जिप्सम का रसायनिक सूत्र क्या है? जिप्सम के उपयोग और गुण

जिप्सम एक ऐसा रासायनिक यौगिक है जिसके बारे में बच्चों को जानना आवश्यक है, इसका उपयोग हमारे जीवन के लिए  बहुत ही महत्वपूर्ण है. आज आप हमारे इस आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे कि जिप्सम का रासायनिक सूत्र क्या होता है? जिप्सम से संबंधित जानकारी बच्चों को जाननी आवश्यक है क्योंकि इसका उपयोग हमारे जीवन के कई प्रकार के कार्यों में किया जाता है.

इसके साथ साथ जिप्सम से संबंधित प्रश्न बोर्ड परीक्षा ज्यादा मार्क्स के आते हैं इसलिए जिप्सम की जानकारी रखना जरूरी है. बहुत से ऐसे बच्चे होते हैं जिन्हें इसकी रसायनिक सूत्र और रासायनिक नाम समझने में परेशानी होती है जिस कारण उन बच्चों को इसकी सही जानकारी नहीं मिल पाती. आज आप जिप्सम से संबंधित सटीक जानकारी जानेंगे.

जिप्सम क्या है?

जिप्सम एक रासायनिक यौगिक है जो कठोर ठोस अवस्था में होती है, जिप्सम को प्लास्टर ऑफ पेरिस अर्थात कैलशियम सल्फेट हेमीहाइड्रेट से प्राप्त किया जाता है. जिप्सम एक बहुत ही महत्वपूर्ण खनिज होती है जो संगमरमर के छोटे-छोटे दानों के समान दिखने में प्रतीत होता है. जिप्सम  सैनैटाईट के साथ-साथ हरसोठ के नाम से जाना जाता है. 

जिप्सम का प्रयोग किसानों के द्वारा अच्छी फसल उपजाने के लिए किया जाता है जिसमें जिप्सम ,खनिज पदार्थों के रूप में फसलों को लाभ पहुंचाता है और इस कारण से फसल अच्छी मात्रा में उपजती है. जिप्सम एक ऐसा रासायनिक यौगिक है जिसमें कैल्शियम सल्फेट के अनु के साथ साथ जल के दो अनु उपलब्ध होते हैं. 

जब जिप्सम को गर्म किया जाता है तो उस्मा के कारण जल के अनु सूख जाते हैं जिससे सिर्फ जिप्सम ही बच जाता है इसलिए यदि हमें शुद्ध जिप्सम निकालना हो तो जिप्सम को गर्म करना होगा.

जिप्सम का रासायनिक सूत्र

प्लास्टर ऑफ पेरिस में जब जल से अभिक्रिया कराई जाती है तो उस रसायनिक अभिक्रिया के दौरान हमें जिप्सम जैसे महत्वपूर्ण खनिज पदार्थ मिलता है.

इस का रासायनिक सुत्र CaSo4.2H2O होता है जिसमें कैलशियम सल्फेट के साथ जल के अणु भी शामिल होते है.

जिप्सम का रासायनिक नाम क्या है?

जिप्सम एक ऐसा रासायनिक यौगिक है जिसका उपयोग हमारे दैनिक जीवन में बहुत ही आवश्यक सामग्री को बनाने के लिए किया जाता है इसलिए इस खनिज पदार्थ का महत्व हमारे जीवन में बहुत ही ज्यादा है.

 इस यौगिक का रासायनिक नाम कैलशियम सल्फेट है. बहुत से ऐसे बच्चे होते हैं जिन्हें जिप्सम का रासायनिक नाम नहीं पता होता जिस कारण से उनके प्रश्न परीक्षा में छूट जाते हैं क्योंकि जिप्सम से संबंधित बहुत सारे प्रश्न हमारे बोर्ड एग्जाम में पूछे जाते हैं. हर एक विद्यार्थी को जिप्सम का रासायनिक नाम जानना चाहिए.

जिप्सम का निर्माण प्रक्रिया:-

जब प्लास्टर ऑफ पेरिस में जल से अभिक्रिया कराई जाती है  तो इस अभिक्रिया के दौरान हमें प्लास्टर ऑफ पेरिस मिलता है.

CaSo4.1/2H2O +11/2H2O —– CaSo4.2H2O.

प्लास्टर ऑफ पेरिस से हमें जिप्सम जैसे बेहतरीन खनिज पदार्थ कैलशियम सल्फेट के रूप में प्राप्त होता है.

जिप्सम कहां पाया जाता है?

जैसा कि आपको पता है जिप्सम एक बहुत ही अच्छी गुणवत्ता वाली  खनिज होती है जिसका प्रयोग हमारे जीवन में अनेक प्रकार से किया जाता है. इस खनिज की आवश्यकता हमारे लिए बहुत ही आवश्यक है  यह जिप्सम शुष्क जलवायु वाले क्षेत्रों में अधिकतर पाया जाता है.

हमारे देश में जिप्सम बहुत ही अधिक मात्रा में पाया जाने वाला खनिज  है इसलिए इसका उपयोग हम अपने जीवन में आसानी पूर्वक कर सकते हैं. भारत के ऐसे कई राज्य हैं जिसमें यह उपयोगी यौगिक अर्थात कैलशियम सल्फेट अधिक मात्रा में पाई जाती है जैसे गुजरात, राजस्थान, बिहार एवं तमिलनाडु.

इन सभी क्षेत्रों में  ज्यादा मात्रा में जिप्सम प्राप्त किया जाता है इसलिए इन राज्यों में जिप्सम की कमी नहीं होती और यह राज्य शुष्क जलवायु वाले होते हैं जिस कारण से भी इसमें ज्यादा मात्रा में यह खनिज मिलने की संभावना रहती है.

जिप्सम के भौतिक गुण धर्म क्या है?

जिप्सम जैसे अच्छी गुणवत्ता के खनिज हमारे देश में अधिकतर पाई जाती है जिससे हमें किसी अन्य देश से इस खनिज का आयात नहीं करना पड़ता और हमारी अर्थव्यवस्था भी बचती है.

जिस तरीके से खनिज पदार्थ का उपयोग हमारे जीवन में अनेक पदार्थों को बनाने में किया जाता है ठीक उसी प्रकार यह हमारे देश में अधिक मात्रा में भी उपलब्ध है जिससे हमें आसानी से जिप्सम प्राप्त होता है.

जिप्सम का भौतिक गुणधर्म निम्नलिखित है

  •  कैलशियम सल्फेट अर्थात जिप्सम को जब निकाला जाता है तो वह क्रिस्टल के रूप में होता है, क्रिस्टल के रूप में होने से यह दिखने में काफी आकर्षक प्रतीत होता है और व्यवस्थित रूप से भी रहता है.
  • जिप्सम एक कोमल खनिज होता है जिसे नाखूनों की सहायता से भी खरोचा जा सकता है.
  • जिप्सम जल में अघुलनशील पदार्थ होता है. जो जल में विलय नहीं होता.

जिप्सम के उपयोग

जिप्सम जैसे गुणवत्ता वाले खनिज का उपयोग हमारे दैनिक जीवन में अनेक प्रकार किया जाता है जो निम्नलिखित है :-

  • अमोनियम सल्फेट जैसे उर्वरक को बनाने के लिए जिप्सम का प्रयोग किया जाता है.
  • रसायनिक खाद के साथ-साथ गंधक का अम्ल और प्लास्टर ऑफ पेरिस बनाने में भी जिप्सम का प्रयोग किया जाता है.
  • इसका उपयोग अग्निशामक पदार्थों को बनाने में भी किया जाता है.
  • जिप्सम का उपयोग खनिज के रूप में पोर्सिलिन तथा कांच बनाने में किया जाता है.
  • जिप्सम मिट्टी को उपजाओ बनाता है जिस कारण से किसानों की फसल अच्छी मात्रा में उपजटू है क्योंकि अधिक मात्रा में फसल उपजाना तभी पॉसिबल है जब उसकी मिट्टी की गुणवत्ता अच्छी क्वालिटी की होगी.

इस प्रकार जिप्सम का प्रयोग हम अनेक प्रकार के पदार्थ को बनाने के लिए करते हैं. जिसका उपयोग हमारे जीवन के लिए बहुत ही आवश्यक होता है .

जिप्सम का भाव कितना है?

कुछ समय पहले एक बोरी जिप्सम का खरीदारी ₹138 लगता था लेकिन अब 38.80 में एक बोरी खरीदी जा सकती है. 

जिप्सम मृदा को अच्छी क्वालिटी का बनाता है इस कारण से इसे मृदा सुधारक भी कहा जाता है जिप्सम की इस गुणवत्ता के कारण किसानों द्वारा अधिक मात्रा में खरीदी जाती है.

कैलशियम सल्फेट को मिट्टी में मिलाया जाता है जिससे मिट्टी उपजाऊ बनती है और उसके पश्चात जब किसान मिट्टी में फसल को बोते हैं तब मिट्टी की अच्छी गुणवत्ता के कारण फसल भी अधिक मात्रा में उपजता है जिससे किसानों को लाभ मिलता है.

किसान जिप्सम का उपयोग कब और कैसे करता है?

जिप्सम का उपयोग किसानों द्वारा बहुत ही कम मात्रा में किया जाने लगा है क्योंकि अब किसान अधिकतर अपने फसलों को अच्छी पूर्वक उपजाने के लिए कैल्शियम पोटेशियम एवं नाइट्रोजन का करने लगे हैं. 

लेकिन कैलशियम सल्फेट का उपयोग नहीं करने से मिट्टी की गुणवत्ता धीरे धीरे खराब होती चली जा रही है जिप्सम से मिट्टी की गुणवत्ता अच्छी रहती है जिससे फसल भी अच्छी मात्रा में उत्पादित होते  हैं. 

जिप्सम की कमी अधिकतर ज्यादा चित्र वाले खेतों में एवं उपक्षणीय भूमि में अधिक होती है. जिप्सम अन्य उर्वरक की अपेक्षा एक महत्वपूर्ण उर्वरक है जिसका उपयोग है अपने मर्दा को सुरक्षित रखने के लिए करना चाहिए.

जिप्सम मिट्टी में उपस्थित सोडियम के आयन को हटाता है और वहां अपनी जगह लेकर मृदा को अच्छी गुणवत्ता वाली मिट्टी बनाता है. जिप्सम में कैल्शियम सल्फेट और जल दोनों के अनु उपस्थित होते हैं जिसमें कैल्शियम 23. 3 प्रतिशत तथा सल्फेट 18.5 प्रतिशत अनु उपलब्ध रहता है. 

जब जिप्सम को पानी में मिलाया जाता है तो यह जिप्सम कैल्शियम और सल्फेट आयन उत्पन्न करते हैं, कैल्शियम के धनात्मक आयन ज्यादा होने के कारण मिट्टी में उपस्थित सोडियम के आयन को या रिप्लेस कर देता है और उसके स्थान पर वहां खुद उपस्थित हो जाता है. 

इन आयनो की कणों की वजह से मृदा के गुण में परिवर्तन होता है जिससे मिट्टी अच्छी क्वालिटी की बनती है. जिप्सम मिट्टी को सुक्ष्म  पोषक तत्व के रूप में उपजाऊ  बनाते हैं.

जिप्सम क्यों डालें?

जिप्सम में सल्फर की मात्रा अधिक होती है जिस कारण से इसका उपयोग फसल संरक्षण में भी किया जाता है.

मिट्टी में जिप्सम मिलाने से उसमें विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों की बढ़ोतरी होती है जैसे कैल्शियम पोटेशियम नाइट्रोजन सल्फर इत्यादि, इससे जब फसल उत्पादित होते हैं तो यह गुणवत्ता वाली मिट्टी फसलों को अधिक मात्रा में उपजाने में मदद करती है.

अम्लीय मृदा में उपस्थित एलुमिनियम के प्रभाव को जिप्सम कम करने का काम करता है जिससे मिट्टी को क्षति नहीं पहुंचती.

जिप्सम का प्रयोग मृदा में कैल्शियम और सल्फर की अनु को बढ़ाने के लिए किया जाता है.

जिप्सम के कैल्शियम और सल्फर अनु मृदा में उपस्थित रहते हैं जिस कारण से फसलों के जोड़ों को यह मजबूत करने का काम करता है और फसलों की वृद्धि में भी अपना योगदान देता है.

जिप्सम मिट्टी में कठोर पन को रोककर उसमें जल प्रवेश की प्रक्रिया को बढ़ाता है जिससे मिट्टी सूखती नहीं है.

जिप्सम को मृदा में कब मिलाया जाता है?

 बुवाई के पहले खेत को अच्छे तरीके से जोत दिया जाता है जिससे मिट्टी में थोड़ा गिला  पन आता है इसके पश्चात जिप्सम में उपस्थित सल्फेट और कैल्शियम की मात्रा को मृदा में मिला दिया जाता है

मृदा में उपस्थित हानिकारक तत्व को यह जिप्सम हटा देता है इस प्रकार जिप्सम मृदा की सुरक्षा करता है और इसे अच्छी गुणवत्ता वाली बनाता है.

जब जिप्सम को मृदा में मिला दिया जाता है उसके कुछ समय पश्चात बुवाई की प्रक्रिया शुरू की जाती है.

इस प्रकार जिप्सम जो मृदा में मिले होते हैं वे इनकी जड़ों को मजबूत बनाते हैं और इन फसलों को अधिक तेजी से विकास करने में भी मदद करते.

जिप्सम के उपयोग में ध्यान देने वाली बात

  •  यदि जिप्सम डालते वक्त ढेला के  समान हो तो उन्हें अच्छे पूर्वक मिला लें और फिर खेतों में सामान्य रूप से इनका छिड़काव करें.
  • जब जिप्सम को खेत में डाला जाता है उस वक्त आपके हाथ सूखे होने चाहिए.
  • मृदा के ज्यादा अंदर इसको नहीं डालें जहां तक संभव हो मृदा के ऊपर जिप्सम को डाले.
  • जिप्सम को नमी वाले मृदा में ना रखें मृदा के ऊपर वाले हिस्से में रखें जहां मिट्टी गीली ना हो.
  • जब जिप्सम को मिट्टी में डाला जाता है तो उसी वक्त अच्छी तरीके से  मिट्टी के साथ जिप्सम को मिला दे.
  • जिप्सम को छोटे बच्चों से दूर रखें. क्योंकि बच्चे इन्हें हाथ में ले सकते हैं जो उनके लिए हानिकारक हो सकता है.

किसान जिप्सम को कहां से प्राप्त करते हैं?

  • कई किसान लोग जिप्सम को जिला कृषि अधिकारी कार्यालय से प्राप्त करते हैं.
  • मिनरल्स इंडिया लिमिटेड एवं एफसीआई अरावली जिप्सम, जोधपुर तथा राजस्थान से जिप्सम प्राप्त की जाती है.
  • कई किसान अपने नजदीकी ब्लॉक कार्यालय से भी जिप्सम को लेते है.

निष्कर्ष

कैलशियम सल्फेट का हमारे जीवन में बहुत ही उपयोग है क्योंकि हम जिस भोजन को ग्रहण करते हैं उसकी उत्पत्ति में कैलशियम सल्फेट बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जिससे अच्छी गुणवत्ता वाले फसल उपजते हैं जो हमारे शरीर के लिए लाभदायक होता है. 

आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताया कि जिप्सम का रासायनिक सूत्र क्या होता है ? और इसके उपयोग तथा इसकी गुण.

आशा है आपको जिप्सम से संबंधित सारी जानकारी इस आर्टिकल के जरिए समझ आ गई होगी. यदि आपको अच्छा लगा हो तो आप अपने ग्रुप में जरुर शेयर करे.

Wasim Akram

वसीम अकरम WTechni के मुख्य लेखक और संस्थापक हैं. इन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है लेकिन इन्हें ब्लॉगिंग और कैरियर एवं जॉब से जुड़े लेख लिखना काफी पसंद है.

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