टिमाइजेशन को अच्छे से जानते हैं तो हम अपने ब्लॉग या वेबसाइट को 1 No. पोजीशन पर रैंक करा सकते हैं. Search Engine Optimization नहीं करने पर हमारा वेबसाइट या ब्लॉग हमे Search Engine के result page में कहीं नज़र भी नहीं आएगा.
चलिए इसे एक उदाहरण की मदद से समझते हैं. मान लीजिये मुझे Google से Pen के बारे जानकारी निकलना है तो मैं सर्च करूँगा “Pen क्या है” अब Google Pen शब्द से जुड़े सभी ब्लॉग को Search result में दिखाएगा. इसमें हमे अलग अलग बहुत सारी वेबसाइट नज़र आएँगी जिन्होंने Pen के बारे में पोस्ट लिखा होगा. तो हमारा जैसा Human nature है हम उस वेबसाइट या ब्लॉग को ओपन करेंगे जो 1st नंबर पर होगा.
अगर उसमे हमे जानकारी से संतुष्टि नहीं मिलेगी तो 2nd और 3rd नंबर के ब्लॉग को ओपन कर के Pen के बारे information निकाल लेंगे. इस सर्च रिजल्ट में जो 1st नंबर पर ब्लॉग है उसकी Search Engine Optimization सबसे स्ट्रांग है तभी वो No 1. पोजीशन पर रैंक कर रहा है. पहले पोजीशन पर रैंक रहने से ज्यादा ट्रैफिक मिलने के चान्सेस होते है और कमाई भी बहुत अच्छी होती है.
SEO का फुल फॉर्म – What is the Full Form of SEO in Hindi?
SEO का फुल फॉर्म Search Engine Optimization होता है.
हम सभी जानते हैं की Google क्या है, यह दुनिया का सबसे ज्यादा उपयोग होने वाला सर्च इंजन है. गूगल के अलावा Bing और Yahoo भी दूसरे सर्च इंजन हैं जो प्रयोग किये जाते हैं. Search Engine Optimization करने के बाद हम अपने वेबसाइट को Search engines में रैंक कराते हैं.
SEO क्यों जरुरी है?
किसी भी ब्लॉग या वेबसाइट को बनाने का मकसद होता है उसे लोगों तक पहुँचाना. ब्लॉग या वेबसाइट बनाना अलग बात है और उसे लोगों तक पहुँचाना बिलकुल अलग बात है.
मान लीजिये हमने बहुत मेहनत कर के वेबसाइट या ब्लॉग बनाया. उसमे हमने ढेर सारे पोस्ट भी लिख दिए. और हमने SEO के लिए कुछ भी नहीं किया. तो फिर हमारे ब्लॉग को सर्च इंजन कभी भी अपने रिजल्ट में show ही नहीं करेगा. अब आप इतना तो समझ ही गए होंगे की अपने ब्लॉग या वेबसाइट को लोगो को दिखाना है तो उसे सर्च इंजन के रिजल्ट में शो कराना पड़ेगा और सर्च इंजन में show कराने के लिए सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन करना पड़ेगा.
इस तकनीक के बारे में जितनी अच्छे से नॉलेज होगी हम अपने वेबसाइट या ब्लॉग को उतना ज्यादा लोगों तक पहुंचा सकेंगे. जितने ज्यादा लोग हमारे ब्लॉग या वेबसाइट को देखेंगे हमारी रेवेन्यू उतनी ज्यादा होगी. यह तकनीक बहुत ही आसान तकनीक है अगर इसे हम बढ़िया से समझ लेते हैं. फिर हमे बस systematic तरीके से इस तकनीक को फॉलो करते हुए ब्लॉग पर काम करना है. इससे हम बहुत कम दिनों में ही अपने पोस्ट या आर्टिकल को गूगल पर रैंक करा सकते हैं.
हर ब्लॉगर अपने पोस्ट या आर्टिकल को पहले टॉप 10 पर ही रैंक कराना चाहता है. क्यूंकि आपने ये जरूर नोटिस किया होगा की जब कोई गूगल में कुछ जानकारी सर्च करता है वो पहले पेज से ही जानकारी ले लेता है. उसे दूसरे पेज में जाने की जरुरत ही नहीं पड़ती. आप ही बताओ आप कितनी बार गूगल के दूसरे पेज में जाते हैं?
इस विषय को और अच्छे से समझने के लिए हमे एक-एक कर के और भी कुछ फैक्टर्स समझने होंगे, जो सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन के हमारे ज्ञान को और मज़बूत बना देगी.
सर्च इंजन कैसे काम करता है?
इस के नाम में ही यानि “Search engine Optimization” में सर्च इंजन शब्द आता है. तो सबसे पहले तो हमे ये जाना न होगा की सर्च इंजन होता क्या है. ऑनलाइन किसी भी जानकारी को निकालने के लिए हमे एक माध्यम की जरुरत पड़ती है.
वैसे तो इंटरनेट में सब कुछ उपलब्ध है लेकिन ये आसमान में करोड़ों के बीच किसी एक स्टार को ढूंढने के जैसा है. तो सर्च इंजन हमारे और उन अनगिनत वेबसाइट के बीच का माध्यम है जो किसी भी जानकारी को सर्च कर के हमारे सामने show करा देती हैं.
सर्च इंजन में अल्गोरिथम सेट किया हुआ होता है. जो इतने वेबसाइट के बीच से भी अलग अलग जानकारी को चुन के निकाल लेता है. तो जिन वेबसाइट में जैसा सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन किया हुआ होता है उन्हें वो वैसी रैंकिंग में show करता है. Google सबसे ज्यादा पॉपुलर सर्च इंजन है. इसके अलावा और भी सर्च इंजन हैं जैसे Bing, yahoo और yandex इत्यादि..
SERP क्या है?
SERP यानि Search Engine result Page. जब हम गूगल या किसी दूसरे सर्च इंजन में किसी कीवर्ड को सर्च करते हैं तो वो सारे रिजल्ट्स को अपने पेज में शो करता है. सर्च करने पर ये जो पेज खुल कर आता है उसे ही Search Engine result Page बोलते हैं. Search Engine result Page पर जो रिजल्ट्स आती है लिस्ट के तोर पर उसमे 2 तरह की Listings होती है.
- Organic listing
- Inorganic Listing

1. Organic Listing
Organic listing वो लिस्टिंग है जिसमे हम बिना पैसे खर्च किये हुए सर्च इंजन के रिजल्ट पेज पर आते हैं.
लेकिन इसके लिए हमे सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन करना पड़ता है. Organic listing सबसे बेस्ट होती है क्यों की इससे हमे रेगुलर ट्रैफिक मिलती रहती हैं.
2. Inorganic Listing
जब हम पैसा खर्च कर के गूगल के रिजल्ट पेज पर आते हैं तो इस को हम Inorganic listing बोलते हैं. ये लिस्टिंग स्टेबल नहीं होती यानि जब तक हम गूगल को पैसा देते रहेंगे तभी तक हम रिजल्ट पेज पर आ सकते हैं.
SEO के प्रकार – Types of SEO in Hindi
अभी तक हमने जाना की SEO क्या होता है और ये क्यों जरुरी होता है. इसके बाद हम बात करते हैं की ये कितने तरह से किया जाता है. जब वेबसाइट ब्लॉग बनता है तभी से उसकी ऑप्टिमाइजेशन की शुरुआत हो जाती है.
यानि की पोस्ट पब्लिश करने के पहले से ही इस पर काम करने की शुरुआत हो जाती है. आजकल वर्डप्रेस में ब्लॉग्गिंग सबसे ज्यादा की जाती है.
आप वर्डप्रेस क्या है इसके बारे में भी अच्छे से जानते हैं तो आपको मालूम होगा की इसमें बहुत सारे Plugins हमे फ्री में मिलते हैं जिनमे से बहुत से ऑप्टिमाइजेशन के लिए भी इस्तेमाल करते हैं. तो चलिए जानते है इस के प्रकार के बारे में.
ये मुख्यत 2 प्रकार के होते हैं.
SEO कैसे करे?
जैसा की आप पहले ही जान चुके हैं सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन दो तरह के होते हैं और इन्ही दोनों तरीकों से सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन करते हैं.
On-Page SEO
हर वो तरीका जो हम अपने ब्लॉग के अंदर सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन के लिए करते हैं उसे On-Page SEO बोला जाता है.
इसका मतलब ये है की हम अपने ब्लॉग के Design और speed optimization से लेकर पोस्ट पब्लिश करने तक जो सारे काम करते हैं जैसे की responsive theme का इस्तेमाल करना जो की Mobile friendly हो.
अच्छे content लिखना जो लोगों को पढ़ने में पसंद आये जिसमे हर जरुरी जानकारी हो. Page की speed अच्छी होनी चाहिए कम समय में page खुल जाना चाहिए. अपने ब्लॉग के लिए मेटा डिस्क्रिप्शन लिखना.
पोस्ट लिखने के पहले कीवर्ड रिसर्च करना ताकि उससे सर्च इंजन में पोस्ट की रैंकिंग हो. कीवर्ड का प्लेसमेंट ज़रूरी जगह पर करना जैसे Title, Permalink और Meta description में.
कीवर्ड की Density content में proper तरीके से रखना. Internal और External linking करना ये सभी On-Page के अंदर आते हैं. इससे गूगल हमारे ब्लॉग को सर्च रिजल्ट में आसानी से रैंक करा देता है और हमे बढ़िया Organic ट्रैफिक मिलती है.
यहाँ हम संक्षेप में On Page SEO के बारे में बात करेंगे लेकिन अगर आप इस टॉपिक पर पुरे डिटेल में पढ़ना चाहते हैं तो यहाँ से पढ़ सकते हैं. जिस में हमने इसके बारे में पूरी जानकारी आसान शब्दों में लिखी है. तो चलिए इस के मुख्य बातों को समझ लेते हैं.
देखिये दोस्तों अब आपको हर पॉइंट बहुत ही ध्यान से पढ़ना है क्यों की मैं यहाँ पर अपने पर्सनल अनुभव के आधार पर सभी जानकारी दे रहा हूँ जो पक्का आपको एसईओ को अच्छा करने में मदद करेंगे. पोस्ट को अंत तक पढ़ते पढ़ते आप भी अपने पोस्ट को रैंक करने में माहिर हो जायेंगे.
जब आप अच्छे प्लानिंग के साथ किसी पोस्ट की तयारी करते हैं तो फिर पोस्ट कंटेंट भी बेस्ट बनेगी और रैंक करने में भी आसानी होगी वर्ण वही लाखों के बीच आपका पोस्ट भी अँधेरे में पड़ा रहेगा और रैंक हासिल नहीं कर सकेगा.
Proper कीवर्ड रिसर्च करना
मैंने यहाँ पहले पॉइंट में ही कीवर्ड रिसर्च को जगह दिया है क्यों की यही से पोस्ट लिखने की शुरुआत होती है. जो नए ब्लोग्गेर्स होते हैं वो कीवर्ड रिसर्च में ध्यान नहीं देते हैं.
अगर मैं सही हूँ तो आप भी कीवर्ड रिसर्च पर ध्यान नहीं देते हैं इसीलिए आपकी पोस्ट रैंक नहीं कर रही है. कीवर्ड रिसर्च के बिना पोस्ट लिखने का कोई फायदा नहीं है बस समझ ले की इसके बिना आप बस टाइम की बर्बादी कर रहे हैं. तो आखिर ये कैसे करें? मैं यहाँ पर आपको बस अपने स्टेप्स बता रहा हूँ जिसे आप फॉलो करें जरूर सफलता मिलेगी. आप अपने इंटरेस्टेड टॉपिक्स के बारे में एक लिस्ट तैयार कर लें की आपको किस किस टॉपिक पर लिखना है.
फिर एक बार में सिर्फ एक टॉपिक को चुन लें और उसके लिए एक नयी फाइल नोटपैड या फिर वर्डपैड में बना लें. अब हमे इस एक टॉपिक के कीवर्ड तलाशने हैं. दोस्तों आज के समय में Head कीवर्ड पर बिलकुल भी ध्यान न दें बल्कि उस कीवर्ड के long-tail कीवर्ड को सर्च करना जरुरी है.
इस में सबसे अधिक जरुरी हैं LSI कीवर्ड्स. जब आप गूगल के सर्च बॉक्स में किसी टॉपिक पर query सर्च करते हैं तो पूरा लिखने के पहले आप देखेंगे की वहां पर नीचे में और lines गूगल guess कर के आपको दिखाना शुरू कर देगा. ये Automatic keywords long-tail के रूप में हम इस्तेमाल कर सकते हैं.
Practical Example:
मान लीजिये मेरी विशेष और ग्रीटिंग वाली वेबसाइट है और हम Happy Birthday Wishes के ऊपर पोस्ट लिखना चाहते हैं. तो हम यहाँ अगर सिर्फ इसी कीवर्ड पर पोस्ट लिखेंगे तो पोस्ट रैंक करना बहुत मुश्किल होगा क्यों की इस पर सर्च वॉल्यूम बहुत ज्यादा है और competition उतना ही कड़ा.
यहाँ हम long tail keyword का इस्तेमाल करेंगे जैसे मैंने यहाँ पर इस तरह के keywords निकाले हैं.
- Happy Birthday wishes for brother
- Happy birthday wishes for brother in Hindi
- Heart touching birthday wishes for brother in Hindi
हमने यहाँ पर भाई के लिए जन्मदिन पर लिखेंगे तो इसी पर हम मिलते जुलते 3-4 long-tail keywords निकाल कर इस्तेमाल कर सकते हैं. इन में जिस कीवर्ड पर competition कम होगा उसी को main यानि focus keyword के रूप में इस्तेमाल करेंगे.
Note:
नए ब्लोग्गर्स हाई ट्रैफिक देख कर कीवर्ड सेलेक्ट कर लेते हैं और उसी का इस्तेमाल कर लेते हैं. मेरा विश्वास कीजिये आपका पोस्ट कभी रैंक नहीं करेगा. आप देखें की उस कीवर्ड competition कितना है.
Keyword का जितना high volume होगा competition उतना अधिक होगा. अगर आप मेरे इस लाइन को समझ जायेंगे तो कीवर्ड रिसर्च में आप जरूर सफल हो जायेंगे. कीवर्ड का volume जितना काम होगा उसकी competition का अंदाज़ा लगाना उतना आसान होगा.
1. Post Title
जब हम कीवर्ड रिसर्च कर के पूरा कर लेते हैं तो जिस टारगेट कीवर्ड पर पोस्ट को रैंक कराना चाहते हैं उसी कीवर्ड को हम पोस्ट title में भी डालते हैं. लेकिन अगर टारगेट का अभी भी competition बहुत high लग रहा है तो कम competition वाले कीवर्ड को ही main कीवर्ड के रूप में इस्तेमाल करना सही रहेगा.
अपने आर्टिकल के लिए बेहतरीन टाइटल लिखने के लिए हमारा लिखा आर्टिकल Post Title कैसे लिखे ये जरूर पढ़ें क्यूंकि इससे आपको काफी फायदा मिलेगा.
2. Permalink
हमारा पोस्ट का जो भी URL होता है वहां पर main कीवर्ड का इस्तेमाल करना जरुरी है. हमेशा इस बात को ध्यान रखते हैं की post permalink में कभी भी stop word जैसे (am,is ,are,on) ना करें.
साथ ही post permalink में कभी भी ऐसे words का इस्तेमाल ना करें जिसे कभी बदलने की जरुरत पड़े. URL जितना छोटा हो उतना अच्छा है.
3. Meta Description
आपने जिन कीवर्ड के आधार पर पोस्ट को रैंक करने का प्लान किया है उन कीवर्ड्स को अपने पोस्ट के description में जरूर डालें.
यहाँ ध्यान देने वाली बात ये है की सिर्फ गूगल को ही ध्यान में रख कर description ऐसा न लिखें की उसका कोई meaning न निकले बल्कि ऐसा लिखें की लोगों की नज़र पड़ते ही वो पोस्ट को ओपन किये बिना ना रह सके.
अपने पोस्ट में बेतरीन और आकर्षक डिस्क्रिप्शन कैसे लिखते हैं ये जानने के लिए हमारा आर्टिकल मेटा डिस्क्रिप्शन कैसे लिखें जरूर पढ़ें.
4. Keyword Density
पोस्ट के अंदर keywords का इस्तेमाल सही जगह पर सही संख्या में करना बहुत ही जरुरी है. कीवर्ड्स को बार बार घुमा फिर के जरुरत से ज्यादा इस्तेमाल करना keywords stuffing कहलाता है.
ऐसा करने से गूगल रैंकिंग तो देगा नहीं बल्कि रैंकिंग में नीचे गिरा देगा. इसीलिए जितना हो सके कम ही कीवर्ड का इस्तेमाल करे. कीवर्ड्स का इस्तेमाल पहले पैराग्राफ और अंतिम पैराग्राफ में जरूर करें.
इसके अलावा हैडिंग में भी कीवर्ड का इस्तेमाल जरूर करें और कंटेंट के अंदर कीवर्ड को जरुरत के अनुसार ही इस्तेमाल करें. इनका इस्तेमाल जितना हो सके naturally ही करें जबरदस्ती कहीं भी इस्तेमाल न करें.
Note:
Density कभी भी 2.5 % से ज्यादा ना होने दें. इसका मतलब ये है की अगर आप 1000 शब्दों का पोस्ट लिख रहे हैं तो अपने कीवर्ड को 25 बार इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन मेरी माने तो 1.5%-2.5% के बीच ही रखें.
5. Proper use of Headings( H1, H2, H3, H4, H5, H6)
Heading में अपने चुने हुए focus phrase का इस्तेमाल जरूर करें. अपना पोस्ट जब भी लिखें तो H1 का इस्तेमाल न करें क्यूंकि पोस्ट का title H1 होता है इसीलिए अपने पोस्ट के अंदर H2, H3, H4… आदि का जरुरत के अनुसार इस्तेमाल करें.
अगर आप LSI कीवर्ड के बारे तो ये भी जान लें की LSI इस्तेमाल Heading 3 में भी इसका इस्तेमाल जरूर करें.
6. Image Optimization
Image का ऑप्टिमाइजेशन 2 चीज़ों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है.
पहला तो ये की इसका साइज कम होना चाहिए क्यूंकि इमेज का साइज जितना अधिक होगा वो पेज के लोडिंग टाइम को बढ़ाएगा इसीलिए इमेज को compress कर के डालें और साथ ही इमेज में alt attribute में अपने कीवर्ड का इस्तेमाल करें.
7. Internal Linking
अपने लिखे जा रहे पोस्ट से जुड़े पोस्ट के लिंक को भी जरूर add करें ताकि लोगों को टॉपिक समझने में आसानी हो. इससे विजिटर आपके दूसरे पोस्ट को पढ़ेंगे और आप यूजर इंगेजमेंट बढ़ा सकते हैं.
साथ ही ये दूसरे पोस्ट के लिए भी बहुत इम्पोर्टेन्ट होता है जिससे की गूगल को उसके लिए रैंकिंग में मदद मिलती है.
जो पोस्ट पहले से रैंक हैं उस में नए पोस्ट के लिंक ऐड कर के उसे भी आसानी बिना कोई बैकलिंक बनाये यानो जीरो बैकलिंक होते हुए भी रैंक करा सकते हैं.
8. External Linking
कम से कम एक external लिंक जरूर add करें जो की उस टॉपिक को represent करता हो. और reference के लिए वहां से उसे जानकारी मिल सके.
9. Page Speed
गूगल के अनुसार अगर किसी पेज को लोड होने में 3 second से ज्यादा समय लग रहा है तो फिर उस पेज का रैंक होना बहुत मुश्किल है. अपने वेबसाइट में अच्छी और light weight fast theme का इस्तेमाल करें जो load time को काम करे.
आप अच्छी स्पीड के लिए क्लाउड होस्टिंग का इस्तेमाल करे जैसे Digital Ocean, Linode इत्यादि क्यूंकि इनके प्लान आपको $5 से शुरू होते हैं जो एक हिंदी ब्लॉगर के लिए बजट में होती है.
10. Social Signals
अपने पोस्ट को social sites फेसबुक,ट्विटर,इंस्टाग्राम में जरूर शेयर करें. इन सोशल साइट्स की रैंकिंग बहुत अच्छी होती है जब वहां से कोई भी विजिटर आता है तो इससे गूगल को उस पोस्ट के लिए पॉजिटिव सिग्नल मिलता है जिससे उस पोस्ट की रैंकिंग इम्प्रूव होती है.
पोस्ट के ऊपर एक अच्छी सी वीडियो बनाये क्यों की लोग आजकल पढ़ने से ज्यादा वीडियो देखना पसंद करते हैं. इससे आप लोगों को उसी टॉपिक को वीडियो के जरिये समझा सकते हैं जिन्हे पढ़ना ज्यादा पसंद नहीं है.
Off-Page SEO
पोस्ट पब्लिश करने के बाद उसे रैंक करने के लिए जो तरीके यानि ऑप्टिमाइजेशन टेक्निक्स हम प्रयोग करते हैं उसे हम OFF-Page SEO बोलते हैं.
Off-Page ऑप्टिमाइजेशन में हम Search engine submission, Web Directory Submission, Social media sites, Discussion forums, Blog commenting, Backlinks creation और Guest पोस्ट करते हैं.
अब आप Search Engine Optimization के बारे में जान चुके हैं तो इसके महत्व को भी समझ गए होंगे की ये क्यों जरुरी है.
आइये उन टेक्निक्स के बारे में थोड़ी जानकारी हासिल कर लेते हैं जिससे की पोस्ट को रैंक करने में हमे मदद मिलती है और जो बहुत जरुरी भी हैं.
1. Guest Post
मेरा मानना ये है की बैकलिंक्स बनाने का सबसे अच्छा तरीका है दूसरे similar वेबसाइट में Guest Post लिखना। जब आप किसी अच्छे High DA और PA वाली वेबसाइट के लिए गेस्ट पोस्ट लिखते हैं तो आपको एक Do-follow बैकलिंक मिलता है जो आपके domain की authority को बढ़ाता है.
इसका दूसरा फायदा ये है की जब आप बड़े वेबसाइट में लिखते हैं तो आपको लोग वहां पहचानने लगते हैं और आपकी वेबसाइट को भी विजिट करते हैं. इससे आपको उस ट्रैफिक मिलती है.
2. Backlinks
जब आपकी वेबसाइट के किसी पोस्ट या होमपेज का लिंक किसी दूसरे वेबसाइट में जुड़ता है तो एक returning link आपके वेबसाइट को मिलता है जिसे बैकलिंक बोलते हैं. DA बढ़ने के लिए बैकलिंक एक बहुत ही महत्वपूर्ण चीज़ है.
लेकिन कभी भी अंधाधुंध बैकलिंक न बनायें. गेस्ट पोस्ट लिख कर और फोरम में डिस्कशन कर के नेचुरल तरीके से बैकलिंक बनायें और आपकी साइट की निचे के हिसाब से बैकलिंक बनाने की कोशिश करें.
3. Discussion Sites
आप ने Quora का नाम जरूर सुना होगा लोग इस में अपने question डालते हैं और एक्सपर्ट्सन सवालों के जवाब देते हैं.
जब वो कोई जवाब लिखते हैं तो साथ में एक reference लिंक भी जरुरत के अनुसार देते हैं. इस तरह उन्हें इसके जरिये Quora से भी ट्रैफिक मिलती है.
4. Forum Submission
आप forum में अपना account जरूर बनायें क्यों की इससे आपको 2 फायदे हैं एक तो आपको forum में expert मिलेंगे जो आपके technical knowledge बढ़ाएंगे और आपकी हेल्प भी करेंगे साथ ही आपको forum join करने से Do-follow Backlink भी मिलता है.

Local SEO
Local SEO को संक्षेप में जान लीजिये वैसे टेक्निक्स जिसके द्वारा हम अपने वेबसाइट को लोकल एरिया के लोगों के लिए ऑप्टिमाइज़ करते हैं और फिर इसे सर्च इंजन में रैंक कराते हैं उसे Local SEO कहा जाता है.
वैसे अगर बात करें तो वेबसाइट हमे पुरे दुनिया के लोगों को टारगेट करने का मौका देती है फिर आप सोच रहे होंगे की भला हम पूरी दुनिया को छोड़ कर सिर्फ थोड़े से लोकल लोगों को क्यों टारगेट करेंगे?
इसका जवाब ये है की अगर आपका कोई बिज़नेस है और आपका टारगेट ऑडियंस उसी एरिया के आसपास के लोग हैं फिर आपको लोकल SEO की तरफ कदम बढ़ाना बहुत फायदा पहुंचा सकता है.
आज ज़माना काफी विकसित हो रहा है और लोग स्मार्टफोन के जरिये हर चीज़ ढूंढते हैं यहाँ तक की अब तो घर बैठे ही लोग लगभग हर चीज़ मंगाते हैं. गूगल में लोग आजकल इस तरह के searches भी करते हैं जैसे:
- “Best restaurants near me”
- “Nearest ATM”
- “Nearest Movie theater”
अब यहाँ बात ये उठती है की गूगल मैप का इस्तेमाल तो इसी काम के लिए होता है तो फिर लोकल SEO का क्या फायदा होगा? तो आप ये अच्छे से समझ लें की गूगल मैप कई जगहों में एक्यूरेट इनफार्मेशन आज भी नहीं दे पाता है.
मुद्दे वाली बात ये है की आप अपने एरिया को बहुत अच्छे से जानते हैं और साथ ही आप गली गली को पहचानते हैं की कहाँ कहाँ पर क्या है और कौन सी दूकान है या फिर स्टोर है.
मान लो मैं रांची झारखण्ड में रहता हूँ तो मैं यहाँ सिर्फ रांची को कवर करूँगा और धीरे धीरे पूरी सिटी के बारे में हर शॉप की डिटेल लिखूंगा की किस सेक्टर में कौन सी दूकान है.
आप विश्वास कीजिये जितनी डिटेल में मैं या आप अपने एरिया के शॉप और बिज़नेस के बारे में लिख सकते हैं उतना पहले से इंटरनेट में बिलकुल उपलब्ध नहीं होगा.
इस तरह गूगल में रैंक कराना काफी आसान है. स्मार्टफोन यूजर की संख्या काफी बढ़ती जा रही है और लोग टाइप कर के सर्च करने की बजाय बोल कर सर्च करना बहुत अधिक पसंद करने लगे हैं.
ऐसे में ये किस तरह सर्च करेंगे आप खुद ही एक बार इसे टेस्ट करें की आप कैसे सर्च करेंगे:
- क्लॉथ स्टोर नियर फिरायालाल चौक रांची
- स्वीट्स शॉप इन हरमू रांची
ब्लॉग्गिंग में अगर आप कुछ नया करना चाहते हैं तो लोकल एसईओ को जरूर ट्राई करें और दूसरों को भी बताये की इसमें अभी बहुत कुछ करना बाकी है.
SEO से जुड़े अन्य सवाल
किसी भी सर्च इंजन में पहले पेज में पहले स्थान पर पहुँचाने के लिए आपको अपने आर्टिकल को सर्च इंजन के अनुरूप ऑप्टिमाइज़ करना पड़ता है और इसे ही SEO कहते हैं.
सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन करने के लिए आपको ON Page SEO और Off Page SEO को समझना होगा साथ ही कीवर्ड रिसर्च सही तरीके से करना भी सीखना पड़ेगा।
Page Experience यूजर द्वारा अनुबह्व किया जाने वाला ब्राउज़िंग से जुड़ा अनुभव है जिसमे पेज का मोबाइल फ्रेंडली होना और उसे के मोबाइल में कम से कम समय में पेज का लोड होना शामिल होता है. इसमें मुख्य रूप से अपने पेज के Core web Vitals को फिक्स करना जरुरी है.
SEO कैसे करें [Video]
संक्षेप में
सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन ऐसी टेक्नीक हैं जिस के बिना ब्लॉग का कोई अस्तित्व ही नहीं है. सर्च इंजन कैसे काम करता है और किस तरह हर ब्लॉगर के लिए इसकी जानकारी का होना महत्वपूर्ण होता है.
ये पोस्ट अगर आपने पूरा पढ़ लिया है तो आप समझ गए होंगे की SEO क्या है (What is SEO in Hindi 2022) और इसे कैसे करें.
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