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Home » Information » इसरो क्या है और इसका केंद्र कहां है?

इसरो क्या है और इसका केंद्र कहां है?

Wasim Akram Filed Under: Information नवीनतम: 14-11-2019

ब्रह्मांड की उत्पत्ति का राज हर कोई जानना चाहता है और हर किसी को वैज्ञानिक खोजों के बारे में भी जानकारी इकट्ठा करने की इच्छा होती है. इसीलिए आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे कि इसरो क्या है (What is ISRO in Hindi) और इसका केंद्र कहां है? इसकी फूल फॉर्म इसकी स्थापना किसने की और भी जानकारी आपको हम इस लेख के माध्यम से बताएँगे तो आपने इस संसथान का नाम तो सुना होगा अगर नहीं तो चंद्रयान 2 को याद कीजिये जो कुछ समय पहले ही लॉंच हुआ था इसरो के बारे मे हम आपको विस्तार से हर बात बताएँगे.

इसरो के बारे मे आपको पता होना भी जरूरी है अगर आप कोई स्टूडेंट है तो जरूर आपको पता होना चाहिए. क्योकि जो भी सरकारी नौकरी के लिए तैयारी कर रहे है उनको पता होना तो बहुत जरूरी है ये सब सवाल आपके एसएससी के एक्जाम मे आते है और सबसे ज्यादा करेंट अफेयर मे पूछे जाते है तो ध्यान से इसे पढे और इसे पढ़ने से आपको जानकारी भी होगी और करेंट अफेयर भी तैयार होगी.

ये हमारे देश के सबसे प्रमुख और प्रतिष्ठित सरकारी संस्थान में से एक है जो अंतरिक्ष से जुड़ी सूचनाओं को इकट्ठा करने और जानकारी हासिल करने का काम करती है. इसीलिए इसके बारे में जानकारी बहुत जरुरी है चाहे वो आम नागरिक हो या फिर कोई युवा व 10th और 12th में पढाई करने वाला छात्र. तो बिना देरी किये चलिए जानते हैं की आखिर ये इसरो क्या है (What is ISRO in Hindi).

इसरो क्या है – What is ISRO in Hindi

विषय - सूची

()
  • इसरो क्या है – What is ISRO in Hindi
    • इसरो का फुल फॉर्म क्या है – Full Form of ISRO
    • इसरो की स्थापना किसने की?
    • इसरो की स्थापना कब की गयी?
    • इसरो का केंद्र कहां है?
    • इसरो की उपलब्धियां
    • करेंट अफेयर मे पुछे जाने वाले सवाल
    • इसरो द्वारा चंद्रयान -1 की लौंचिंग
    • इसरो द्वारा चंद्रयान -2 की लौंचिंग
    • इसरो द्वारा मंगलयान की लौंचिंग
    • संक्षेप में

isro kya hai hindi

इसरो भारत की स्पेस एजेंसी और राष्ट्रीय अन्तरिक्ष अनुसंधान है और इसरो का काम अन्तरिक्ष से संबन्धित सभी प्रकार तकनीक उपलब्ध करना और विकसित करना है.

इसरो दुनिया की 5 टॉप बड़ी अन्तरिक्ष एजेंसियो मे से एक है. इसने अब तक 370 उपग्रह अन्तरिक्ष मे भेज चुका है जिसमे से 101 भारत के लिए और 269 विदेशो के लिए भेज चुका है. इसलिए ये दुनिया की 5 टॉप अन्तरिक्ष एजेंसियो मे सुमार है और 5 टॉप एजेंसियो को हिस्सा है इस संसथान ने बड़ी बड़ी उपलब्धियां हासिल की है.

इसके लिए सबसे बड़ा उदाहरण है चंद्रयान 2, और अब चंद्रयान 2 को लॉंच करने के बाद भारत द्वारा 371 उपग्रह अन्तरिक्ष मे भेज चुका है. इस संसथान की  इतनी  उपलब्धियां हासिल करने के बाद अब ये चंद्र मिशन के बाद , इस को अगली तैयारी सूरज मिशन एल को अंजाम देना है.  इस की बड़ी सफलताओ मे से एक बड़ी सफलता ये है ये भारत द्वारा मंगल मिशन को अंजाम दिया जिसने मंगल मिशन को लॉंच करके बड़ी सफलता प्राप्त की. पहली बार मे मंगल मिशन मे कामियाब रहा और अभी तक कोई भी स्पेस एजेंसी ऐसा नहीं कर पायी है.

इसरो एजेंसी की खास बात ये भी है की ये आर्गेनाईजेशन एक ऐसी एजेंसी है जो की दूसरे देशो के मुक़ाबले कम खर्च मे ही स्पेस प्रोग्राम लॉंच करती है. इसलिए इस एजेंसी की ये खास बात भी है इसका उदाहरण सभी देश इसीलिए भी देते हैं क्यूंकि हाल ही मे लॉंच किया गया चंद्रयान 2 उसका खर्च 978 करोड़ रुपये खर्च हुये थे यानि की चंद्रयान 2 मे 978 करोड़ रुपये खर्च हुये जोकि कई हॉलीवुड मूवी के बजट से भी कम बजट है. उदाहरण के लिए एक चर्चित हॉलीवुड फिल्म एवेंजर्स एंडगेम का बजट 2443 करोड़ रुपये है तो आप खुद अंदाजा लगा सकते है की इनते खर्च मे दो चंद्रयान लॉंच हो सकते है.

इसरो का फुल फॉर्म क्या है – Full Form of ISRO

इसका का पूरा नाम हिन्दी मे

भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन 

Full Form of ISRO

Indian space research organization

इसरो की स्थापना किसने की?

इसरो के बारे मे तो आपको पता चल ही गया है की ये एक  संस्था है. इसके बाद अब आपको बताते है की इस की स्थापना किसने की?  इस संसथान की स्थापना सन 15 अगस्त 1969 मे की गयी थी और उस समय हमारे देश के प्रधान मंत्री पं जवाहर लाल नेहरू थे.

इसरो की स्थापना वैज्ञानिक विक्रम अंबालाल साराभाई के कोशिशों से हुयी और ये विक्रम अंबालाल साराभाई इस संसथान के मुख्य या chairman scientist थे और इसका मुख्यालय बैंग्लोर मे है और अभी इस के अध्यक्ष A.S kiran kumar है. ये सिर्फ भारत के लिए काम करती है अन्तरिक्ष से संबन्धित कार्य और शोध करने का काम करती है.

इस का मुख्य कार्य अन्तरिक्ष से टेक्निक प्राप्त करना है. इस संसथान द्वारा क्यी गए कार्यो मे लॉंच विहिकल्स और रोकेट्स का विकास करना है हम आपको बता दे की रॉकेट उनको कहते है जिसके द्वारा satellite को छोड़ा जाता है. अभी इस संसथानके पास 2 रोकेट्स है एक है PSLV जिस की फ़ुल फॉर्म polar satellite launch vehicle होती है और दूसरा GSLV जिसकी फ़ुल फॉर्म geosynchronous satellite launch vehicle होती है.

pslv को छोटे और हल्के रोकेट्स को छोड़ने के लिए किया जाता है और अब तक PSLV के द्वारा 70 से भी ज्यादा satellite को छोडे जा चुके है तथा GSLV का बड़े और भारी satellite को छोड़ने के लिए किया जाता है इसलिए अब हमारा देश भी उन 6 देशो मे शामिल है जो अपना सैटिलाइट खुद भेज सकते है.

  • साइंटिस्ट कैसे बने – इसरो या नासा में वैज्ञानिक बनने का तरीका
  • फिजिक्स क्या है और इसकी परिभाषा क्या है?
  • Nasa क्या है और ये किस देश में स्थित है?

इसरो की स्थापना कब की गयी?

15 अगस्त 1969

इसरो का केंद्र कहां है?

इसका मुख्यालय बैंग्लोर मे है.

इसरो की उपलब्धियां

दोस्तो अब तक आपको इतनी जानकारी इस संसथान के बारे मे मिल गयी अब उन विषयो पर चर्चा करते है जो की इसरो की महान उपलब्धियां है. आखिर इस संसथान की वो कौन कौन सी उपलब्धियां है देखते है.

1. 1982 मे इन्सेट -1A को अप्रैल मे लॉंच किया गया और सितंबर मे अक्रियकरण किया गया है ये है इस संसथान की पहली उपलब्धि.
2. 1981 एप्पल नाम के भूवैज्ञानिक संचार उपग्रह को लॉंच किया गया.
3. 7 जून 1979 मे भारत का दूसरा उपग्रह लॉंच किया गया जिसका नाम भास्कर रखा गया.
4. 19 अप्रैल 1975 मे भारत का पहला उपग्रह लॉंच किया गया जिसका नाम आर्यभट्ट रखा गया.
5. 1972 मे अन्तरिक्ष विभाग की स्थापना की गयी.
6. 21 नवंबर 1963 मे थुंबा से पहले रौकेट का परीक्षण किया गया.
7. 1984 मे राकेश शर्मा पहला भारतीय अन्तरिक्ष यात्री बना.
8. 1988 मे भारत का पहला IRS – 1A दूर संवेदी उपग्रह लॉंच किया गया.
9. 1992 मे पूरी तरह स्वदेशी तकनीक की मदद से भारत ने इन्सेट -2A उपग्रह को सफलतापूर्वक लॉंच किया.
10. 1999 मे पहली बार किसी दूसरे देश के उपग्रह को भारत के लॉंच किया गया.
11. 22 अक्टूबर 2008 को चंद्रयान को सफलतापूर्वक लॉंच किया गया.
12. 5 नवंबर 2013 को मंगलयान को सफलतापूर्वक लॉंच किया गया और पहली ही बार मे मे मंगलयान को सफलतापूर्वक लॉंच करने वाला भारत पहला देश बन गया
13. 14 जुलाई 2019 को चंद्रयान 2 को सफलतापूर्वक लॉंच किया गया और दूसरे देशो के मुक़ाबले सबसे कम खर्चे मे चंद्रयान 2 लॉंच किया गया. और चंद्रयान 2 को लॉंच करके भारत एक अकेला देश बना जोकि दक्षिण ध्रुव पर उतरा.

करेंट अफेयर मे पुछे जाने वाले सवाल

  • इस संसथान की स्थापना कब की गयी – 15 अगस्त 1969
  • भारतीय अन्तरिक्ष कार्यक्रम का जनक किसे कहते है – विक्रम आंबालाल साराभाई
  • इसरो का पूरा नाम क्या है Indian space research organization (भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान )
  • भारतीय पहला स्वदेशी रौकेट कब बना – 20 नवंबर 1967 मे आरएच -75
  • भारत मे अन्तरिक्ष कार्यक्रम का आरंभ कहाँ से हुआ -तिरुवन्तपुरम के निकट थुंबाभूमध्यरेखीयरौकेट प्रमोचन केंद्र मे हुआ
  • भारत का पहला उपग्रह कौनसा है – आर्यभट्ट
  • चंद्रयान 1 को कब लॉंच किया गया -22 अक्टूबर 2008
  • चंद्रयान 2 को कब लॉंच किया गया – 14 जुलाई 2019 को चंद्रयान 2 को सफलतापूर्वक लॉंच
    किया गया.
  • इस संसथान के chairman कौन है – कैलास वादिवू सिवान.
  • चंद्रयान 2 के कितने हिस्से थे – चंद्रयान 2 के तीन हिस्से थे ( ओर्बीटर , रोबर , लैंडर ).
  •  चंद्रयान 2 मिशन लैंडर का नाम क्या था -विक्रम.
  • चंद्रयान 2 को किस कंपनी ने लॉंच किया – इसरो ( भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान ).

तो दोस्तो आपने अब जान ही लिया है की क्यो इसरो महान अन्तरिक्ष एजेंसियो मे आती है और आज ये अन्तरिक्ष से उपलब्धियां हासिल करने मे आगे अति जा रही है और एक दिन उन टॉप 5 अन्तरिक्ष एजेंसियो मे से नंबर 1 पर भी आ जाएगी इस संसथान द्वारा लॉंच किए गए सैटिलाइट सबसे कम खर्च मे होते है. इस कारण भी ये संसथान एक खास एजेंसियो मे आती है.

इसरो द्वारा चंद्रयान -1 की लौंचिंग

अब आपको चंद्रयान -1 की लौंचिंग के बारे मे बताते है जो इसरो ने लॉंच किया था. इस आर्गेनाईजेशन द्वारा चंद्रयान -1 को लॉंच करने का मकसद था की चंद्रयान चंद्रमा पर पानी की खोज के कर सके और चंद्रयान को चंद्रमा पर पानी की पक्कीम पुष्टि के लिए लॉंच किया गया था.  और ये खोज सबसे अलग थी चंद्रयान ने चाँद के उत्तरी ध्रुव क्षेत्र मे बर्फ के रूप मे पानी जमा होने की खोज की थी और चंद्रयान ने इसके अलावा और भी पुष्टि चाँद पर की थी इसमे चंद्रयान ने चंद्रमा पर मैग्रीशियम , एलुमिनियम और सिलिकोन का भी पता लगाया चंद्रयान भारत द्वारा चंद्रमा पर भेजा गया पहला मिशन था जो इस आर्गेनाईजेशन द्वारा भेजा गया था.

संस्कृत और हिन्दी मे चंद्र का अर्थ चंद्रमा और यान का अर्थ वाहन होता है इसलिए इसका नाम चंद्रयान है. इसका मतलब चंद्रमा पर भेजा गया अन्तरिक्ष वाहन होता है तो आपको अब इसका मतलब भी पता चल गया है.

चंद्रयान 1 भारत के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण वाहन PSLV –C II से 22 अक्टूबर 2008 को श्री हरीकोटा के सतीश धवन अन्तरिक्ष केंद्र से छोड़ा गया था इस अन्तरिक्ष यान ने चाँद की 3400 से ज्यादा परिकरमाए की और यह 312 दिन अर्थात 29 अगस्त तक काम करता रहा तो ये थी चंद्रयान 1 की कुछ जानकारी जो इसरो के द्वारा इसे लॉंच किया गया.  ये संसथान इसी प्रकार भारत और अन्य देशो के लिए अन्तरिक्ष उपलब्धियां हासिल की है इसलिए ये संसथान उन सभी अन्तरिक्ष कंपनी मे से एक है और टॉप 5 महान अन्तरिक्ष कंपनियो मे सुमार है.

इसरो द्वारा चंद्रयान -2 की लौंचिंग

आपको बताते है की चंद्रयान -1 के बाद चंद्रयान -2 को भी इस संसथान द्वारा लॉंच किया गया चंद्रयान -2 भी चंद्रयान -1 की ही अगली कड़ी थी जिसे इसरो ने तैयारी के साथ 24 जुलाई 2019 मे लॉंच किया था चंद्रयान -2 के 3 हिस्से थे (ओर्बीटर , रोबर , लेंडर) इन 3 हिस्सो मे चंद्रयान -2 को लॉंच किया था.  चंद्रयान -2 चंद्रमा की सतह पर मोडयुल उतारने की कोसिस करेगा और 6 पहियो वाला रोबर प्रज्ञान को चाँद पर फिट करेगा इसके जरिये कई वैज्ञानिक परीक्षण किए जाएंगे चंद्रयान -2 अब तक के सभी मिशनो से भिन्न था. करीब दस वर्षो के वैज्ञानिक अनुसंधान और अवीयांत्रिक के विकास कामयाब दौर के बाद भेजे गए चंद्रयान -2 का मकसद दक्षिण ध्रुव से उन
अछूती जानकारियों को एकत्रित करना है.

चंद्रयान -2 श्री हरीकोटा के सतीश धवन अन्तरिक्ष केंद्र से 9 से 16 जुलाई 2019 के जीएसएलबी एमके –III अन्तरिक्ष मे छोड़ा गया था. इस के लॉंच होने के बाद वो घड़ी आए जब चाँद पर चंद्रयान -2 उतरने वाला था लेकिन किसी कारण वश इस आर्गेनाईजेशन के वैज्ञानिको का संपर्क लेंडर विक्रम से टूट गया लेकिन फिर भी चंद्रयान -2 दक्षिणी ध्रुव पर पहुचने वाला अकेला भारत है. कोई देश अभी तक दक्षिणी ध्रुव से नहीं पहुच पाया ये थी.  इस संसथान की चंद्रयान 2 की सफलता और इसके लिए प्रधानमंत्री जी ने इस आर्गेनाईजेशन के वैज्ञानिको के लिए हौसला दिया था.

इसरो द्वारा मंगलयान की लौंचिंग

इस आर्गेनाईजेशन के द्वारा मंगलयान को लॉंच करने पर रचा गया था इतिहास. मंगलयान मंगल गृह की अंडाकार कक्षा मे सफलता पूर्वक प्रवेश कर चुका था ये भारत के अन्तरिक्ष शोध मे एक कालजयी घटना थी भारत की अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा मंगलयान की सफलता से रचा था भारत का इतिहास, इसके बाद भारत ऐसा देश बन गया जिसने पहले ही प्रयास मे सफलता पा ली थी भारत के मंगल अभियान का निर्णायक चरण 24 सितंबर को सुबह यान को धीमा करने के साथ ही शुरू कर दिया था.

मंगलयान की सफलता उन 24 मिनटो पर निर्भर थी जिस दौरान यान मे मौजूद इंजन को चालू किया गया था मंगलयान की गति धीमी करनी थी ताकि ये मंगल की कक्षा मे गुरुत्वाकर्षण से खुद बख़ुद खिचा चला जाए और वह स्थापित हो जाए मंगलयान की सफलता इसरो के वैज्ञानिको के लिए बहुत ही बड़ी बात थी मंगलयान की सफलता से भारत ऐसा देश भी बना जिसने पहले प्रयास मे ही सफलता हासिल की. ये थी इस आर्गेनाईजेशन की महान उपलब्धियां जिसे भारत और भारत के लोग कभी नहीं  भूल सकते है.

Guest Author 

ये एक गेस्ट पोस्ट है जो Himanshu Grewal द्वारा लिखी गयी है और जो हर प्रकार की जानकारी अपने ब्लॉग द्वारा शेयर करते हैं और जो HimanshuGrewal वेबसाइट के ओनर और फाउंडर हैं.

संक्षेप में

दोस्तो हमने आपको अधिक से अधिक प्रयास किया है की आपको इसरो के संबंध में प्राथमिक जानकारी इस लेख के माध्यम से बता सके.  हम उम्मीद करते है की आपको समझ आ गया होगा  इसरो क्या है (What is ISRO in Hindi)? इस आर्गेनाईजेशन के काम , इस की उपलब्धियां , इसकी स्थापना कब और कहाँ हुई? इस संसथान के सफलताए ये सभी आपको पूरी तरह से समझ में आ गया होगा.

अगर आपको और कुछ भी इससे संबन्धित कोई भी प्रश्न पूछना है या कोई भी ही सवाल आप पुछना चाहते है तो उसे आप कमेंट के माध्यम से पूछ सकते है और इसको आप अपने सभी मित्रो के साथ शेयर करे ताकि उनको भी इसके बारे मे पता चले.

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Wasim Akram

हेलो फ्रेंड्स मैं वसीम WTechni का Chief Author और फाउंडर हूँ. वैसे मैंने इंजीनियरिंग किया है लेकिन ब्लॉग्गिंग मेरा पैशन है. हर रोज़ टेक्नोलॉजी से जुडी नई नई चीज़ें सीखना और दुसरो तक पहुँचाना मेरा शौक है.

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टिप्पणियाँ (1)एक टिप्पणी जोड़ें
  1. Mohit Choudhary says

    November 29, 2019 at 10:49 am

    Sir aapka bahut bahut धन्यवाद jo aapne ISRO ke bare me bataya…. Thanku so much sir…..

    Reply

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