On Page SEO क्या है – What is On Page is SEO in Hindi

ऑन पेज एसईओ का मतलब है, ब्लॉग पोस्ट को सही ढंग से ऑप्टिमाइज़ करना। यदि ट्रैफिक नहीं आ रहा, तो ऑप्टिमाइज़ेशन की आवश्यकता है। ठीक से ऑप्टिमाइज़ करने से पोस्ट फर्स्ट पेज पर रैंक हो सकती है। इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि ऑन पेज एसईओ (On Page SEO) क्या है और कैसे करते हैं।

ऑप्टिमाइजेशन मेथड बाद इस पोस्ट में आप जानेंगे। ऑन पेज एसईओ के विभिन्न तकनीकों का उपयोग करके साइट को सर्च इंजन के लिए अधिक फ्रेंडली बनाता है। इससे आपके ब्लॉग की गुणवत्ता और रीच बढ़ सकती है। एसईओ स्ट्राटेजी को समझने के लिए ऑन पेज एसईओ की महत्ता को समझना आवश्यक है। इससे आप अपने ब्लॉग को ऑनलाइन पहचान दिला सकते हैं।

ऑन पेज एसीईओ क्या है – What is On Page SEO in Hindi 2024?

On Page SEO एक तकनीक है जिससे ब्लॉग पोस्ट को गूगल में रैंक कराने के लिए सर्च इंजन के लिए ऑप्टिमाइज़ किया जाता है। इससे हम अपनी वेबसाइट को गूगल में ऊपर ला सकते हैं। यह तकनीक गूगल के लिए पोस्ट को सही ढंग से प्रस्तुत करने में मदद करती है जिससे रैंकिंग में सुधार हो सकता है।

इससे वेबसाइट के पोस्ट को ज्यादा दर्शकों तक पहुंचाने का एक अच्छा तरीका है। ओन-पेज एसईओ के माध्यम से सही कीवर्ड का चुनाव करके उस पर हम टारगेट कर सकते हैं जिससे लोग हमारी वेबसाइट को आसानी से खोज सकें।

यह वेबसाइट के ट्रैफिक और उपयोगकर्ता अनुभव को बेहतर बनाने में मदद करता है जिससे लोगों को आकर्षित किया जा सकता है। इससे ब्लॉग की गुणवत्ता बढ़ती है और उपयोगकर्ताओं को सार्थक और उपयोगी सामग्री मिलती है।

  • गूगल रोज़ कई अपडेट करता है, लेकिन साल में बड़े कोर अपडेट होते हैं।
  • जब कंटेंट अच्छे से ऑप्टिमाइज़ होता है, तो अपडेट का प्रभाव नहीं होता।
  • ऑन पेज और ऑफ पेज एसईओ के बीच अंतर जानने के लिए यह आर्टिकल पूरा पढ़ें।
  • एसईओ क्या है और इसकी जरूरत क्यों है, यह पहले जान लेते हैं।
  • सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन के दो तरीके हैं – ऑन-पेज और ऑफ-पेज एसईओ।
  • इस पोस्ट में हम आपको ऑन-पेज एसईओ का अप्लाई करने का तरीका बताएंगे।
  • जानें कैसे पोस्ट को सर्च इंजन फ्रेंडली बनाएं और रैंक कराएं।
  • पोस्ट को पर्फेक्ट्ली ऑप्टिमाइज़ करने से सर्च इंजन रैंक में मदद मिलती है।
  • सीखें कैसे आसानी से पोस्ट को सर्च इंजन में उच्च रैंक कराएं।
  • ऑन-पेज और ऑफ-पेज एसईओ का सही इस्तेमाल करके ब्लॉग को बेहतर बनाएं।

ऑन पेज एसीईओ की परिभाषा – On Page SEO definition in hindi

ब्लॉग को सर्च इंजन के पहले पेज पर लाने के लिए सरल भाषा में सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन सीखिए । पोस्ट लेखते समय जिन तकनीकों का अनुसरण किया जाता है, उसे ऑन-पेज एसईओ कहा जाता है। मास्टर बनने पर पोस्ट को सर्च इंजन के पहले पृष्ठ पर रैंक करना आसान हो जाता है। कीवर्ड रिसर्च, पोस्ट टाइटल, मेटा डिस्क्रिप्शन, और क्वालिटी कंटेंट के साथ इस तकनीक में माहिर हो जाइए। इसमें इमेज अप्टिमाइजेशन, हेडिंग का सही उपयोग, इंटरनल और एक्सटर्नल लिंकिंग शामिल हैं।

स्ट्रॉंग बनने के बाद ही आप इस क्षेत्र में माहिर बन सकते हैं और ब्लॉग को रैंक कर सकते हैं। जब आप मास्टर बन जाएंगे, तो आपका ब्लॉग सर्च इंजन में उच्च रैंक प्राप्त करेगा। सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन में माहिर बनने के लिए सभी तकनीकों का ठीक से अध्ययन करें। आपके पोस्ट की अच्छी रैंकिंग बनाने के लिए शीर्षक, मेटा विवरण, और विषय को सही से चयन करें। सीखने के बाद, आप आसानी से सर्च इंजन पर अपने ब्लॉग पर ट्रैफिक प्राप्त कर सकते हैं।

On Page SEO करना क्यों जरुरी है?

  • हम अपने ब्लॉग को सीधे रैंक नहीं करा पाते, पोस्ट्स को पब्लिश करके ही रैंकिंग प्राप्त करते हैं।
  • सर्च इंजन में पहले पृष्ठ पर रैंक होने से पूरे ब्लॉग को लाभ होता है।
  • ट्रैफिक बढ़ने के साथ-साथ, डोमेन और पेज एथॉरिटी भी बढ़ती है। यह हमारे ब्लॉग अथॉरिटी को सुधारता है।
  • ऑप्टिमाइजेशन से पूरे ब्लॉग को फायदा होता है, न केवल ट्रैफिक में वृद्धि होती है। बल्कि साइट की अथॉरिटी भी बढ़ता है।
  • पेज लेवल ऑप्टिमाइजेशन साइट को और मज़बूत बनती है, जिससे ब्लॉग की सर्च इंजन रैंकिंग में सुधार होती है।
  • साइट की अथॉरिटी बढ़ने पर ब्लॉग भी सर्च इंजन्स के पहले पृष्ठ पर आने लगेगा।
  • पेज लेवल ऑप्टीमाइज़्ड पोस्ट ने रीडर्स को अधिक समय देने को प्रेरित करती है।
  • इससे हर बार रीड करने में अच्छा अनुभव होता है और ब्लॉग की अथॉरिटी में वृद्धि होती है।
  • जब हम किसी पोस्ट को पहले पृष्ठ पर रैंकिंग में सफलता प्राप्त करते हैं, तो दूसरे पोस्ट से भी ट्रैफिक प्राप्त हो सकता है।
  • इसके फलस्वरूप, बाउंस रेट को कम करने में मदद मिलती और आपके ब्लॉग की कंटेंट को आगे बढ़ाने में मदद करता है।

Bounce rate क्या होता है?

बॉन्स रेट होता है जब एक यूजर आपके वेबसाइट पर आता है और सिर्फ एक ही पृष्ठ को देखकर वह वेबसाइट से बाहर चला जाता है, बिना किसी और पृष्ठ को देखे। इसे प्रतिशत में व्यक्त किया जाता है और यह दिखाता है कि यूजर ने कितना समय वेबसाइट पर बिताया और क्या उसने किसी और पृष्ठ को देखा।

बाउंस रेट ज्यादा होने पर, यह संकेत हो सकता है कि विजिटर वेबसाइट पर प्राप्त जानकारी या सामग्री से संतुष्ट नहीं हैं। इसे कम करने के लिए वेबसाइट डिज़ाइन और कंटेंट को सुधारना महत्वपूर्ण हो सकता है।

On-Page SEO क्यों करते हैं?

ऑन-पेज एसईओ करने का कारण है कि यह वेब पृष्ठ को सर्च इंजन और उपयोगकर्ता के लिए अधिक दृष्टिगत और अनुकूलित बनाता है। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि वेब पृष्ठ संग्रहणी इंजन्स को स्पष्ट रूप से वेबसाइट की सामग्री समझाने में मदद करता है ताकि वे उच्च रैंक प्रदान कर सकें। यहाँ कुछ कारण हैं:

  1. सर्च इंजन अल्गोरिदम्स के लिए सुनिश्चितता: ऑन-पेज एसईओ से, आप सुनिश्चित करते हैं कि वेब पृष्ठ सर्च इंजन के लिए स्पष्ट और समझने में सार्थक है।
  2. उपयोगकर्ताओं के लिए सरलता: यह वेबसाइट पर आने वाले उपयोगकर्ताओं के लिए सामग्री को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करने में मदद करता है, जिससे उन्हें अच्छा अनुभव होता है।
  3. वेबसाइट की गुणवत्ता: एक अच्छे ऑन-पेज एसईओ से, वेबसाइट की गुणवत्ता में सुधार होती है, जिससे उपयोगकर्ता संतुष्ट रहते हैं और वापस लौटते हैं।
  4. कीवर्ड ऑप्टिमाइजेशन: यह वेब पृष्ठ को विशिष्ट कीवर्ड्स के लिए अनुकूलित करके संबंधित और लक्षित ट्रैफिक को आकर्षित करने में मदद करता है।
  5. स्थानीय खोज में बेहतर प्रदर्शन: यह स्थानीय व्यवसायों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह अपनी स्थानीय खोज में अधिक दृष्टिगत प्राप्त कर सकते हैं।

ऑन-पेज एसईओ के माध्यम से वेबसाइट को साइट मेप, मेटा टैग्स, हेडिंग्स, और कंटेंट बनाने में सही तकनीकी और सामग्री संरचना की जा सकती है, जिससे उसे सर्च इंजन्स के लिए सहजता से समझा जा सकता है।

ऑन पेज और ऑफ पेज में अंतर

ऑन-पेज और ऑफ-पेज एसईओ के दो विभिन्न पहलुओं को दर्शाता है।

ऑन-पेज एसईओ:

  1. वेब पृष्ठ पर होता है: इसमें वेबसाइट के अंदर हुई सभी एसईओ गतिविधियाँ शामिल होती हैं।
  2. कंटेंट ऑप्टिमाइजेशन: मेटा टैग्स, हेडिंग्स, और कंटेंट को टारगेटेड कीवर्ड्स के साथ अच्छे ढंग से कंटेंट को ऑप्टिमाइज़ करना।
  3. साइट मैप तैयार करना: वेबसाइट की संरचना को साइट मैप के माध्यम से सर्च इंजन्स को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करना।

ऑफ-पेज एसईओ:

  1. वेब पृष्ठ के बाहर होता है: इसमें वेबसाइट की बाहर की गतिविधियों को शामिल करता है जो उसके बाहर होती हैं, जैसे कि बैकलिंक बनाना।
  2. बैकलिंक बनाना: अन्य वेबसाइट्स पर लिंक बनाकर वेबसाइट की अथॉरिटी और अधिक ट्रेंड प्राप्त करना।
  3. सोशल मीडिया प्रचार: वेबसाइट को सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर प्रचारित करके उसकी विजिबिलिटी बढ़ाना।
  4. ऑनलाइन रिप्यूटेशन बनाए रखना: पॉजिटिव रिव्यूज और अन्य ऑनलाइन विशेषज्ञताएँ बनाकर वेबसाइट की अथॉरिटी को बढ़ाना।

इन दोनों के साथ, ऑन-पेज और ऑफ-पेज एसईओ का संयोजन करना एक सफल एसईओ रणनीति का हिस्सा है जो सर्च इंजन रैंकिंग को सुधार सकता है।

ऑन पेज एसईओ कैसे करे: 11 On Page SEO टेक्निक्स 2024 अपडेट

1. पोस्ट का टाइटल

इस मे पोस्ट टाइटल का सबसे इंपॉर्टेंट रोल होता है. पोस्ट टाइटल मे कीवर्ड का सही इस्तेमाल कर के हम अपने पोस्ट को सर्च इंजन के लए पर्फेक्ट्ली ऑप्टिमाइज़ करते हैं. इसके अंतर्गत पोस्ट टाइटल बहुत ही इंपॉर्टेंट फैक्टर है.

On-Page SEO  kya hai

इस स्क्रीनशॉट मे आप आसानी से समझ सकते हैं की हमारा आउटपुट किस तरह दिखाई देगा जब हम Post title, Permalink और Meta description को perfectly  optimized कर लेंगे।

पोस्ट टाइटल कैसे लिखें और इसमे कीवर्ड्स का इस्तेमाल किस तरह करें की हमारा पोस्ट टाइटल सर्च इंजन ऑप्टिमाइज़्ड हो जाए। इसके लिए मैं आपको कुछ टिप्स दे रहा हू जिससे आप कीवर्ड को अपने टाइटल मे पर्फेक्ट्ली लिख सकते हो।

(a) Keyword Placement : 

Targeting Keyword (यानी पोस्ट से रिलेटेड कीवर्ड, जिस कीवर्ड से आप अपने पोस्ट को रैंक कराना चाहते हैं) को अपने पोस्ट टाइटल के शुरू मे रखें। “Post Title” की शुरुआत कीवर्ड से ही करने की कोशिश करे।

मैं मानता हू की हर पोस्ट का टाइटल हम कीवर्ड से शुरू नही कर सकते हैं, कभी कभी फिट भी नही होता। लेकिन ट्राइ करे की टारगेटेड कीवर्ड पोस्ट टाइटल के लास्ट मे ना हो।

On-Page SEO Kya Hai Blog Ko First Page Par Kaise Rank Karaye Perfectly Optimized

Kaise Blog Ko On-Page SEO Kar Ke se First Page Par Rank karaye 50% Good

Kaise Blog Ko First Page Par Rank Karaye On-Page SEO Se            Bad Placement

(b) Use Effective Words: 

पोस्ट टाइटल को और भी  SEO friendly बनाने के लिए इन वर्ड्स का इस्तेमाल करे। जैसे Effective, Most, Important, Best, Top, Strategies, Surprising, Essential, Ultimate guide, Beginners guide, Complete guide इन वर्ड्स के इस्तेमाल से टाइटल और अट्रैक्टिव बना सकते हैं।

(c) Use Of Numerics:  

टाइटल मे नंबर्स add करे इससे लोगों को attract करना आसान होता है। वो जल्दी ऐसे पोस्ट को read करते हैं।

example:

  • 10 effective methods
  • 5 Best Plugins
  • 10 Mistakes We should avoid etc.

(d) Avoid Repetition of keyword: 

पोस्ट के टाइटल मे कीवर्ड सिर्फ़ एक ही बार प्रयोग करे। इसे एक से ज़्यादा बार बिल्कुल ना डाले। कीवर्ड repetition नेगेटिव ऑप्टिमाइजेशन के represent करता है।

example: सपोज़ इस पोस्ट मे हमारा कीवर्ड “On-page SEO” है। तो चलिए देखते हैं इसका टाइटल हम कैसे लिख सकते हैं।

“On-Page SEO kya hai Aur Kaise karte hain” ये Wrong Method  है Title में कीवर्ड इस्तेमाल करने का। (इसमें कीवर्ड है “On-Page SEO” जो  2 बार इस्तेमाल किया गया है।)

“On-Page SEO Kya hai Aur Isse Blog Ko Optimize Kaise Karte Hain” Correct Method.

(e) Optimal Title Length: टाइटल की लेंथ इस तरह लिखे की वो सर्च रिज़ल्ट मे पूरा आए और अगर ज़्यादा long Title होगी तो वो पूरी दिखाई नही देगी। बहुत छोटा टाइटल भी SEO के acceptable नही होती।

2. Permalink

Title की ही तरह पोस्ट के लिए  Permalink  भी  On-Page के लिए इम्पोर्टेन्ट होता है। Permalink  मे भी हमे फोकस कीवर्ड add करना ज़रूरी होता है। इसके अलावा मैं आपको कुछ टिप्स बता रहा हू उसे ज़रूर फॉलो करे।

(a) Short URL:

पर्मालिंक को हमे छोटा रखना चाहिए। और इसके साथ साथ ही इसमें अपना फोकस कीवर्ड या main कीवर्ड जरूर डालना चाहिए। पर्मालिंक को हमे छोटा रखना चाहिए और इसके साथ ही इसमे अपना फोकस कीवर्ड या मैं कीवर्ड ज़रूर डालना चाहिए।

jankarigeek.com/on-page-seo-kya-hota-hai-aur-isse-blog-ko…..Negative 

jankarigeek.com/on-page-seo-kya-hai   Positive  

(b) Delete Useless Permalink

Useless URL को delete कर के manually सर्च इंजन friendly URL को enter करे।

jankarigeek.com/?p=101   Negative 

jankarigeek.com/on-page-seo-kya-hai   Positive  

Actually जब हम टाइटल एक्सट्रा length की लिखते हैं तो permalink automatically  “jankarigeek.com/?p=101”  इस तरह का बन जाता है। सो कभी भी पेरमालिंक इस तरह का ना इस्तेमाल करे। इसे खुद ही चेंज कर ले, जैसा यहाँ मैं आपको बता रहा हू उसी तरीके से प्रोसेस को फॉलो करे।

(c) Never Use Stop Words

“a”, “the”, “on”, “and” इस तरह के words को Stop word बोला जाता है। Permalink में इन वर्ड्स को कभी भी इस्तेमाल न करे तो ये SEO के लिए बेहतर है।

3. Meta Description

  • कहते हैं ना फर्स्ट इंप्रेशन इस थे लास्ट इंप्रेशन।
  • यही काम हमारा Meta Description भी करता है।
  • सर्च इंजन की नज़र मे Title और Permalink के बाद जो important factor है वो Meta Description है।
  • Meta Description अच्छे से इस्तेमाल करना ज़रूरी है क्यूंकि इससे भी हम अपने पेज को आसानी से रैंक करा सकते हैं।
  • हमे एसईओ ऑप्टिमाइज़्ड Meta Description लिखना चाहिए जो हमारे रीडर्स को convince कर ले की जो इन्फर्मेशन वो सर्च कर रहे हैं इस पोस्ट मे वो उपलब्ध है।
  • गूगल के अनुसार कुछ महीने पीछे तक 320 वर्ड्स long description allowed था।
  • लेकिन अभी description की length 150-170 वर्ड्स के बीच ही होना चाहिए।
  • अपनी पोस्ट की description मे कीवर्ड का इस्तेमाल ज़रूर करे।

4. Keywords Density Inside Content

  • हमे अपने कंटेंट के पहले पैराग्राफ मे ज़्यादा density मे कीवर्ड्स इस्तेमाल करने चाहिए।
  • कंटेंट के शुरूआती 100-150 वर्ड्स के अंदर मे कीवर्ड्स को अच्छी density मे ज़रूर include करे।
  • कीवर्ड रिसर्च इसीलिए किया जाता है की हमे सर्च एंजिन से अच्छी organic traffic मिल सके।
  • इसके साथ ही कीवर्ड्स का selection CPC को ध्यान मे रख कर ही किया जाता है।
  • कीवर्ड को कंटेंट के अंदर properly इस्तेमाल करने से सर्च इंजन को पता चलता है की कंटेंट किस बारे मे लिखा गया है।
  • इस तरीके से सर्च इंजन मे हमारी पोस्ट अच्छे से ऑप्टिमाइज़्ड हो जाती है।
On-Page SEO Wtechni

पोस्ट के अंदर कीवर्ड की density maximum 2.5% होनी चाहिए.

5. Proper Use of Heading and Sub-heading With Keywords

  • इस का इस्तेमाल कर के बेहतर रिजल्ट पाने के लिए हम Headings का इस्तेमाल का करते हैं।
  • H2, H3, H4 heading के proper इस्तेमाल कर के हम अपनी ऑप्टिमाइजेशन तकनीक को स्ट्रॉंग करते हैं। Headings का repeatation बार बार ना करे।
  • कभी भी H1 heading का इस्तेमाल अपने पोस्ट के अंदर ना करे।
  • क्यूंकि already हमारे पोस्ट का Title H1 Heading मे ही होता है।
  • Heading मे अपना फोकस कीवर्ड भी डालें ये हमारे पोस्ट के लिए  बहुत effective होता है।
  • लेकिन ये ध्यान रखे की 50% से कम headings मे ही फोकस कीवर्ड का इस्तेमाल करे।

Note : आपको ये भी ध्यान मे रखना है की लिमिट से ज़्यादा कीवर्ड्स को Heading में इस्तेमाल न करें।

6. Image Optimization

  • इमेजेज को हम अपने विज़िटर्स को attract करने के लिए इस्तेमाल करते हैं।
  • इमेज मे हम अपने पोस्ट के टॉपिक बिना लिखे ही डिस्क्राइब कर सकते हैं।
  • विज़िटर्स perfectly ऑप्टिमाइज़्ड इमेज से समझ जाते हैं की उन्हे जो इन्फर्मेशन चाहिए वो यहाँ उन्हे मिल जाएगी।
  • ध्यान रखने वाली बात ये है की हम इमेज को डिज़ाइन करते वक़्त कुछ फैक्टर्स को भी फॉलो करना ज़रूरी होता है।
  • इन factors के इस्तेमाल से हम हमारा इमेज 100% एसईओ ऑप्टिमाइज़्ड और यूज़र फ्रेंड्ली बना सकते हैं।
  • एसईओ फ्रेंड्ली इमेज हमारे On-page को बहुत स्ट्रॉंग बनाती है।

(a) Image Title: 

  • पोस्ट के अंदर इस्तेमाल होने वाले इमेज का टाइटल मे कीवर्ड का इस्तेमाल करे।
  • इससे ये फायदा है की सर्च इंजन हमारे इमेज के टाइटल से कीवर्ड को पहचान लेता है और हमारे पोस्ट को रैंक करने मे मदद मिलती है।
  • इमेज के टाइटल मे unknown titles को ना इस्तेमाल करे बल्कि उन्हे remove कर दे।

124569.jpg           Negative 

on-page-seo kya-hai.jpg    Positive 

(b) ALT Text : 

  • इमेज टाइटल के साथ साथ alt tag लिखना भी हमारे पोस्ट को सर्च इंजन फ्रेंड्ली बनाता है।
  • मोस्ट इंपॉर्टेंट इसमे अपना फोकस कीवर्ड ज़रूर add करे।

(c) Image Size : 

  • इमेज साइज़ हमारे पोस्ट ऑप्टिमाइजेशन के लिए इंपॉर्टेंट factor साबित होता है।
  • हम अपने पोस्ट मे हमेशा  इमेज का इस्तेमाल करते ही हैं।
  • इमेज की साइज़ कम से कम होनी चाहिए।
  • इससे ब्लॉग के पेज को लोड होने मे ज़्यादा टाइम नही लगेगा।

(d) Featured Image : 

  • अपने रीडर्स को यूज़र फ्रेंड्ली एक्सपीरियन्स देने के लिए अपने पोस्ट मे फीचर्ड इमेज बनाकर डालें।
  • Thumbnail के रूप मे जिस इमेज को हम इस्तेमाल करते हैं उसे ही फीचर्ड इमेज कहते हैं।

7. Use Outbound and Internal Links

  • अपने पोस्ट को और एसईओ फ्रेंड्ली ऑप्टिमाइज़ करने के लिए External और Internal लिंक्स का ज़रूरत के अनुसार इस्तेमाल करे।
  • जब हम अपने पोस्ट मे किसी दूसरे वेबसाइट का लिंक add करते हैं तो वो External लिंक और खुद के ब्लॉग पोस्ट का लिंक add करते हैं उसे Internal लिंक्स बोलते हैं।
  • जब हम किसी दूसरे ब्लॉग या वेबसाइट का लिंक अपनी पोस्ट मे add करते हैं तो इस तरह से हम उन्हे एक बैकलिंक देते हैं।
  • जो उनके SEO के लिए बहुत हेल्पफुल साबित होती है।
  • साथ ही हमारी खुद की भी अनुभव स्ट्रॉंग होती है।

(a) Internal Links : 

  • User engagement बढ़ाने के लिए हम internal linking का इस्तेमाल करते हैं।
  • Internal linking से हम यूज़र को ये शो करा देते हैं की आप अगर एक फल आम की तलाश मे यहाँ आए हो तो आपको सारे फ्रूट्स fruits apple,banana, orange, etc. यहीं पर मिल जाएँगे।
  • इससे हम अपनी कंटेंट की क्वालिटी का पूरा इस्तेमाल कर के landing page से यूज़र को बाकी दूसरे pages मे भी engage कर सकते हैं।
  • मान लीजिए मेरे एक पोस्ट मे traffic बहुत ज़्यादा है बाकी पोस्ट की तुलना मे तो उस पोस्ट से हम दूसरे पोस्ट का लिंक add कर के ट्रॅफिक पा सकते हैं।
  • लेकिन याद रहे रिलेटेड पोस्ट को इंटर्नल लिंक्स के रूप मे add करे।

(b) External Linking : 

  • जब हम अपनी पोस्ट मे किसी दूसरी वेबसाइट को जोड़ते हैं तो इसे external linking बोलते हैं।
  • मान लीजिये की हमारी पोस्ट मे हम Youtube की किसी फीचर के बारे मे लिख रहे हैं और उसकी कुछ इन्फर्मेशन के लिए यूट्यूब हेल्प फोरम मे इन्फर्मेशन दी हुई है तो उसका लिंक हम अपने पोस्ट मे add कर सकते हैं।
  • ये एसईओ फ्रेंड्ली है इससे कोई प्राब्लम नही है। बल्कि इससे हमारी सर्च इंजन की रैंकिंग बढ़ती है।

8. Detailed Content Post

  • बैकलिंक्स पर समय बर्बाद करने की बजाय, बेहतर है कि आप उपयुक्त कंटेंट तैयार करें।
  • कंटेंट से पढ़ाई में सहायक होने पर ही रैंकिंग में सुधार हो सकता है।
  • बैकलिंक के बिना भी बढ़िया कंटेंट से रैंक मिल सकता है।
  • लम्बे पोस्ट से गूगल सर्च में अच्छी रैंकिंग हासिल करना संभव है।
  • कुशल ब्लॉगर्स द्वारा बड़ी पोस्टें लिखना आजकल सामान्य है।
  • गूगल पर अच्छी रैंक पाने के लिए 2000 शब्दों से अधिक की पोस्ट लेखें।
  • कंटेंट की गुणवत्ता को बनाए रखने में भी ध्यान दें।
  • यदि 2000 शब्दों तक नहीं लिख सकते, तो कम से कम 1000 शब्दों की पोस्ट बनाएं।
  • गूगल पर पहले पेज पर आने के लिए लम्बी पोस्ट लेखना महत्वपूर्ण है।
  • कंटेंट की लम्बाई बढ़ाने से कीवर्ड डेंसिटी भी बढ़ा सकते हैं।
  • कीवर्ड डेंसिटी को 2.5% से कम रखें और कंटेंट में उच्च गुणवत्ता बनाएं।
  • गूगल चाहता है कि पठनों को सबसे बेहतर जानकारी मिले।
  • सबसे अच्छे तरीके से पूरा विवरण देने से सर्च रिजल्ट्स में उच्चतम रैंक मिलता है।
  • ब्लॉग पोस्ट में पूरी जानकारी से रीडर को समर्थन मिलता है।
  • अच्छे कंटेंट से ही गूगल सर्च में उच्च रैंकिंग मिलती है।

9. Page Loading Speed

  • गूगल ब्लॉग पोस्ट को रैंक करने से पहले सविस्तार जाँच करता है।
  • पेज की गति भी SEO फ्रेंडली ब्लॉग के लिए महत्वपूर्ण है।
  • पोस्ट ऑप्टिमाइजेशन भी महत्वपूर्ण है सर्च रिज़ल्ट्स में।
  • लोडिंग स्पीड अच्छी होने से Google bots जल्दी इंडेक्स करते हैं।
  • Slow loading वाले पोस्ट को गूगल रैंक नहीं देता।
  • स्पीड बढ़ाने के लिए plugins का उपयोग करें।
  • होमपेज पर कम कंटेंट्स का उपयोग करें और छवियों की साइज़ को ऑप्टिमाइज़ करें।
  • ब्लॉग की टेम्पलेट और थीम को बहुत ध्यानपूर्वक चयन करें।
  • लोडिंग टाइम 3-4 सेकेंड से कम होना चाहिए वरना विज़िटर्स चले जाते हैं।
  • ब्लॉग की स्पीड की समस्या को जल्दी सुलझाएं।

10. Use Social Sharing Buttons

  • कंटेंट अच्छी हो, तो रीडर्स सोशल शेयरिंग बटन से साझा करेंगे.
  • शेयरिंग के ऑप्शन के बिना, रीडर्स इसे साझा नहीं करेंगे.
  • सोशल शेयरिंग से पेज व्यूज बढ़ा सकते हैं.
  • सोशल साइट से आने वाले विजिटर से गूगल को पॉजिटिव सिग्नल मिलता है.
  • वर्डप्रेस यूजर्स को आसानी से शेयरिंग प्लगइन्स इनस्टॉल करने का अवसर है.
  • इस तरह के बटन्स से शेयरिंग को बढ़ावा मिल सकता है.
  • सोशल मीडिया पर साझाकरण से ऑडियंस में वृद्धि हो सकती है.

11. Use of related informative Video

आजकल लोग text content के साथ साथ media contents से ज़्यादा attract होते हैं। तो हमे चाहिए की text content मे well Optimized images aur videos भी add करे। अगर आप गूगल analytics का इस्तेमाल करते हैं तो आपको मालूम होगा Bounce rate और पेज पर Time के बारे मे।

(a) Bounce rate : जब कोई विज़िटर हमारे ब्लॉग के लैंडिंग पेज पर आकर बिना किसी दूसरे पेज पर गए वापस चला जाता है तो इसे Bounce rate बोलते हैं.

(b) Time On Page : कोई विज़िटर हमारी ब्लॉग पर जितना देर रुकता है उसे Time on page बोलते हैं.

  • वीडियो कॉंटेंट डालने करने से हम रीडर्स को कुछ देर अपने पेज पर रोक सकते हैं
  • इससे बाउंस रेट घट जाता है और साथ ही Time duration भी बढ़ता है।
  • जो की हमारी सर्च रॅंकिंग को बढ़ता है।
  • जो भी वीडियो अपने पोस्ट मे ऐड करे वो उसी टॉपिक का वीडियो रूपांतरण होना चाहिए।
  • जिससे यूज़र को और बेहतर एक्सपीरियेन्स हो और वो पोस्ट मे टाइम ज़्यादा बिताएंगे।
  • गूगल हर छोटी से छोटी बातों को भी नोटिस करता है और उन्हें अहमियत देता है।
  • इसीलिए एसईओ फ्रेंड्ली पोस्ट लिखना बहुत ज़रूरी है साथ ही विज़िटर्स जितनी देर पेज पर रुकेंगे रैंकिंग उतनी अच्छी मिलेगी।

12. Regularly Update Your Old Posts 

अपने द्वारा लिखे गए सभी पुराने पोस्ट को समय समय पर अपडेट करते रहें। जनवरी 2020 कोर अपडेट के अनुसार आपको समय के साथ अपने आर्टिकल के अंदर फ्रेश कंटेंट जोड़ने हैं और पुराने को अपडेट करने हैं। इसका सिंपल सा उदाहरण ये है की मान लीजिये की पिछले साल मैंने एक लिस्ट बनायीं हैं, जिसमे

Best SEO Technique in 2024

लिखी है और इस वर्ष काम कर रहे तकनीक की चर्चा की है तो अगले साल ये तकनीक काम करेंगे जरुरी नहीं है इसीलिए इसे हमे रिफ्रेश करने होंगे साथ में हमे 2024 साल के लिए लिस्ट को अपडेट भी करना होगा।

संक्षेप में

बिना अच्छे ऑप्टिमाइजेशन के पोस्ट को रैंक कराना मुश्किल है और पहले पेज पर हमारा पोस्ट नहीं जा सकता। आज की पोस्ट ध्यान से पढ़ें, फॉलो करें, नॉलेज बढ़ाये और अनुभव हो जाए। ब्लॉगर बनने के लिए माहिर बनना आवश्यक है। On-page SEO कैसे करें, परिभाषा और समस्याएं यहाँ आप समझ चुके हैं। इस तरीके से पोस्ट को अच्छी रैंक पर ला सकते हैं। जितनी ज्यादा पोस्ट रैंक होगी, उतना ज्यादा ट्रैफिक होगा।

ब्लॉग की सफलता ट्रैफिक पर निर्भर करती है। फ्रेंड्स, आपको पोस्ट कैसी लगी, यह कमेंट कर जरूर बताएं। ऑन पेज और ऑफ पेज का एसईओ के बीच अंतर जानें, और यह ब्लॉग के लिए ज़रूरी है। पोस्ट को शेयर करें और दोस्तों को बताएं।

Wasim Akram

वसीम अकरम WTechni के मुख्य लेखक और संस्थापक हैं. इन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है लेकिन इन्हें ब्लॉगिंग और कैरियर एवं जॉब से जुड़े लेख लिखना काफी पसंद है.

109 thoughts on “On Page SEO क्या है – What is On Page is SEO in Hindi”

  1. Apne Blog Ko Google First Page Me Rank Kaise Kare, apki a post parke mere ko bohot faida mila, apki post bohot asch hai thanks for sharing.

    Reply
  2. sir, I want to learn from you, please sir reply me a mail. I am waiting. actually, sir, I am new in a blog I have a website only one, but I can’t index any post on google please sir help me. I want to index my post.

    Reply
  3. bohut acha article likha hai aapne. ye bohut faaydemand hai. sath me seo friendly theme use kare jisse zyada faayda milega.

    Reply
  4. sir aap ne bhut achchhi trike se on page SEO ke bare me smjhaya hai thanks sir hume is post se bhut help milegi thanks

    Reply
  5. Hello sir, your article is very nice and helpful for me, please make an article about how to create backlinks for our websites. Thanks.

    Reply
  6. Sir मै जानना चाहता हु कि क्या seo के लिए backlink जरुरी है कि नही और सर social media पर अपने वेबसाइट का पोस्टिंग करने से seo में कुछ फर्क पड़ता है नही |
    क्यों सर मेरा एक travel agency कि वेबसाइट मै जानना चाहता हु adwords करना ठीक रहेगा या backlink किससे मेरे वेबसाइट को ज्यादा बेनिफिट होगा |

    Reply
    • 1. Agar aap post ko back link ki madad se rank karaenge to shuru me to ye rank to kar jata hai lekin jb google ko banaye huye back link relevant nahi lagta to fir aapki rank loss ho sakti hai. Aaj to bahut saare bloggers Zero back link strategy par kaam kar rahe hain aur unka post bhi number 1 par rank kar raha hai.
      Lekin ye post ke liye sahi hai. Agar aapki site me adhik post nahi hai.to fir aap apne jaise website se hi back link lene ki koshish kare.
      2. Social media se aane wali traffic se google ko signal milta hai aur ye bhi post ko rank karne ke liye faydemand hai.
      3. Google AdWords mere anusar sahi nahi hai. Aap seo par kaam kare fir aapko traffic milni shuru ho jayegi.

      Reply
    • Homepage rank karana jaruri nahi hai post rank karane se traffic aayegi. har post ko acche se on page seo ke sath likho fir traffic aani shuru ho jayegi.

      Reply
  7. वाकई काफी अच्छी हैं और काफी अच्छे तरीके से आपने बताया है.

    Reply
  8. sitemap ka use kyu karte hai apne website me
    or
    robot.txt
    no follow and do follow me kya difference hota hai
    sir

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    • Sitemap submit karne se google ko crwal karne me aasani hoti hai.

      Nofollow waise link hote hain jisme linkjuice pass nahi karta hai iske thik opposite Dofollow me linkjuice pass karta hai. Yani ki agae achhe website se Dofollow backlink mili hai to Google ke liye site ki value badh jati h.
      Robots.txt – ye ek aisa file hota hai jisme hum google bots ko ye direction dete hain ki use kya crawl karna hai aur kya nahi karna hai.

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  9. Hi Wasim sir your post is very helpful for. sir meri ek website hai jis par main work kar rai hu keywords selection main problem face ho rai hai property dealer ki site hai ( Real Estate ) pls help me sir

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  10. dhnyvad sir aapke es badhiya artical ke liye
    mene internet par on page seo ke bare me bahut search kiya par abhi bhi bahut sa content hindi me nahi he
    par aapke es hindi artical se mere sare confusion dur ho gaye thanks

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  11. apne hindi fonts ko kiase use kiya hai apne web page pe
    aur ye webpage static web page hai na to isko hosting apne kaha se kiya hai ?
    mai bhu HTML + CSS use kar ke web host karna chahta hu (lekin Hindi font use karna chahta hu)

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  12. very nice post apne bahut hi accha blog likha hai padhkar bahut accha laga aur bahut sare doubt clear huye thanks you for creating this post

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  13. Sir आपने बहोत अच्छी पोस्ट लिखी है। बड़े ही काम की जानकारी है आप आगे भी ऐसी ही post लिखते रहना??

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  14. आपकी बताई गई सभी जानकारी बहुत ही अच्छी है seo के लिए ये टिप्स सबसे ज्यादा अच्छी लगी धन्यवाद

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  15. आपकी बताई गई tips अच्छी लगी। जानकारी देने के लिए धन्यवाद!

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